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दिग्गज निर्माता आनंद पंडित अमिताभ बच्चन और इमरान हाशमी द्वारा अभिनीत उनकी 2020 की फिल्म “चेहरे” की शूटिंग से जुड़े हैं।
वे कहते हैं, “श्री बच्चन के साथ काम करना हमेशा एक अच्छा एजुकेशनल एक्सपीरियंस रहा है। बहुत से लोग नहीं जानते कि वह एक परिपूर्ण बहुभाषी है।
'कोई भी श्री बच्चन की तरह कविता को नहीं सुना सकता, चाहे वह हिंदी या उर्दू में हो' आनंद पंडित
यही कारण है कि वह इतनी तेजी से अनेक लहजे प्राप्त करने में सक्षम है। मुझे याद है कि उन्हें 80 के दशक में फिल्म 'लावारिस' के एक दृश्य में कई भारतीय भाषाओं में बोलते हुए देखा गया था।
मुझे नहीं पता था कि एक दिन मैं उनके साथ काम करूंगा और कविता के बारे में उनसे ज्ञान भी प्राप्त करूंगा।”
‘विश्व हिंदी दिवस’ पर, निर्माता विशेष रूप से हिंदी साहित्य के साथ सुपरस्टार अमिताभ बच्चन की सहजता को याद करते हैं और कहते हैं, “कोई भी श्री बच्चन की तरह कविता को नहीं सुना सकता, चाहे वह हिंदी या उर्दू में हो।
उनके बैरीटोन और लिखित शब्द में उनकी समझ जादू को जोडती है।
हम सभी उन्हें पर्दे पर 'कभी-कभी' और 'सिलसिला' में कवि की भूमिका निभाते हुए याद करते हैं, लेकिन वास्तविक जीवन में अपने पिता हरिवंश राय बच्चन के मास्टरपीस 'मधुशाला' को सुनाते हुए उन्हें उन्हें सुनना बिल्कुल जादुई अनुभव था।
यहां तक कि उन्होंने धैर्यपूर्वक प्रत्येक वाक्यांश की बारीकियों को समझाया। यह वास्तव में एक अविस्मरणीय अनुभव था।
मैंने उनसे एक भाषा के काव्यात्मक उपक्रम के बारे में बहुत कुछ सीखा, जिसे हम सभी बोलते तो हैं, लेकिन अपनी साहित्यिक विरासत में बहुत गहराई तक जाए बिना।”
अनु- छवि शर्मा