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दशभुजा माँ दुर्गा, नारी शक्ति की प्रतीक है और दशहरा भी बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न है, ऐसे में ऋचा चड्ढा घर-घर में दशभुजा अभियान को बढ़ावा देने और नारियों की शक्ति का आह्वान करने के लिए कमर कस चुकी है। दरअसल एक नॉन प्रॉफिटेबल संगठन ‘मुक्कामार’ ने युवा लड़कियों के आत्मरक्षा कौशल को मजबूत करने और बढ़ावा देने के लिए एक्टर ऋचा चड्ढा के साथ कोलैबोरेट किया है। यह एनजीओ मुंबई नगर शिक्षा विभाग के साथ काम करता है ताकि युवा लड़कियों को शिक्षकों के साथ इक्विटी लैब चलाकर लैंगिक समानतापूर्ण स्कूली शिक्षा का अवसर प्रदान किया जा सके। उनका मुख्य फोकस लैंगिक समानता सुनिश्चित करना है। यह एनजीओ अभिनेत्री ऋचा के सपोर्ट से एक शोध रिपोर्ट - ‘पावर ऑफ बॉडी, वॉयस एंड माइंड फॉर एवरी गर्ल’ लॉन्च करने के लिए पूरी तरह तैयार है और ‘पावर विद मुक्के’ और एक डिजिटल प्रोडक्ट भी लॉन्च किया है।
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युवा ऋचा, नए जमाने की महिला हैं, जिन्होंने अपने कर्मों से स्त्रियों पर लगाये जाने वाले तमाम बेड़ियों को तोड़ा है। अबतक देश में और खासकर सिनेमा की दुनिया में ज्यादातर लोगों का मानना था कि बॉलीवुड एक्ट्रेस हमेशा एक ही तरह की होती हैं। पेड़ो के इर्द गिर्द नाचने गाने और दबी रहकर आँसू बहाने वाली। लेकिन ऋचा हालांकि स्वभाव से शर्मीली है, शालीन है, विनम्र है परन्तु ऋचा ने ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ और ‘फुकरे’ जैसी फिल्मों में शक्तिशाली नारी की भूमिका के जरिए इन मिथकों को तोड़ा है। यह कहना गलत नहीं होगा कि ऋचा ने बड़े पर्दे पर मजबूत, पावरफुल दृढ़ निश्चयी महिलाओं को चित्रित करने और उनकी सराहना करने का मार्ग प्रशस्त किया है। ऋचा चड्ढा अब वीमेन पावर के लॉन्च के लिए अपना स्पोर्ट देने के लिए आगे आई हैं। अब जल्द ही ‘‘मुक्की’’ के साथ एक चर्चा आधारित शिक्षण मंच, जो व्हाट्सएप बिजनेस एपीआई पर सक्षम है, और इसके साथ ‘‘मुक्कामार’’ 2022 तक 10,000 लड़कियों की सेवा करने में सक्षम होगी।
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ऋचा कहती हैं, ‘‘जब तक हम अपने लड़कों को बदलने में सक्षम नहीं हो जाते, तब तक लड़कियों के बीच आत्मरक्षा एक प्राथमिकता बनी रहेगी। ऐसी स्थिति कभी न आए, जब किसी को अपना बचाव करने की आवश्यकता हो। लेकिन यह केवल शिकारियों से लड़ने के बारे में ही नहीं है, आत्मरक्षा सीखने से लड़कियों को अपने शरीर में अधिक आत्मविश्वास मिलता है, और उन्हें खुद को बेहतर ढंग से व्यक्त करने में सक्षम बनाता है ‘मुक्कमार’ अविश्वसनीय काम कर रहे हैं, हजारों लड़कियों और युवा वयस्कों के साथ, मैंने उनके कुछ ग्राउंड इवेंट्स में भाग लिया है और वे शानदार हैं। आज जब नवरात्रि पर नारी शक्ति की पूजा हो रही है, विजयदशमी पर नारी के दस भुजा ताकत का पर्व मनाया जा रहा है और दशहरा के शुभ अवसर पर बुराई पर अच्छाई की जीत का उत्सव दिशा दिशा में नजर आ रहा है तो ऐसे में क्यों नहीं हम घर घर की दुर्गाओं की शक्ति का आह्वान करें?’’
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