सनी देओल जैसी सफलता व शोहरत किसी को भी नसीब नहीं By Mayapuri Desk 22 Aug 2021 | एडिट 22 Aug 2021 22:00 IST in एंटरटेनमेंट New Update Follow Us शेयर बॉलीवुड के मषहूर अभिनेता धर्मेंद्र के बेटे सनी देओल व बॉबी देओल बतौर अभिनेता बॉलीवुड में कार्यरत हैं।धर्मेंद के भाई यानी के सनी देओल के चचेरे भाई अभय देओल भी सक्रिय हैं.वहीं सनी देओल की सौतेली बहन ईषा देओल ने भी अभिनय के क्षेत्र में धमाकेदार षुरूआत की थी।पर फिर उन्होने भरत तख्तियानी संग शादी कर अभिनय से दूरी बना ली थी।लेकिन अब वह पुनः अभिनय में वापसी कर चुकी हैं। सनी देओल ने अपने पिता धर्मेंद्र के पदचिन्हों पर चलते हुए 1982 में राहुल रवेल के निर्देषन में अमृता सिंह के साथ फिल्म ‘‘बेताब’’से अभिनय कैरियर की षुरूआत की थी,जिसका निर्माण उनके पिता धर्मेंद्र ने ही किया था।लेकिन फिर उन्हें पीछे मुड़कर नही देखना पड़ा। मजेदार बात यह है कि सनी देओल को पहली फिल्म से ही स्टारडम मिल गया था,जो कि आज भी कायम है।नब्बे के दषक में उन्हे सुपर स्टार तक कहा गया। पिछले 39 वर्ष में सनी देओल ने सौ से अधिक फिल्मों में अभिनय करते हुए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के दो राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और दो फिल्मफेयर पुरस्कार जीते।तथा वर्तमान में वह भाजपा के सांसद हैं। अस्सी और नब्बे के दषक में सनी देओल ने ‘मंजिल मंजिल’, ‘अर्जुन’,‘सवेरे वाली गाड़ी’ ,‘सल्तनत’,‘डकैत’, ‘यतीम’, ‘घायल’, ‘वीरता’, ‘इमरान’, ‘दामिनी’, ‘सलाखें’ और ‘फर्ज’ जैसी फिल्मों में अभिनय कर जबरदस्त शोहोरत बटोरी।इस बीच उन्होने सबसे अधिक लगभग आठ फिल्में निर्देषक राहुल रवैल के साथ की। फिर 2001 में अनिल शर्मा निर्देषित ‘गदर एक प्रेम कथा’ में सनी देओल ने एक ट्रक ड्राइवर का किरदार निभाया था,जिसे एक मुस्लिम लड़की से प्यार हो जाता है।इस फिल्म ने कमाई के कई रिकार्ड तोड़े थे,जबकि उसी दिन आमीर खान की फिल्म ‘‘लगान’’भी प्रदर्षित हुई थी। 2001 के बाद ‘द हीरो’,‘ लव स्टोरी ऑफ ए जासूस’,‘अपने’,‘यमला पगला दीवाना’,‘घायल वंस अगेन’फिल्मों ने बाक्स आफिस पर अच्छी कमायी की।लेकिन 2016 के बाद उनकी किसी भी फिल्म ने सफलता दर्ज नही करायी।पर सनी देओल आज भी लोगों के चहेते हैं,तभी तो वह वर्तमान में गुरूदासपुर,पंजाब से सांसद हैं। सनी देओल ने 1999 में फिल्म ‘‘दिल्लगी’’ से निर्देषन में भी कदम रखा,जिसमें खुद ही मुख्य किरदार भी निभाया था और फिल्म सफल रही थी। राज कुमार संतोषी ने 1990 में धर्मेंद्र निर्मित फिल्म ‘‘घायल’’ निर्देषित करते हुए निर्देषन में कदम रखा था,मगर इस फिल्म को स्पेषल ज्यूरी का राष्ट्रीय पुरस्कार और फिल्मफेअर का सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार सनी देओल को दिलाया था,मगर जब सनी देओल ने बतौर निर्देषक ‘‘घायल’’का रीमेक ‘‘घायलः वंस अगेन’ बनायी,तो फिल्म को सफलता नसीब नही हुई।इसके बाद 2019 में सनी देओल ने अपेन बेटे करण देओल को लांच करने के लिए फिल्म‘‘पल पल दिल के पास’’ निर्देषित की ,इसे भी सफलता नसीब नही हुई।इस तरह सनी देओल एक सफल अभिनेता जरुर हैं,मगर सफल निर्देषक नहीं।पर अपने खानदान का नाम रोषन करने के लिए जो कुछ सनी देओल ने किया,उसे उनके भाई बॉबी देओल या चचेरे भाई अभय देओल या सौतेली बहन ईषा देओल नहीं कर पायी। बॉबी देओलः सनी देओल से 12 वर्ष छोटे बॉबी देओल ने जब अपने भाई सनी के ही पदचिन्हों पर चलते हुए अभिनेता बनने का निर्णय लिया,तो सनी देओल ने ख्ुद ही बॉबी देओल के लिए फिल्म बनाने का बीड़ा उठाया और फिर राज कुमार संतोषी के निर्देषन में फिल्म ‘‘बरसात’’ बनायी थी,जिसमें ट्विंकल खन्ना के साथ बॉबी देओल के कैरियर की षुरूआत हुई थी।इस फिल्म के लिए बॉबी देओल को सर्वश्रेष् ठ नवोदित कलाकार के लिए फिल्मफेअर अवार्ड मिला था। फिल्म भी सफल हुई थी। फिर ‘गुप्त’,‘सोल्जर’, ‘बादल’, ‘अजनबी’,‘बिच्छू’ ,‘और प्यार हो गया’, ‘करीब’,‘टैंगो चार्ली‘,‘नकाब’,‘रेस 3’,‘हाउसफुल 4’सहित कुछ सोलो हीरो तो कुछ मल्टीस्टार कास्ट वाली फिल्में की।पर उनका कैरियर सदैव हिचकोले लेकर ही आगे बढ़ता रहा।उनकी फिल्मों ने लगातार सफलता दर्ज नही करायी, परिणामतः उनका स्टारडम बना नही।बीच बीच में वह दो वर्ष तो कभी चार वर्ष तक अभिनय से दूर रहे।जबकि सनी देओल ने बॉबी देओल को सफलतम कलाकार बनाने के लिए काफी प्रयास किए और उनके लिए ख्ुद ही फिल्में बनायी।इतना ही नही कोरोना काल में 2020 में बॉबी देओल ने प्रकाष झा निर्देषित वेब सीरीज‘‘आश्रम’’के पहले सीजन के पहले भाग में अभिनय कर शोहोरत बटोरी।पर ‘आश्रम’ के दूसरे भाग को सफलता नसीब नही हुई। अभय देओलः धर्मेंद्र के भाई व निर्माता निर्देषक अजीत सिंह देओल के बेटे अभय देओल,सनी देओल के चचेरे भाई हैं।अभय देओल तो अमरीका में पढ़ाई करने के बाद वहीं काम करने लगे थे।पर अचानक 29 वर्ष की उम्र में उनके अंदर अभिनेता बनने का भूत सवार हुआ ,तो वह वापस मुंबई आ गए।तब धर्मेंद्र ने इम्तियाज अली के निर्देषन में फिल्म ‘‘ सोचा ना था’’का निर्माण किया,जिसमें आयषा आकिष उनकी हीरोईन थी।फिल्म के बाक्स आफिस पर सफलता नही मिली।फिल्म‘‘सोचा ना था’’निर्देषक इम्तियाज अली के साथ ही बॉबी देओल और आयषा टाकिया की पहली फिल्म थी।वर्तमान समय में इम्तियाज अली मषहूर निर्देषक हैं,जबकि आयषा टाकिया बॉलीवुड को अलविदा कह चुकी हैं और अभय देओल जमे हुए हैं।पर अभय देओल को सनी देओल जैसी सफलता नसीब न हो पायी।माना कि अभय देओल सफल कलाकार नही है,मगर जटिल व अति संजीदा किरदार निभाने में उनका कोई सानी नही है।जिन किरदारों को अभय देओल ने अपने अभिनय से संवारा,उन किरदारों के साथ सनी देओल भी न्याय नही कर सकते।वास्तव में अभय देओल ने संजय खंडूरी निर्देषित फिल्म‘‘एक चालिस की लास्ट लोकल’’से ही लीक से हटकर फिल्में करनी षुरू कर दी थी।अभय देओल ने ‘देव डी’,‘आइषा’, ‘जिंदगी न मिलेगी दोबारा’,‘षंघाई’, ‘रांझना’ जैसी फिल्मों में अभिनय कर उत्कृष्ट कलाकार के रूप में शोहोरत हासिल की,पर बॉलीवुड मसाला फिल्मों से सदैव दूर रहे या यॅूं कहें कि मेनस्ट्रीम सिनेमा की फिल्में कम की।अभय देओल ने 2014 में अंग्रेजी भाषा की फिल्म ‘‘लवर्स’’ भी की।और 2014 में फिल्म ‘वन बाय टू’ का सहनिर्माण भी किया था।2019 में अभय देओल ने फिल्म ‘‘व्हाट आर द ऑड्स’’ में अभिनय करने के साथ ही अभिनय भी किया,जो कि नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हो रही है। ईशा देओल तख्तानीः धर्मेंद्र और हेमा मालिनी की बेटी ईषा देओल ने 2002 की असफल फिल्म ‘‘कोई मेरे दिल से पूछे’’से अभिनय के क्षेत्र में कदम रखा था।लगभग सात फिल्में करने के ेबाद फिल्म ‘‘धूम’’ से उन्हे सफलता नसीब हुई थी।2002 से 2015 के बीच में ईषा देओल ने तकरबीन 25 तीस फिल्मों में अभिनय किया,पर उनके अभिनय की कभी ज्यादा चर्चा नही हुई।2015 में भरत तख्तानी से विवाह कर वह अभिनय से दूर हो गयी थीं।लेकिन चार वर्ष बाद 2019 में ईषा ने राम कमल मुखर्जी की लघु फिल्म‘केकवॉक’से वापसी की। अब वह निर्माता भी बन गयी हैं।बतौर निर्माता ईषा देओल ने फिल्म‘‘एक दुआ’का निर्माण करने के साथ साथ इसमें अभिनय भी किया है।इस फिल्म में उनके अभिनय को सराहा गया। #sunny deol #esha deol #Bobby Deol #Karan Deol #abhay deol #deol family हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम 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