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अब रात में सड़क पर होना डरावना है- पारुल चौधरी

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By Mayapuri Desk
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अब रात में सड़क पर होना डरावना है- पारुल चौधरी

उत्तर-पश्चिम मुंबई के साकीनाका के खैरानी रोड पर 30 वर्षीय महिला के साथ हुए नृशंस बलात्कार ने पूरे भारत में आक्रोश फैला दिया। इस निशर्स बलात्कार की घटना से एक बार फिर महिला सुरक्षा पर सवाल उठाया है! और अब एक बार फिर पूरे देश में चर्चा हो रही है कि लगभग आठ वर्ष पहले दिल्ली के ‘निर्भया कांड’ के बाद आखिर सरकार ने जो कदम उठाए वह अपना रंग क्यो नही दिखा रहे हैं? दिल्ली के निर्भया कांड ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था और अब मुंबई में तीस वर्ष की महिला संग घटी बलात्कार की घटना ने एक बार फिर पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। अभिनेत्री पारुल चैधरी भी इस पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहती हैं कि अब समय आ गया है कि महिला सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए।

अब रात में सड़क पर होना डरावना है- पारुल चौधरी

‘भाग्य लक्ष्मी’ सहित कई सीरियलों की अदाकारा पारूल चैधरी कहती हैं- “मुंबई के साकीनाका की बलात्कार की घटना ने निश्चित रूप से हम सभी को झकझोर कर रख दिया है। महिलाएं अब कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं, मैं हम सभी के बारे में सोच रही थी, खासकर हम जैसे लोग, ऑन और ऑफ-स्क्रीन दोनों। हम कभी-कभी स्थान तक पहुँचने के लिए एक लंबा रास्ता तय करते हैं और यह एक कारक है कि हमारे पास इतने लंबे काम के घंटे हैं, इसलिए हम अक्सर रात में काफी देर से घर वापस जाते हैं। आपके आस-पास होने वाली घटनाओं के साथ वह भी मुंबई में, अब रात में सड़क पर होना डरावना है।”

अब रात में सड़क पर होना डरावना है- पारुल चौधरी

अब तक पारुल चैधरी को हमेशा लगता था कि दिल्ली की बनिस्बत मुंबई कहीं ज्यादा सुरक्षित है। लेकिन साकीनाका इस घटना ने उन्हे विचलित कर दिया है। वह कहती हैं- “हमें इस मुद्दे पर अंकुश लगाने के लिए कड़े कानूनों की जरूरत है। काश हमारे पास मध्य पूर्व या अरब देषों की तरह सजा देने का प्रावधान होता,मसलन अपराधी को सरे आम फांसी दिया जा सकता। शायद इससे मदद मिले, क्योंकि डर अपराधियों को ऐसे जघन्य अपराध करने से रोक सकता है। एक महिला के तौर पर मैं खुद को असहाय और दुखी महसूस करती हूं। किसी भी इंसान के साथ ऐसा नहीं होना चाहिए, क्योंकि यह क्रूरता और जानवरों जैसा व्यवहार है।”

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