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Review: जबतक हम बाउंड्री क्रॉस नहीं करेंगे तब तक कैसे पता चलेगा की बाउंड्री कहां तक है

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By Pragati Raj
Review: जबतक हम बाउंड्री क्रॉस नहीं करेंगे तब तक कैसे पता चलेगा की बाउंड्री कहां तक है
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90 का दशक याद है आपको, साल 1992 जब अयोध्या में बाबरी मस्जिद को तोड़ दिया गया था। दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद...देश का एक भी कोना ऐसा नहीं था जो इससे प्रभावित नहीं हुआ था। हर शहर दहसत में था कि कहीं उनके इलाके में दंगे न हो जाये, या कहीं बम न फट जाए। ऐसे माहौल में एक बहुत ही खूबसूरत लव स्टोरी का जन्म हुआ।

कहानी

कहानी शुरू होती है आस्था(ऋद्धि डोगरा) से जो एक वाइफ है, बहु है, माँ है और कॉलेज में प्रोफेसर भी। अपना हर किरदार बखूबी निभा रही होती है बिना किसी शिकायत के। अपनी  लाइफ में वो खुश रहने का दिखावा करना बहुत अच्छे से सीख चुकी थी। तब उसकी जिंदगी में एंट्री होती है ऐजाज़ खान(इमामुद्दीन शाह)की, जो आस्था को कास्ट, धर्म, समाज से ऊपर उठकर, सीमाओं को तोड़कर जीने की प्रेरणा देता है।

Review: जबतक हम बाउंड्री क्रॉस नहीं करेंगे तब तक कैसे पता चलेगा की बाउंड्री कहां तक है

आस्था अपने कॉलेज में थिएटर के लिए स्क्रिप्ट लिखती है। ऐजाज़ भी वहीं जॉब करता है और स्टूडेंट्स को एक्टिंग सीखाता है। इस  दैरान ऐजाज़, आस्था को बाउंड्रीज तोड़कर खुश रहना सिखाता है और आस्था को ऐजाज़ से प्यार हो जाता है। लेकिन ऐजाज़ भी तो शादीशुदा है। अपनी वाइफ पीपलिका खान(मोनिका डोगरा) से बहुत प्यार करता है जो पेशे से एक पेंटर होती है। लेकिन आस्था को ऐजाज़ ने खुद से मिलाया था और वो उसे बताना चाहती थी की वो उससे कितना प्यार करती है।

आस्था उससे अपने प्यार का इज़हार तो करती है लेकिन इसके फीलिंग्स की रिस्पेक्ट करते हैं ऐजाज़ उसे मना कर देता है। वो उन दोनों की आख़िरी मुलाकात होती है क्योंकि इसके बाद ऐजाज़ की एक बम ब्लास्ट में मौत हो जाती है।

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एक बार फिर से आस्था खुश रहने की एक्टिंग शुरू कर देती है और दूसरी ओर पीपलिका अपने पति के मौत के गम को भुलाने के लिए अलग अलग लोगों से मिलती है लेकिन कुछ काम नहीं आता है।

पीपलिका खान एक बोल्ड, ज़िंदादिल, खुश मिजाज और एक पेंटर होती है।अचानक से उसकी जिंदगी में आस्था की एंट्री होती है और सब बदल जाता है। दोनों एक दूसरे से बेइंतहा प्यार करने लगते हैं। आस्था को ऐसा लगता है कि पीपलिका के साथ वो पीछे नहीं बल्कि साथ चल रही है। दोनों ने बॉउंडरीज़ को क्रॉस किया और अपने लिए एक ऐसी ज़िंदगी ढूंढ़नी जहां वो खुश थे।

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लेकिन 90's में क्या इन दोनों के प्यार को कोई समझ पायेगा? क्या इनकी लव स्टोरी हैप्पिली एवर आफ्टर हो पायेगी? यह जानने के लिए आपको zee5 पर वेब सीरीज 'द मैरिड वुमन' देखनी होगी।

एक्टिंग

सीरीज के मुख्य किरदार में रिद्धि डोगरा और मोनिका डोगरा नज़र आई जिनकी एक्टिंग काफी अच्छी थी। दोनों ने अपने किरदार को न सिर्फ समझा बल्कि महसूस भी किया जो उनकी एक्टिंग में नज़र आ रहा था।

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हेमंत(सुशास अहूजा) जिन्होंने आस्था के पति का किरदार निभाया था उनकी एक्टिंग भी काफी अच्छी थी। शो में सिर्फ दो एपिसोड में नज़र आने वाले एक्टर इमामुद्दीन शाह की एक्टिंग काफी फ्रेश थी। स्टोरी के अनुसार देखे तो इमामुद्दीन के किरदार का मरना तय था लेकिन सीरीज में सबसे बेहतरीन जिनकी एक्टिंग थी वो ऐजाज़ के करैक्टर की थी।

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बात करें फिल्म की कहानी की तो वो काफी रिफ्रेसिंग है। अक्सर लोग होमोसेक्सुएलिटी पर बनी फ़िल्में पसंद नहीं करते है क्योंकि वो उससे रिलेट नहीं कर पाते हैं। लेकिन यह सीरीज आपसे कनेक्ट करने में सफल रहेगी क्योंकि यहां आप सिर्फ प्यार महसूस करेंगे जो जेंडर से पड़े है।

Rating: 3.5/5

#Web Series #review #The Married Woman
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