बॉलीवुड के मशहूर लेखक निर्देशक रूमी जाफरी और महान ग़ज़ल सिंगर हरिहरण के करकमलों द्वारा सिंगर रक्षा श्रीवास्तव का डेब्यू अल्बम "मंज़िल - ए म्यूजिकल जर्नी" मुम्बई के आइनॉक्स थिएटर में शानदार ढंग से रिलीज किया गया. सिंगर रक्षा श्रीवास्तव का यह अल्बम 8 गज़लों का एक खूबसूरत गुलदस्ता है जिसको उम्दा शायरी और मेलोडियस म्युज़िक से बेहतरीन ढंग से सजाया गया है. इस एल्बम में रक्षा श्रीवास्तव की 6 सोलो गज़लें हैं, एक ग़ज़ल हरिहरन और रक्षा श्रीवास्तव की डुएट है और एक ग़ज़ल हरिहरन की सोलो है. इस खूबसूरत ग़ज़ल अल्बम मंज़िल को संगीत से सजाया है राजीव महावीर ने, 2 गानों का वीडियो संदीप महावीर ने डायरेक्ट किया है. ग़ज़ल का यह अल्बम टी सीरीज से रिलीज हुआ है.
सरस्वती जी को मालार्पण करके कार्यक्रम की शुरुआत हुई, जिसमें हरिहरण, रूमी जाफरी, रक्षा श्रीवास्तव, राजीव महावीर मौजूद रहे. सिंगर हरिहरण ने कहा कि राजीव महावीर ने बड़ी अच्छी धुनें बनाई हैं और रक्षा श्रीवास्तव ने बड़ी खूबसूरती से इन्हें गाया है. संगीत उनके अंदर मौजूद है इस वजह से उनकी गायकी में एक आकर्षण है. सन्दीप महावीर ने गज़ब का वीडियो डायरेक्ट किया है, मुझे तो हीरो बना दिया है.
रक्षा श्रीवास्तव इस मौके पर काफी खुश और उत्साहित नजर आईं. उन्होंने कहा कि मैं स्वयं को काफी भाग्यशाली मानती हूं कि मुझे अपने करियर की शुरुआत में हरिहरण जैसे सिंगर के साथ काम करने का मौका मिला. रूमी जाफरी जी का भी शुक्रिया कि हमने उनसे एक बार गुजारिश की और वह हमें अपनी दुआएं देने यहां आ गए. रूमी जाफरी ने रक्षा श्रीवास्तव की आवाज़ की तारीफ की और कहा कि मैंने दोनों गीत देखे जो काफी अच्छे लगे. रक्षा की आवाज़ में कशिश है, वीडियो भी कमाल का बना है. मैं उन्हें उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं देता हूँ. हरिहरण एक ऐसे सिंगर हैं जो हर प्रकार की कम्पोज़िशन को भलीभांति निभा लेते हैं.
डायरेक्टर सन्दीप महावीर ने कहा कि कश्मीर में माइनस 4 डिग्री में इसकी शूटिंग की गई है. वीडियो में एक खूबसूरत स्टोरी है, रक्षा की जर्नी हरिहरण जैसे लीजेंड के साथ शुरू हुई, यह बड़ी बात है. इस अवसर पर रक्षा श्रीवास्तव के गुरु कौशल महावीर भी मौजूद रहे, उन्होंने भी रक्षा की प्रतिभा, आवाज़ की प्रशंसा की. इस अल्बम में हैदर नजमी की ख़ूबसूरत ग़ज़ल हाथ मिले तो दिल भी मिला दे है. लखनऊ के अनुराग सिन्हा कि या ख़ुदा मेरे ख़यालों में ये मंजर क्यूँ है ग़ज़ल दिल को छू जाने वाली है साथ ही साथ दिल की हर आह पे जिसे हरिहरण जी की आवाज़ का पैराहन दिया है और आरज़ू बनके ग़ज़ल तौफीक पालवी का है. बनारस की अंकिता की"अधूरा प्यार" को भी शुमार किया गया है.
बता दें कि बचपन से ही गाने का बहुत शौक़ रखने वाली रक्षा के पिता पुलिस अधिकारी थे और घर में संगीत का बिल्कुल माहौल नहीं था. इस वजह से उन्हें संगीत सीखने का मौका नहीं मिला. पढ़ाई लिखाई में काफी तेज रक्षा से परिवार वालों की उम्मीदें आईएएस आईपीएस अधिकारी बनने की थी. रक्षा ने कॉलेज में एक सब्जेक्ट ही म्यूज़िक ले लिया. धीरे धीरे संगीत सीखना शुरू किया और नैसर्गिक प्रतिभा होने के कारण जल्द तरक्की करने लगी. तभी से उनकी ग़ज़लों में रुचि जगी. उस्ताद सरवत हुसैन खान से तालीम ली. रक्षा की उर्दू ज़बान पर पकड़ होने और साहित्य में रुचि से उनकी गायकी को बल मिला. लेकिन रक्षा को करियर का दूसरा ऑप्शन ढूंढना पड़ा. और वह मीडिया में चली गई. आकर्षक व्यक्तित्व, तेज़ दिमाग़, मेहनती और जल्द सीखने के हुनर की वजह से रक्षा को मीडिया में भी सफलता मिली. 15 साल तक वो मध्यप्रदेश में जर्नलिस्ट के रूप में काम करती रहीं, पर दिल तो म्यूज़िक और ग़ज़ल से ही मोहब्बत करता था. 15 साल का वनवास काटते काटते कोविड का दौर आया. सब कुछ बंद पड़ा था, तब रक्षा के अंदर की चिंगारी भड़क उठी और एक दिन रक्षा ने वापस रियाज़ करना शुरू किया और अपने गाने सोशल मीडिया पर शेयर करने लगी.
म्युज़िक कम्पोज़र राजीव महावीर ने जब रक्षा की आवाज़ सुनी, तो राजीव ने रक्षा को संगीत जगत में आने के लिए इंसपायर किया. परिवार ने साथ दिया और रक्षा ने सब कुछ छोड़कर संगीत का दामन थामने का फ़ैसला किया और आ गयीं मुंबई नगरी. कौशल महावीर ने रक्षा को सिखाना शुरू किया और जल्द ही रियाज़ असर दिखाने लगा. राजीव महावीर ने हरिहरण जी के साथ अल्बम करने का फ़ैसला किया और रक्षा ने मेहनत की मिसाल कायम की. आज उस तपस्या, लगन और जज़्बे का परिणाम सबके सामने है. सिंगर रक्षा श्रीवास्तव का डेब्यू अल्बम "मंज़िल - ए म्यूजिकल जर्नी" टी सीरीज से रिलीज हो गया है. एक ग़ज़ल उन्होंने हरिहरण के साथ गाई है, और वीडियो में उनके साथ फ़ीचर भी किया है, जो उनके लिए जीवन भर का यादगार अनुभव है.