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देशभक्ति का जलवा बिखेरने वाली फिल्म “शहीद”: शहीद भगत सिंह के साथ बटुकेश्वर दत्त ने लिखी थी कहानी

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By Mayapuri Desk
देशभक्ति का जलवा बिखेरने वाली फिल्म “शहीद”: शहीद भगत सिंह के साथ बटुकेश्वर दत्त ने लिखी थी कहानी
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हर भारतीय के दिल में देश प्रेम का उबाल लाने व देशभक्ति का जज्बा जगाने वाली बेहतरीन फिल्मों में से 1965 में प्रदर्षित फिल्म “शहीद” ही है,जो कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी या यूं कहें कि आजादी के मतवाले शहीद भगत सिंह के जीवन पर  बनी थी। इस फिल्म की कहानी स्वयं शहीद भगत सिंह के साथी बटुकेश्वर दत्त ने लिखी थी। इस फिल्म में अमर शहीद राम प्रसाद “बिस्मिल” के गीत थे। मनोज कुमार ने इस फिल्म में शहीद भगत सिंह का जीवन्त अभिनय किया था।

इस फिल्म को 13वें राष्ट्रीय फिल्म अवार्ड की घोषणा किए जाने पर सर्वश्रेष्ठ फिल्म के राष्ट्रिय पुरस्कार के साथ-साथ राष्ट्रीय एकता पर बनी सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए नर्गिस दत्त पुरस्कार से नवाजा गया था। बटुकेश्वर दत्त की कहानी पर आधारित सर्वश्रेष्ठ पटकथा लेखन के लिए दीनदयाल शर्मा को पुरस्कृत किया गया था। क्योकि संयोग वष 1965 में ही बटुकेश्वर दत्त का निधन भी हुआ था।

देशभक्ति का जलवा बिखेरने वाली फिल्म “शहीद”: शहीद भगत सिंह के साथ बटुकेश्वर दत्त ने लिखी थी कहानी

कहानीः

फिल्म की कहानी सन् 1911 के हिन्दुस्तान की पृष्ठभूमि में सरदार किशन सिंह और उनके परिवार के साथ शुरू होती है जिसमे उनके छोटे भाई अजित सिंह को ब्रिटिश राज के खिलाफ बगावत के कारण पुलिस गिरफ्तार कर ले जाती है। भगत सिंह जो अभी तीन चार साल का बच्चा है अपनी आँखों से यह सब देखता रह जाता है। भगत सिंह युवा होते ही अपने चाचा के नक्शे-कदम पर चलकर साइमन कमीशन के विरोध में चल रहे आन्दोलन में शामिल हो जाता है। पुलिस लाठीचार्ज में लाला लाजपत राय की मौत हो जाती है। सुखदेव, राजगुरु, चन्द्रशेखर आजाद आदि मिलकर लालाजी की मौत का बदला लेने की योजना को अंजाम देते हैं।

पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिए भगत सिंह अपने केश कटा देता है और सिर पर सिक्खों की पगड़ी की जगह यूरोपियन हैट लगाकर मौका-ए-वारदात से दुर्गा भाभी के साथ फरार हो जाता है।

अगले दृश्य में यही हैटधारी भगतसिंह बटुकेश्वर दत्त के साथ दिल्ली असेम्बली में बम विस्फोट करके गिरफ्तार हो जाता है। शेष कहानी पूरे मुकदमें व जेल में यातनाओं के दृश्यों के साथ देशभक्ति के गानों से भरपूर है जिसमें सभी कलाकार अपने-अपने अभिनय की छाप छोड़ते नजर आते हैं। पूरी फिल्म की कहानी सुखदेव- राजगुरु-भगतसिंह की फाँसी के साथ पूरे क्लाइमेक्स पर जाकर खत्म होती है।

यूँ तो फिल्म में शहीद भगत सिंह का किरदार निभाने वाले अभिनेता मनोज कुमार ही केंद्र में थे।लेकिन भगत सिंह के परिजनों सहित उनके साथियों, जेलर एवं लोक-अभियोजकों (पब्लिक प्रॉसीक्यूटर्स) की भूमिका में प्रायः सभी कलाकारों का अभिनय प्रभावशाली रहा। फिल्म के मुख्य कलाकारों के रोल इस प्रकार हैं:

फिल्म “शहीद” में मनोज कुमार के साथ कामिनी कौशल, निरूपा रॉय, प्रेम चोपड़ा, अनन्त मराठे, मनमोहन, प्राण, मदन पुरी, असित सेन, अनवर हुसैन, कमाल कपूर, इफ्तेखार, कृष्ण धवन, सप्रू, राज किशोर और इन्द्राणी मुखर्जी ने अभिनय किया था।फिल्म का निर्माण एस. राम शर्मा के निर्देशन में केवल कश्यप ने किया था। इसकी पटकथा बी. के. दत्त की मूल कहानी को आधार बनाकर दीन दयाल शर्मा ने लिखी थी। शर्मा ने ही इसके संवाद भी लिखे थे। तीनों शहीदों की प्रमुख भूमिका मनोज कुमार, प्रेम चोपड़ा और अनन्त पुरुषोत्तम मराठे ने निभायी थी। प्रेम धवन ने पूरी फिल्म का न केवल संगीत दिया था अपितु कुछ गीत भी लिखे थे। सिनेमैटोग्राफी की थी रंजोत ठाकुर ने जबकि इसका सम्पादन बी.एस.ग्लाड एवं विष्णु कुमार सिंह ने किया था।

गीत और संगीत

पंडित रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ और प्रेम धवन के लिखे गीतों को संगीत दिया था स्वयं प्रेम धवन ने ही। जबकि मोहम्मद रफी, मुकेश, मन्ना डे, महेन्द्र कपूर और लता मंगेशकर ने इन गीतों को अपनी आवाज देकर अमर बनाया। सभी गीतों की साउण्ड ट्रैक तालिका नीचे दी गयी हैः

फिल्म के चर्चित गीतः

1-ऐ वतन ऐ वतन हमको तेरी कसम

2-सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है

3-जोगी हम तो लुट गये तेरे प्यार में

4-ओ मेरा रंग दे बसन्ती चोला

5-पगड़ी सम्हाल जट्टा पगड़ी सम्हाल रे

6-वतन पे मरने वाले जिन्दा रहेगा तेरा नाम

गीत “जोगी हम तो लुट गये तेरे प्यार में जाने तुझको खबर कब होगी” गाने में मनोज कुमार की पत्नी शशि गोस्वामी ने ढोलक पर टांकी लगायी थी। केवल इतना ही नहीं, पूरा दृश्य भगत सिंह की होने वाली बीबी के रूप में शशि के चेहरे पर फिल्माया गया था।

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