सोशल मीडिया पर बाबुल सुप्रियो के बयानबाजी की उठक बैठक! By Mayapuri Desk 04 Aug 2021 | एडिट 04 Aug 2021 22:00 IST in एंटरटेनमेंट New Update Follow Us शेयर कोलकाता से बॉलीवुड की एक उभरती गायिका ने (अपना नाम ना बताने के अनुरोध के साथ) हमें फोन पर बताया कि सुप्रियो के लिए उनके संसदीय क्षेत्र आसनसोल में खूब पेरोडी गाने बनाए जाने शुरू हो गए हैं। एक गाना उनकी पहली हिट फिल्म ’कहो ना... प्यार है’ से पेरोडी करके बना है- “कहा ना...एम पी हूं!“ (हालांकि फ़िल्म में बाबुल का गीत है-“दिल ने दिल को पुकारा“)। बाबुल बॉलीवुड में इसी फिल्म से चर्चा में आए थे। और अब, आसनसोल में जहां से वह दो बार भारतीय जनता पार्टी के सांसद बने हैं, उनके लिए गाने बनाए जा रहे हैं। बताने की जरूरत नहीं कि इन गानों के क्रियेटर किस पार्टी के लोग हो सकते हैं! गायक से सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री बनने का सफर तय करने वाले बाबुल सुप्रियो इनदिनों चर्चा में हैं। सोशल मीडिया के हर प्लेटफॉर्म पर उनकी चर्चा है। पिछले दिनों बाबुल ने फेसबुक पर एक पोस्ट लिखा कि वह राजनीति छोड़ रहे हैं। संसद से सड़क तक यह चर्चा छिड़ गई। सबका यही कहना था कि गतदिनों केंद्र की सरकार में मंत्री परिषद की कौंसिल में हुए फेरबदल में बाबुल को स्थान नहीं दिए जाने का यह रिएक्शन है। और, शायद था भी यही। तभी तो बंगाल भारतीय जनता पार्टी (ठश्रच्) के अध्यक्ष दिलीप घोष और जनरल सेक्रेट्ररी कुणाल घोष अपना रिमार्क देने से खुद को नहीं रोक पाए- ’’इस्तीफा फेसबुक पर दिया जाता है क्या? इस्तीफा देना ही था तो लोकसभा का सत्र चल रहा है वहां जाकर अध्यक्ष को दे देते !’’ और, सच भी यही है। सोशल मीडिया पर सांसदों और मंत्रियों का इस्तीफा घोषित होने लगे तो बेचारी जनता कहाँ जाएगी? बाबुल ने बिना नाम लिए अपना रिमार्क दिया कि उनकी ही पार्टी के कुछ लोग उनसे मतभेद रखते हैं। बतादें की यह वही बाबुल हैं जिनको अगर ठश्रच् सत्तासीन होती तो एक भावी मुख्यमंत्री के रूप में देखा जा रहा था। बाबुल की नाराजगी का असर हुआ। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उनसे मुलाकात किया। बाबुल ने फिर अपनी पोस्ट पर लिखा- “वह राजनीति नहीं करेंगे लेकिन एमपी बने रहेंगे।“ वजह साफ है कि बंगाल में ममता बनर्जी की पार्टी टी एम सी के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए ठश्रच् नहीं चाहती कि वहां बाबुल के सांसद के रूपमे इस्तीफा देने से उपचुनाव हो। यह भी बताने वाली बात है कि पिछले बंगाल चुनाव में पार्टी ने अपनी ताकत बढ़ाने केलिए बाबुल को बिना डच् पद से इस्तीफा दिलाए विधानसभा का चुनाव लड़वाया था लेकिन सुप्रियो साहब टॉलीगंज विधान सभा की यह सीट हार गए। पहली बार ऐसा हुआ था जब एक सीटिंग एमपी व मंत्री विधान सभा का चुनाव लड़ा और हार गया। बतादें की बाबुल आसनसोल की सीट से दो बार 2014 और 2019 में एमपी का चुनाव जीते हैं और वह मंत्री परिषद में तीन बार पोर्टफोलियो ग्रहण किये हैं। 2014 से 2016 तक उवे अर्बन डेवलोपमेन्ट, हाउसिंग और अर्बन पावर्टी रहे हैं। 2016 से 2019 तक उवे हैवी इंडस्ट्रीज एंड पब्लिक एंटरप्राइजेज और पिछले दो साल से उवे इनवायरमेंट का पोर्ट फोलियो देख रहे थे। कहा जाता है कि विभाग में अपनी अधिक कार्य दक्षता का प्रदर्शन न कर पाने, फिल्मी पर्सनालिटी होने की शोशेबाजी और बाइक चलाकर घूमने आदि के शौक के चलते ही उनका डिमोशन हुआ है। बताते यह भी हैं कि बंगाल के चार सांसदों (सुभाष सरकार, शांतनु ठाकुर, जॉन बारला और नीतीश प्रमानिक) को मंत्री परिषद (उवे) में जगह दिए जाने और खुद को बाहर किये जाने के कारण ही बाबुल गुस्से में हैं। अब, सोशल मीडिया में बाबुल पर लोगों का गुस्सा सामने आ रहा है। ’राजनीति नहीं करेंगे लेकिन सांसद बने रहेंगे।’ इसका मतलब क्या? सेक्युरिटी छोड़ देंगे पगार लेते रहेंगे... और बहुत से सवाल हैं जिनको लेकर सोशल मीडिया में बाबुल की उठक बैठक चल रही है। बाबुल सुप्रियो वापस बॉलीवुड में या बंगाली फिल्मों में गाने गानेके लिए जाएंगे, इसमें शक है। राजनीति का नशा फिल्म के नशे से भी गहरा होता है। बहरहाल इस गायक- नेता को लेकर गानों की पेरोडी उनके संसदीय क्षेत्र में गूंजने जैसी है बकौल हृतिक रोशन की फिल्म - 'कहा ना...एमपी हूं!' #Babul Supriyo #Babul Supriyo's rhetoric on social media #Social Media #dilip ghosh #kaha naa... mp hoon. #कहा ना...एमपी हूं! हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article