पिछले साल से लेकर अबतक कोरोना महामारी से प्रभावित दुनिया कई तरह से बदल गई है। और विश्व स्तर पर भयानक नुकसान और कई बदलावों के बावजूद, दुनिया भर के संगीतकारों ने अपनी आवाज़ और धुनों के माध्यम से हमें आशा देने के नए तरीके अपनाए हैं। विश्व संगीत दिवस पर, हिंदी म्यूजिक के गायक और संगीतकार ने डिजिटल प्लेटफॉर्म पर कलाकारों को नया जीवन दिया है, और थिएटर में फिल्म रिलीज न बावजूद संगीतकार उम्मीद नहीं छोड़ रहे हैं।
आज विश्व संगीत दिवस के मौके पर आईए आपको बताते हैं कुछ संगीतकारों और गायकों का क्या कहना है आज के सिंगर्स के बारे में इंडिपेंडेंट संगीत बना रहे हैं।
आशा भोसले- “हमें ये देखकर बहुत खुशी महसूस हो रही है कि प्रफोमर अपने काम को ऑनलाइन मीडियम के माध्यम से लोगों तक पहुंचा रहे हैं। क्योंकि इस महामारी के दौरान घर में रहने वाले लोगों तक ऑनलाइन गाने पहुंच पा रहे हैं। इस समय गाना सुनना सबसे जरूरी है। वो ऑनलाइन चैनल्स के माध्यम से ही खुद को इंटरटेन कर पा रहे हैं। मैंने भी खुद का चैनल शुरू किया है इस महामारी के दौरान ताकि मैं आज के सिंगर्स को प्लेटफॉर्म दे सकू उन्हें अपना काम दिखाने के लिए।“
जुविन नोटियाल- “मैं अब आर्टिस्ट के लिए बहुत खुश हूं क्योंकि वो अब केवल फिल्म्स पर डिपेंड नहीं हैं। वो अब सेल्फ सफिशिएंट हैं। जब कलाकार शुरूआत करते हैं तो उन्हें कुछ पता नहीं होता है वो सीखते हैं, और मेहनत कर खुद को बेहतर बनाते हैं। और इस महामारी के दौरान कई लोग म्यूजिशिन बने हैं। ये एक महत्वपूर्ण जर्नी है। अब हम और भी नए आर्टिस्ट को सूनेंगे, नए कंटेंट और कमाल का म्यूजिक सुनेगें, जिसकी कोई सीमा नहीं होगी। मैं इन आर्टिस्ट के लिए बहुत खुश हूं।”
हर्षदीप कौर- “डिजिटली बात करें तो सचमुच में काफी प्रोडक्टिव और पॉजिटिव काम किया है जबसे नए कलाकारों ने काम शुरू किया है। और बहुत सारे स्टेबलिश सिंगर है जो इसके तरफ बढ़ रहे हैं। वो अपना खुद का म्यूजिक बना रहे हैं। पहले फोकस केवल मेनस्ट्रीम फिल्म्स की म्यूजिक पर था। सच बताओं तो मुझे नहीं लगता कि बॉलीवुड म्यूजिक पीछे चल रहा है। हां फिल्में इस समय थिएटर में रिलीज नहीं हो रही है। और पर ओटीटी प्लेटफॉर्म पर बेहद खुबशूरत म्यूजिक सुनने को मिलता है। जैसे ही फिल्में स्ट्रीम होनी शुरू होगी, एक बार फिर से बॉलीवुड म्यूजिक वापसी करेंगा।”