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भले ही अपनी फिल्म 'सेक्रेट सुपर स्टार' -जिसके लिए उनको एक खराब बाप की नगेटिव भूमिका के लिए बेस्ट एक्टर का zee cine award मिला हो , वे निजी जिंदगी में छोटे बच्चों की सोच और उनकी सुरक्षा के लिए बेहद चौकन्ने रहते हैं। जीहां, हम बात कर रहे हैं मैक्स प्लेयर के ओरिजिनल वेब सीरीज 'सबका साई' के साईबाबा की भूमिका को जीवंत करनेवाले कलाकार राज अर्जुन का- जिनके परफार्मेंस को देखने के लिए देश की निगाहें टिकी हैं। - शरद राय
'मैं निजी जिंदगी में अश्लीलता के बहुत खिलाफ हूं क्योंकि इसका सबसे ज्यादा असर छोटे बच्चों पर पड़ता है।मेरी भी एक टीनएज बेटी है, इसलिए मैं समझता हूं कि जब पर्दे पर अभद्र दृश्य आते हैं तब साथ मे देख रहे मां-बाप की सोच क्या होती है।बच्चों के प्रति मैं अपनी निजी जिंदगी में बहुत प्रोटेक्टिव हूं। पर्दे पर मैं क्या होता हूं , वहां एक अभनेता होता है।'' राज अर्जुन एक प्यारे पिता हैं। उनकी बेटी सारा अर्जुन एक बाल कलाकार के रूप में बहुत काम की है।वह विज्ञापन और फिल्मों की चर्चित चेहरा रही है।
साईबाबा की भूमिका करने वाले राज अर्जुन जितने पॉपुलर हिंदी दर्शकों के लिए हैं, उतने ही वो दक्षिण की फिल्मों में भी पॉपुलर हैं।वह तमिल तेलुगु मलयालम की बहुत फिल्में किये हैं। शायद यही वजह है कि मैक्स प्लेयर के 'सबका साई' के चुनाव के समय यह ध्यान रखा रखा गया था कि सीरीज हिंदी के अलावा तमिल और तेलुगु दर्शकों के लिए भी बनाइब्ज रही थी। 'मेरे लिए यह बात महत्वपूर्ण नहीं थी कि सीरीज की भाषा क्या होगी बल्कि मेरेलिए महत्व इस बात का है कि बाबा को पोट्रेट कर रहा था। बहुत बड़ा भक्त हूं मैं साईबाबा का। मैं मानता हूं कि यह भूमिका मुझे उनकी कृपा होने से ही मिली है।मैंने बहुत काम किया है लेकिन जितना उत्साह से भरा हूं साई बनकर के उतना उत्साह पहले महसूस नहीं किया।'
राज अर्जुन इससे पहले ओटीटी पर स्ट्रीम हुई सिद्धार्थ मल्होत्रा वाली फिल्म 'शेरशाह' में सुबेदार रघुनाथ के रूप में दिखे हैं।वह 'करनजीत कौर ...' 'लव होस्टल', 'थलाइवी' में भी ओटीटी प्लेटफॉर्म पर देखे जा चुके हैं। हिंदी में उनकी पहली फिल्म 2007 में आई 'ब्लैक फ्राइडे' थी।उसके बाद से वह बहुत फिल्मों में काम किए हैं जिनमे-'राउडी राठौर' , 'शबरी' , 'डियर कामरेड' , 'वाचमैन', 'रईस' , 'सेक्रेट सुपरस्टार' , आदि रही है। 'सेक्रेट सुपर स्टार' आमिर खान की फिल्म थी जिसके लिए उनको फारुख मालिक के नेगेटिव रोल के लिए ज़ी सिने अवार्ड सहित कई अवार्ड मील थे। वह जितने व्यस्त हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में हैं उतने ही व्यस्त साउथ की फिल्में करने में भी रहे हैं। तमिल, तेलुगु और मलयालम भाषा की दर्जनों फिल्मों के वह स्टार हैं। 'लेकिन, साईबाबा बनने की संतुष्टि अलग है।' उनका मानना है। 'हर कलाकार की चाहत होती है दर्शकों द्वारा वह दिल से चाहा जाए। 'सबका साई' करना एक ऐसा ही काम है जो मेरे भी दिल के बहुत करीब है।'