हाल ही में नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई फिल्म स्केटर गर्ल देखी। फिल्म में एमी मघेरा, रेचल संचिता गुप्ता, जोनाथन रेअड्विन मुख्य किरदार में नजर आए और वाहिदा रहमान का स्पेशन एपियरेंस रहा।
फिल्म की कहानी है राजस्थान के खेमपूर गांव की, जहां पर आज भी नीची और ऊंची जातियों में भेदभाव है, कोई कहता नहीं है लेकिन एक अनसेड रूल है कि जैसे उनका हैंडपंप अलग रंगों का है। आज भी वहां लड़कियों की शादी जल्दी कर दी जाती है। इसी माहौल में पली बड़ी थी एक 16-17 साल की लड़की प्रेरणा(रेचल संचिता गुप्ता) जो पढ़ना चाहती थी, कंप्यूटर सीखना चाहती थी, बेसिकली कुछ करना चाहती थी, जब भी कुछ नया देखती तो उसकी आंखों में चमक आ जाती थी।
इसी गांव में अपने अतीत की यादें लिए जेसिका (एमी मघेरा) नाम की लड़की आई। यहाँ इसकी मुलाकात हुई प्रेरणा से और उसके छोटे भाई अंकुश से। कहानी ने कुछ और मोड़ लिया और प्ररेणा को स्केटर बॉर्ड से जिंदगी जीने की प्ररेणा मिल गई। कहानी इसी पर आधारित है।
एक्टिंग की बात करें तो अपने रोल में सभी कलाकार अच्छे रहे। अपने किरदार के साथ इंसाफ करते हुए कहीं भी ओवर एक्टिंग नहीं लगी।
फिल्म को मंजरी मकिजन्य ने डायरेक्ट किया, जो बेहतरीन रहा। डायलॉग्स और म्यूजिक भी अच्छा था।
फिल्म में एक तरफ दिखाया गया कि जहाँ आज भी अगर औरत घर से बाहर जाकर काम करें तो इससे घर के मर्दों की शान कम होती है तो वहीं के बच्चों को शिक्षा के लिए जागरुक करते भी दिखाया गया। न केवल लड़को को बल्कि लड़कियों को भी। कहानी में काफी अच्छा बेलेंस कर थोड़ी कॉमेडी, थोड़ा इमोशन, थोड़ा ड्रामा, बहुत सारी सीख का मिश्रन है।
- कहानी अलग और सच्ची घटनाओं पर आधारित है, जिसे बड़ी ही खूबसूरती और स्मूथली दिखाया गया।
- एक्टिंग बेहतरीन थी।
- डायरेक्शन, डायलॉग्स और म्यूजिक अच्छा था।
- फिल्म छोटी थी लेकिन पूरी लगी, स्क्रीन से एक पल के लिए नजर हटाने का मन नहीं करेगा।
- फिल्म विमन सेंट्रिक थी लेकिन बिना एक्स्ट्रा एफर्ट और औरतों को मर्दों से अधिक बताने की कहीं भी कोशिश नहीं की गई जो बहुत अच्छी लगी।
Rating- 4/5