'दायरा' (1996), 'तमन्ना' (1998), 'जस्ट अदर लव स्टोरी' (2010), 'नानू अवनल्ला अवलु' (2015), 'नजान मेरीकुट्टी' (2018), और 'सुपर डीलक्स' जैसी फिल्मों में। ट्रांस व्यक्तियों को अनुकंपा के रूप में लीड (2019) के रूप में दर्शाया गया है। हालांकि, मुख्यधारा की बॉलीवुड फिल्मों में उनका चित्रण 'सड़क' (1991) में सदाशिव अमरापुरकर की महारानी जैसी बुरी भूमिकाओं से लेकर हास्य भूमिकाओं में भिन्न है। 'मीरा माँ' इस मायने में उल्लेखनीय है कि यह एक ट्रांस चरित्र को शामिल करने वाली पहली बॉलीवुड फिल्म है।
फिल्म मीरा परिदा के जीवन के इर्द-गिर्द घूमेगी, जो एक ट्रांसजेंडर एक्टिविस्ट है, जो अपनी राय के बारे में बहुत मुखर रही है और उन सभी लोगों को अपना समर्थन दिया, जिनकी जरूरत है। बायोपिक को जीके एंटरटेनमेंट के सहयोग से एसआर एंटरप्राइजर्स द्वारा अभिनीत और राजेश कुमार मोहंती द्वारा निर्मित किया गया है।
उसी के बारे में बात करते हुए मीरा परिदा ने कहा, 'हमें इस तस्वीर को एक भारतीय समाज के दृष्टिकोण से देखने की जरूरत है, सामान्य तौर पर, भारतीयों को पता नहीं है कि ट्रांस शब्द का क्या अर्थ है। उन्हें कोई सुराग नहीं है कि अगर आप एक लड़की बनना चाहते हैं और एक लड़के के शरीर में पैदा हुए हैं, आप एक लड़की में बदल सकते हैं- वे अवधारणा से अपरिचित हैं।'
उन्होंने आगे कहा, 'तो यह फिल्म उन सभी लोगों के लिए है जो सोचते हैं कि ट्रांसजेंडर अलग हैं या सामान्य इंसान से कम हैं। इसमें हमारे सभी संघर्ष होंगे जिनका हम अपने दैनिक जीवन में सिर्फ इसलिए सामना करते हैं क्योंकि हम अलग पैदा हुए थे। मैं मैं बहुत उत्साहित हूं और मैं दर्शकों के फिल्म देखने का इंतजार नहीं कर सकता।'
फिल्म के निर्माता श्री राजेश कुमार मोहंती की 'अंतरध्वनि' को दुनिया भर से सराहना और प्रशंसा मिली। इसे कान्स फिल्म फेस्टिवल सहित कई फिल्म समारोहों में प्रदर्शित किया गया है।
-कोरील राजेश कुमार