इंटरनेशनल फैमिली डे के मौके पर एण्डटीवी के कलाकारों ने संयुक्त परिवार में रहने के फायदे बताये By Mayapuri Desk 16 May 2022 in एंटरटेनमेंट New Update Follow Us शेयर इंटरनेशनल फैमिली डे का जश्न मनाते हुये एण्डटीवी के कलाकारों ने एक बड़े संयुक्त परिवार में पलने-बढ़ने के फायदों और अपने आपसी मजबूत रिश्तों के बारे में बात की। इन कलाकारों में शामिल हैं- सिद्धार्थ अरोड़ा (‘बाल शिव‘ के महादेव), फरहाना फातेमा (‘और भई क्या चल रहा है?‘ की शांति मिश्रा), कामना पाठक (‘हप्पू की उलटन पलटन‘ की राजेश सिंह) और विदिशा श्रीवास्तव (‘भाबीजी घर पर हैं‘ की अनीता भाबी)। सिद्धार्थ अरोड़ा ऊर्फ एण्डटीवी के ‘बाल शिव‘ के महादेव कहते हैं, ‘‘मेरे लिये परिवार का मतलब है भरोसा, सहूलियत, प्यार, परवाह, खुशियां और अपनापन। हम इस दुनिया में जन्म लेने के साथ ही रिश्तों के बंधन में बंध जाते हैं। मैं वाराणसी का रहने वाला हूं और वहां पर मैं एक संयुक्त परिवार में रहता था। मेरे परिवार में कई लोग थे और सच कहूं तो, जिंदगी जीने का यही सबसे अच्छा तरीका है। माना कि संयुक्त परिवार की अपनी उलझनें होती हैं, लेकिन यहां पर लोग एक-दूसरे से प्यार और उनकी परवाह भी करते हैं। संयुक्त परिवार में त्योहारों का उल्लास देखते ही बनता है और यह परिवार के सदस्यों को एक-दूसरे के करीब ले आता है और उनके रिश्ते को और भी मजबूत बनाता है। मैं खुद को बेहद खुशकिस्मत मानता हूं कि मेरी परवरिश एक ऐसे माहौल में हुई है, जहां पर रिश्तों की कद्र की जाती है और हर कोई मिलजुल कर रहता है। मेरा परिवार हमेशा से ही मेरे लिये प्रोत्साहन का स्रोत रहा है और मेरे कॅरियर में मेरे पूरे परिवार ने मेरा सपोर्ट किया है। हम हमेशा जरूरत के समय एक-दूसरे के लिये खड़े रहते हैं। इसलिये इस इंटरनेशनल फैमिली डे पर अपने परिवार के साथ खूबसूरत यादें संजायें।‘‘ फरहाना फातेमा यानी कि एण्डटीवी के ‘और भई क्या चल रहा है?‘ की शांति मिश्रा ने कहा, ‘‘एक कामकाजी महिला और मां के लिये, ज्वाइंट फैमिली सिस्टम सबसे अच्छा होता है। मैं लखनऊ में अपने शो की शूटिंग कर रही हूं और मेरी 10 साल की बेटी की देखभाल मेरी मां, भाई और भाभी कर रहे हैं, जिससे मैं बेफिक्र होकर अपना काम कर पा रही हूं। मुझे कभी भी इस बात का डर नहीं रहा कि मेरी बेटी अकेली है या क्या उसने समय पर खाना खाया होगा या अपना होमवर्क समय पर पूरा किया होगा, क्योंकि मेरा परिवार उसकी बहुत अच्छे से देखभाल कर रहा है। मेरा पूरा परिवार बहुत सपोर्टिव है और मेरे बुरे दौर में हमेशा मेरा साथ देता है, जिससे मुझे अकेलापन और असहूलियत महसूस नहीं होती। इंटरनेशनल फैमिली डे पर मेरी यही कामना है कि सभी लोगों को प्यार और खुशियां मिलें। एक-दूसरे का हाथ थामकर रखें, क्योंकि पूरी पूरी दुनिया आपसे मुंह मोड़ सकती है, लेकिन आपका परिवार हमेशा आपके साथ होता है।‘‘ एण्डटीवी के ‘हप्पू की उलटन पलटन’ की राजेश सिंह, यानि कामना पाठक ने कहा, ‘‘मेरे परिवार ने मुझे हमेशा खास होने का एहसास दिया है और मैं जब भी पढ़ाई के दौरान, या स्क्रीन पर मंच पर गई, उन्होंने मेरा आत्मविश्वास बढ़ाया है। आजकल लोग न्यूक्लीयर फैमिली सिस्टम में यकीन रखते हैं और उसे पसंद करते हैं। हालांकि मैं एक संयुक्त परिवार में पली-बढ़ी और मैंने हमेशा चीजों को बांटना और अपनों की परवाह करना सीखा और उस पर यकीन किया। मेरा परिवार मेरी मजबूती का स्तंभ रहा है। मैंने अपना बचपन दादी माँ की कहानियाँ सुनते हुए बिताया है, जिससे मुझे नैतिकता मिली है और मुझे एकता की शक्ति का वह उदाहरण आज भी याद है, जो दादी माँ हमेशा हमें देती थी कि लकड़ियों के गट्ठर को एक व्यक्ति नहीं तोड़ सकता। लेकिन अगर वह लकड़ियों को अलग कर दे, तो उन्हें तोड़ सकता है। इसी तरह मैं अपने पिता को एनर्जी कैप्सूल कहती हूँ, जो कठिन समय में मेरा दुख दूर कर सकते हैं, मुझे दर्द से राहत दे सकते हैं और मुझे हार मानकर बैठने नहीं देंगे। मेरे परिवार ने ही मेरे सारे सामाजिक और निजी डरों को दूर किया है और मैं हमेशा उनकी शुक्रगुजार रहूंगी। इसके अलावा, उन्होंने मुझे दूसरों से व्यवहार करते समय धैर्य रखना और जिंदादिल तथा स्वीकार होने योग्य रहना सिखाया है। मैं सभी को इंटरनेशनल फैमिली डे की ढेर सारी शुभकामनाएं देती हूँ।’’ एण्डटीवी के ‘भाबीजी घर पर हैं’ की अनीता भाबी, यानि विदिशा श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘परिवार ईश्वर का सबसे बहुमूल्य और अच्छा उपहार है और हमें अपने परिवार को हल्के में नहीं लेना चाहिये। मैं मुंबई में अपने संयुक्त परिवार के साथ रहती हूँ, जिसमें मेरे माता-पिता, भैया, भाभी और मेरी बहन हैं, जो एक ही घर में रहते हैं। इसलिये यह सुखद है कि मैं उन सभी के करीब हूँ; जब मैं शूटिंग कर रही होती हूँ, तब लगातार घर लौटने और अपने परिवार के साथ समय बिताने का इंतजार करती हूँ। छुट्टी के दिन मैं हमेशा अपनी माँ या बहन के साथ कोई न कोई स्वादिष्ट चीज पकाती हूँ। हम ट्रिप्स और हाॅलीडेज भी रखते हैं। ज्यादातर लोगों का मानना है कि जिन्दगी में दोस्त काफी महत्वपूर्ण होते हैं, लेकिन मुझे लगता है कि अगर आपको अपने परिवार में ही दोस्त मिल जाएं, तो इससे बढ़िया क्या हो सकता है। एक मिश्रित परिवार में रहने से हम नैतिकता और अनुशासन सीखते हैं, जिसके कारण मैं इस तरह पली-बढ़ी हूँ कि किसी भी माहौल में ढल सकती हूँ और किसी के भी सामने आत्मविश्वास के साथ पेश आ सकती हूँ। जब मैं घर पर होती हूँ, तब मुझे कभी अकेलापन या निराशा महसूस नहीं होती है, क्योंकि घर पर हर कोई मेरा उत्साह बढ़ाता है, मेरी माँ से लेकर मेरे भाई-बहन तक, सभी लोग। आप सभी को फैमिली डे की ढेरों शुभकामनाएं।’’ देखिये ‘बाल शिव‘ रात 8ः00 बजे, ‘और भई क्या चल रहा है?‘ रात 9ः30 बजे, ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ रात 10ः00 बजे और ‘भाबीजी घर पर हैं‘ रात 10ः30 बजे, सोमवार से शुक्रवार, सिर्फ एण्डटीवी पर! #&TV artists #International Family Day हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article