कृति कुल्हारी स्टारर विमन सेंट्रीक वेब सीरीज शादीस्थान ओटीटी प्लेटफ्रार्म डिज्नी हार्टस्टार पर रिलीज हो चुका है। इस सीरीज में कृति के अलावा निवेदिता भार्रचार्य, मेधा शंकर, राजा मोदी और के के मेनन नजर आ रहे हैं। इनके अलावा फिल्म में कृति के तीन दोस्त(शेंपेन्न ख्य्म्सर, अपूर्व डोगरा और अजय जयंती) हैं जो रियल लाइफ म्यूजिशियन है।
कहानी चार दोस्तों की है जिनका एक बैंड है और Sasha(कृति) इस बैंड की सिंगर है। शुरूआत एक स्टेज शो से होती है जहां साशा गाना गा रही है और बाकि उनके दोस्त अपने अपने इंस्टूमेंट प्ले कर रहे हैं। अब इन लोगों को इनका एक दोस्त अपने संगीत में बैंड प्ले करने के लिए हायर करता है। इधर एक फैमली है वो भी इसी शादी में जाने वाले होते है कि इनकी फ्लाइट मिस हो जाती है।
अब कृति और इनके दोस्तों के साथ ये टिपिकल मीडिल क्लास ट्रेडिशनल फैमली जिसमें एक आदमी अपनी वाइफ(निवेदिता भार्रचार्य) और बेटी अर्शी(मेधा शंकर) के साथ राजस्थान शादी में जाता है।
फिल्म की कहानी इसी जर्नी पर आधारित है जिसमें कई ups एंड downs होते हैं जिसमें Sasha को पता चलता है कि अर्शी के पापा उसकी शादी जबरदस्ती करा रहे हैं। वो ये जानकर बहुत शोक हो जाती है कि 18 की उम्र पर करने के एक दिन बाद ही उसका इंगेजमेंट किया जाएगा।
Sasha अर्शी की माँ को समझाने की कोशिश करती है कि वो अपनी बेटी को अपने जैसा न बनाए। वो दब कर रह जाएगी हमेशा के लिए।
फिल्म के दो सीन अच्छे थे जब Sasha और अर्शी की माँ(निवेदिता भार्रचार्य) बात कर रहे होते हैं। इस सीन में Sasha कहती है कि “मैं खाना इसलिए बना रही है क्योंकि मैं बनाना चाहती हूं लेकिन आप इसलिए क्योंकि आपकी मजबूरी है।“
वहीं Sasha की पूरी बात सुनने के बाद अर्शी की माँ कहती हैं कि “गुस्सा कर, चिल्ला कर ये जाहिर करने की जरूरत नहीं है कि औरतें, मर्द के बराबर है- ऐसा कहना कमजोरी है।”
कृति कुल्हारी एक बेहतरीन अभिनेत्री हैं लेकिन इस बार निवेदिता भार्रचार्य ने बाजी मार ली। जिस सादगी और समझदारी से उन्होंने कृति के बातों का जवाब दिया वो काबिलेतारीफ था। बाकि कलाकार भी अच्छे रहे। फिल्म में केके मेनन का गेस्ट अपिएरेंस था लेकिन जबतक स्क्रीन पर रहे नजर नहीं हटने दी। बाकि कलाकरा भी अपने रोल में सही थे।
फिल्म में म्यूजिक नकूल शर्मा का था जिसे आप दुबारा जरूर सुनना चाहोगे। फिल्म की शुरूआत और एंड एक स्टेज शो से होती है लेकिन फिल्म के दौरान जो म्यूजिक था और जो गाना था वो काफी इम्पेक्टफुल और इन्टेंस था। राजस्थान के लोकगीत भी सुनने को मिलेंगे।
फिल्म में डायरेक्शन राज सिंह चौधरी का था। डायरेक्शन को ज्यादा बेहतरीन तो नहीं लेकिन ठीक-ठाक कह सकते हैं।
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कहानी अच्छी थी, सही मेसेज देखे की कोशिश पूरी की गई जो नजर आई
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डायलॉग्स अच्छे थे
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एक्टिंग काबिलेतारीफ
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म्यूजिक बेहतरीन था
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डायरेक्शन ओके ओके
Rating-2.5/5
शराब और सिग्रेट पीने से ही आप इंडिपेंडेंट और फ्री कहलाओगे ये जरूरी नहीं है। फिल्म में ये दोनों ही चीजें अधिक मात्रा में दिखाई गई है। इन सो-कॉल्ड यंग जनरेशन एक फॅमिली के साथ ट्रेवल कर रहे हैं और वो फैमली शराब और सिग्रेट से अनकम्फ़र्टेबल हो रही है। जब ये नए जनरेशन वाले लोग किसी और की भावना और कम्फर्ट को नहीं समझते हैं तो वो कैसे उम्मीद कर सकते हैं कि लोग आपको और आपकी जनरेशन को समझे।