Grahan Review: क्लाइमेक्स देखकर आंसू नहीं रोक पाएंगे आप By Pragati Raj 25 Jun 2021 | एडिट 25 Jun 2021 22:00 IST in एंटरटेनमेंट New Update Follow Us शेयर राइटर सत्य व्यास की किताब चौरासी से प्रेरित वेब सीरीज़ ‘ग्रहण’ डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर 24 जून को स्ट्रीम की गई। सीरीज देखने से पहले मैंने किताब पढ़ी। किताब पढ़कर ही लगा कि इसको स्क्रीन पर उतारने में देरी क्यों की गई। खैर देर आए पर दुरुस्त आए। सीरीज़ की कहानी तो प्रेरित बताई जा रही है लेकिन किताब पढ़ने के बाद लगा कि कहानी इसी पर बेस्ड है। इसलिए कहा जा रहा है कि – “चौरासी ही ग्रहण है।” कहानी- सन् 1984 के बोकारो दंगे की कहानी है, 31 अक्टूबर 1984 को जब प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को उनके ही आवास पर दो सीख बॉडीगार्ड ने गोली मार दी थी तो बोकारो शहर गुस्से की आग में जल रहा था और इसी गुस्से को हवा वहां के नेताओं ने दी और शहर में चुन-चुन कर सीखों को मारा जा रहा था। इसी साल अपने आने वाले कल से बेख़बर दो दिल(ऋषि और मनु) प्यार के परवान चढ़ रहा था। 1984 की कहानी दिखाने के साथ साथ कहानी साल 2016 की भी दिखाई जा रही थी जब रांची में एसपी अमृता सिंह(जोया हुसैन) को दंगों की जांच के लिए और दंगा भड़काने वाले मुख्य आरोपी को लेकर इन्वेस्टिगेशन के लिए अपोइंट किया गया। इस इन्वेस्टिगेशन में क्या क्या सामने आता है ये जानने के लिए आप सीरीज़ देखें। कहानी आठ एपिसोड की है जो देखना आपको वेस्ट नहीं लगेगा जब आप सीरीज़ का क्लाइमेक्स देखेंगे। एक्टिंग- अहम किरदार में ऋषि रंजन(अंशुमन पुष्कर), मनु(वामिका गब्बी), एसपी अमृता सिंह(जोया हुसैन) और गुरुसेवर उर्फ़ ऋषि(पवन मल्होत्रा) नज़र आए। अंशुमन पुष्कर ने थोड़ा डिसअपोइन्ट किया। जैसा मजबूत किरदार ऋषि का था उतनी बखूबी वो निभा नहीं पाए। वहीं वामिका, मनु के रोल में फीट बैठी। आंखों में शरारत और हया एक साथ नज़र आ रही थी। ऋषि को जितना परेशान करती थी उतनी ही फ़िक्र भी करती थी। पवन मल्होत्रा अपने किरादर में बहुत ही बेहतरीन थे। एर्फ्टलेस एक्टिंग के साथ स्क्रीन पर छा गए। वहीं जोया हुसैन पूरी सीरीज़ में फ्लेट एक्सप्रेशन के साथ नज़र आईं। वहीं बाकि कलाकार की बात करें तो डीएसपी विकास मंडल(सहिदुर रहमान), चुन्नू-संजय सिंह(टीकम जोशी) ने अच्छा अभिनेय किया। म्यूजिक- सीरीज के गाने ‘ओ जोगिया’, ‘चोरी, चोरी’, ‘तेरी परछाई’ कई बार सुन चुकी हूँ। म्यूजिक कंपोजर अमित त्रिवेदी ने कमाल का काम किया है जिसमें चार चांद लगाया कि Lyricist वरुण ग्रोवर ने और सिंगर असीस कौर, शाहीद मल्लया, अभिजीत श्रीवास्तव और रुपाली मोघे ने। डायरेक्शन- रंजन चंडेल ने डायरेक्ट किया है। पहला एपिसोड देखकर लगा कि क्या खराब डायरेक्शन है सबकुछ पहले एपिसोड में रिविल कर दिया। लेकिन जैसे जैसे एक के बाद एक एपिसोड देखा तो वो शिकायत दूर हो गई। डायलॉग्स- अच्छे थे। इन्फेक्ट बहुत ही अच्छे थे। चुन्नू-संजय सिंह की एक स्पीच है- “जिस देश में प्रधानमंत्री सुरक्षित नहीं है, वहां हमें अपनी सुरक्षा खुद ही करनी होगी....” इस डायलॉग के लिए राइटर सत्य व्यास की तारीफ करनी होगी क्योंकि ये पूरी स्पीच उनके किताब के लिखी हुई है। कहानी के क्लाइमेक्स में जो राइटर्स ने जान डाली है, उसके आगे तो बेकार से बेकार एक्टिंग को भी इग्नोर किया जा सकता है। यहां तो फिर भी पवन मल्होत्रा से नज़र नहीं हट रही थी। आखरी एपिसोड में कुछ माइने नहीं रह गया था बस बेबस महसूस कर रही थी। कहानी- कही से कोई कमी नहीं रही एक्टिंग- अच्छी रही, कहानी के कारण कुछ चीजें इग्नोर की जा सकती है म्यूजिक- काबिलेतारीफ डायरेक्शन- अच्छा था डायलॉग्स- बेहतरीन Rating- 4.5/5 अगर आपने सीरीज़ नहीं देखी है तो भी और अगर देख ली है तो भी सत्य व्यास की किताब ‘चौरासी’ जरूर पढ़े। क्यों पढ़नी चाहिए? सबसे एहम ऋषि का किरदार- सीरीज वाले ऋषि से अलग और स्ट्रोंग है। क्लाइमेक्स सीरीज़ से बहुत अलग है लेकिन बेहतरीन है। किताब में काफी डिटेल में कहानी है और ऋषि-मनु की लव स्टोरी बहुत ही खुबशूरती से लिखी गई है। #review #webseries #Grahan हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article