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रिव्यू जयेशभाई जोरदार: बिलकुल ठंडा पड़ा रणवीर सिंह का ये "जोर"

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रिव्यू जयेशभाई जोरदार: बिलकुल ठंडा पड़ा रणवीर सिंह का ये "जोर"

-यश कुमार

रेटिंग- 2.5 स्टार

रणवीर सिंह , बोमन ईरानी , रत्न पाठक शाह और हिंदी फिल्मों में डेब्यू कर रही शालिनी पांडेय स्टारर फिल्म “जयेशभाई जोरदार” अब सिनेमा घरों में लग चुकी है। फिल्म की कहानी कुछ यूं है कि इस फिल्म में रणवीर सिंह जयेश का किरदार निभा रहे हैं. जो कि गाँव के सरपंच बाउजी (बोमन ईरानी) और उनकी पत्नी जशोदा (रत्ना पाठक शाह) के सुपुत्र हैं। जयेश की पत्नी मुद्रा (शालिनी पांडेय) गर्भवती हैं.

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इससे पहले जयेश और मुद्रा को एक लड़की और होती है। अब मुद्दा ये है कि जयेश के बापू और माता जी चाहते हैं कि उनकी बहू इस बार बेटा पैदा करे. जिसके लिए वह सारे पूजा पाठ कराते हैं. फिल्म में जयेश के माता पिता का मानना होता है कि लड़की पैदा हो तो उसे जान से मारना ही एक मात्र उपाय है. इसी के चलते पहले भी 6 बार जयेश की बेटियों की जान जा चुकी है. होनी देखिए कि इस बार प्रेग्नेंट मुद्रा के अल्ट्रासाउंड के बाद डॉक्टर जयेश को बता देती है कि मुद्रा के पेट में बेटी पल रही है. इस बार जयेश ठान लेता है कि इस बार वो अपनी बेटी का जन्म करवा के ही रहेगा. फिर चाहे इसके लिए उसे अपने माँ-बापूजी और सारे समाज के भी खिलाफ क्यों न जाना पड़े.  तो क्या अब अपनी बेटी और अपनी पत्नी को बचाने में जयेश कामयाब होगा?? ये पता लगेगा आपको 2 घंटे लगाकर ये फिल्म देखने के बाद।

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रणवीर सिंह ने एक बार फिर से कमाल की परफॉरमेंस दी है. जैसे-जैसे किरदार रणवीर सिंह अपनी फिल्मों में निभा रहे हैं, वो हर किरदार में अपने आप को ढाल लेते हैं. वैसा ही उन्होंने जयेशभाई के किरदार के साथ भी किया है. जो मासूमियत रणवीर जयेश के किरदार में दिखाते हैं वो बेहद कमाल की लगती है. लोग उनके जज़्बातों से फिल्म में जुड़ाव महसूस कर सकते हैं. जयेश का किरदार शरीर से इतना ताकतवर नहीं है लेकिन उसे शक्ति देती है उसकी सोच.  जयेश अपन बेटी और पत्नी को बचाने के लिए किसी भी हद से गुजरने को तैयार है. फिर चाहे उसके लिए कुछ भी क्यों न करना पड़े. रणवीर के साथ-साथ बोमन ईरानी और रत्ना पाठक शाह ने अपने किरदार के साथ ईमानदारी बरती है. डेब्यूटांट शालिनी पांडेय साउथ की फिल्म अर्जुन रेड्डी की तरह ही जयेशभाई जोरदार में अपनी मासूमियत से दिल जीत लेती हैं और बेहद खूबसूरत भी लगी हैं. लेकिन इस फिल्म की कमज़ोर कड़ी है इसका स्क्रीनप्ले जो  काफी ज्यादा ढीला है. इसी वजह से लोगों का ध्यान फिल्म की स्क्रीन से हट के अपने मोबाइल फ़ोन में लग जाता है।  मात्र 2 घंटे की होने के बावजूद ये फिल्म लोगों का ध्यान हर वक़्त बांधे नहीं रख पाती है।

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इस फिल्म के निर्देशक है दिव्यांग ठक्कर जिनकी बतौर निर्देशक ये पहली फिल्म है. उनका निर्देशन इस फिल्म में कुछ खास जोरदार नहीं लगा। गाने भी इस फिल्म के कुछ ख़ास अच्छे नहीं हैं, फिल्म के अंदर एकाध गाने ही है जो की फिल्म में बैकग्राउंड स्कोर के तौर पर कब आके कब निकल जाता इस बात का पता ही नहीं चलता।

जयेशभाई जोरदार अपना जोर दिखाने में सफल नहीं कही जा सकती. लेकिन इसके बावजूद इस फिल्म को एक बार पूरे परिवार के साथ देखा जा सकता है. सिर्फ तब जब ये फिल्म किसी OTT  प्लेटफॉर्म पर आ जाये। सिनेमा हॉल में इस फिल्म पर खर्चा करने की ज़रूरत नहीं हैं , लेकिन अगर आप रणवीर सिंह के काफी बड़े फैन हैं तो इसकी टिकट खरीद सकते हैं।

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