म्यूजिक का असर मुझ पर बचपन से ही था!’: बंटी और बबली 2 की गॉर्जस डेब्युटांट शर्वरी एक मल्टी-टैलेंटेड आर्टिस्ट हैं और अपने पियानो बजाने के जुनून को लेकर बात कर रही हैं

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By Mayapuri Desk
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म्यूजिक का असर मुझ पर बचपन से ही था!’: बंटी और बबली 2 की गॉर्जस डेब्युटांट शर्वरी एक मल्टी-टैलेंटेड आर्टिस्ट हैं और अपने पियानो बजाने के जुनून को लेकर बात कर रही हैं

यशराज फिल्म्स की महंगी इंटरटेनर ‘बंटी और बबली 2’ में हीरोइन के तौर पर लॉन्च की जा रहीं शर्वरी एक मल्टी-टैलेंटेड आर्टिस्ट हैं। ऑडियंस न केवल बड़े परदे पर इस गॉर्जस डेब्युटांट की एक्टिंग का जल्वा देखने का इंतजार करे, बल्कि लोग उनकी पियानो बजाने की महारत के सामने कुर्बान जाने का इत्मीनान भी रख सकते हैं!

शर्वरी बताती हैं, “जब मैं छोटी बच्ची थी, तभी से म्यूजिक का मुझ पर गजब का असर होता था। संगीत सुनना मुझे बेहद पसंद था। अपने कमरे में बैठ कर मैं पुराने कैसेट बजाया करती थी। उसके बाद मैं सीडी बजाने लगी। आगे चलकर मैंने एक एमपी3 प्लेयर ले लिया था। तो मैं कहीं भी जाऊं या खाली बैठी रहूं, मैं किसी न किसी तरह का म्यूजिक हमेशा अपने साथ रखती थी। मैं संगीत सुनती ही सुनती थी। जब मैं 10 साल की हुई, तो मेरी मां ने मुझे सचमुच एक कीबोर्ड वाली क्लास में दाखिल करा दिया और आज भी मैंने कीबोर्ड सीखना बंद नहीं किया है!“

यह युवा अभिनेत्री आगे कहती है, “वह क्लास मैंने अच्छे-खासे 8-9 साल तक अटेंड की, लेकिन आज भी हालत यह है कि मुझे जहां भी अपनी पसंद का कोई गाना या धुन सुनाई दे जाती है, तो वह मेरे दिमाग में दर्ज हो जाती है और मैं फौरन ही घर लौट कर उसे कीबोर्ड पर बजाने की कोशिश करती हूं, साथ ही उस धुन में अपने सुर भी शामिल करती जाती हूं। तो हां, मुझे लगता है कि कीबोर्ड बजाने से मुझको बड़ा सुकून हासिल होता है और बेहद खुशी मिलती है। यह वाकई मेरा एक बेहद अंतरंग हिस्सा बन चुका है।“

यह पूछने पर कि क्या शर्वरी अपने म्यूजिकल पक्ष को फिल्मों में उजागर करेंगी, वह तपाक से जवाब देती हैं, “ऐसा हो जाए तो सोने पे सुहागा होगा। एक्टिंग से मुझे प्यार है, फिल्मों में परफॉर्म करना मुझे बहुत भाता है और कीबोर्ड बजाने में तो जैसे मेरी जान ही बसती है। बिल्कुल, ये दोनों चीजें एक साथ हो सकती हैं और अगर कभी ऐसा हुआ तो यह मेरा एक मुकम्मल ड्रीम प्रोजेक्ट होगा! मेरा मतलब है कि जब मैंने ‘अंधाधुन’ फिल्म पहली बार देखी तो वाकई मेरे दिल में आया कि इस प्रोजेक्ट में मुझको शामिल होना चाहिए था। ‘अंधाधुन’ का हिस्सा बनने के लिए मैं किसी भी चीज का त्याग कर सकती थी। तो इस तरह की किसी चीज के अपनी झोली में गिरने का मैं बेसब्री से इंतजार कर रही हूं।

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