ओमान सल्तनत का सोहार पोर्ट एंड फ्रीज़ोन “बाजार में अपनी पहुंच बढ़ाने के लिये औद्योगिक एवं लॉजिस्टिक समाधानों तक पहुँच’’ विषय पर पाँच भागों की एक वेबिनार सीरीज लॉन्च कर रहा है। यह लॉन्चिंग फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के साथ मिलकर की जा रही है।
13 जुलाई को पहला वेबिनार सोहार पोर्ट एंड फ्रीज़ोन में उपलब्ध अवसरों पर प्रकाश डालेगा। जहां भारतीय व्यवसाय वैश्विक व्यापार मार्गों के भीतर उत्कृष्ट बुनियादी ढांचे और रणनीतिक लोकेशन का फायदा उठा सकते हैं। इस प्रकार वे जीसीसी, अफ्रीका और अमेरिका के बाजारों में अपनी पहुंच बढ़ाने में समर्थ होंगे।
सीरीज के पहले वेबिनार में निम्नलिखित विषयों को कवर किया जाएगा:
=सोहार फ्रीज़ोन के सीईओ ओमर अल महरिज़ी द्वारा ‘सोहार के रणनीतिक फायदे’
=सोहार पोर्ट एंड फ्रीज़ोन की एफटीए एडवाइजर एम्मी हाउन द्वारा ‘अमेरिका के बाजार में पहुँच के लिये सोहार का इस्तेमाल’
=जिंदल शादीद आयरन एंड स्टील एलएलसी में प्रोडक्शन प्लानिंग, शिपिंग और लॉजिस्टिक्स के हेड समीर गुप्ता द्वारा ‘सोहार में भारतीय निवेशक, औद्योगिक सफलता की एक गाथा’
=खिमजी रामदास की डायरेक्टर मालविका पंकज खिमजी द्वारा ‘सोहार के लॉजिस्टिक सॉल्यूशंस, बाजार तक भारत की पहुँच के लिये’
यह सेशन इस बारे में गहन जानकारी देगा कि सोहार पोर्ट एंड फ्रीज़ोन कैसे बेजोड़ फायदे देता है। साथ ही वह उपयोगिता के प्रतिस्पर्द्धी मूल्यों, प्रोत्साहन के आकर्षक पैकेजेस और कच्चे माल के प्रचुर स्रोतों से व्यवसायों का महत्व बढ़ाता है। इसके अलावा, वह चुने गये उत्पादों पर शुल्क से मुक्त पहुँच के लिये ओमान/अमेरिका फ्री ट्रेड एग्रीमेंट का फायदा दिलाता है।
सोहार पोर्ट एंड फ्रीज़ोन के डिप्टी चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर (सीईओ) और सोहार फ्रीज़ोन के सीईओ ओमर अल महरिज़ी ने बताया, ‘ओमान और भारत दशकों से द्विपक्षीय व्यापार कर रहे हैं। दोनों देश भूगोल, इतिहास, संस्कृति और स्नेही तथा हार्दिक सम्बंधों को एक-दूसरे के साथ साझा करते हैं। हम दोनों देशों के लिये अवसरों की खोज हेतु जानकारियों से भरी एक सीरीज के लिये फिक्की के साथ जुड़कर सम्मानित हुए हैं। हमें यकीन है कि यह सीरीज भारत के व्यवसायों के लिये उपलब्ध पेशकशों और फायदों को जानने में उनकी सहायता करेगी। सोहार की करीबी भौगोलिक स्थिति, मुख्य वाटरफ्रंट तक पहुँच, लीज के लिये भूमि के विकल्प और अनगिनत लॉजिस्टिक्स सॉल्यूशंस, यह सभी वे प्रमुख घटक हैं, जो भारतीय व्यवसायों को अपने उत्पादों और सेवाओं की वैश्विक पहुँच बढ़ाने की समर्थता देंगे।’
सोहार पोर्ट एंड फ्रीज़ोन द्वारा प्रस्तुत अनूठे प्रोत्साहनों में से एक है उसकी संपूर्ण सुविधा; एक ही जगह पर क्लीयरिंग सर्विस, जहाँ से सभी लाइसेंस, परमिट और अनुमोदन लिये जा सकते हैं। इसका मतलब यह है कि फ्रीज़ोन के ग्राहकों को सरकारी संस्थानों के साथ बहुत कम संवाद करना होगा। ऐसा इसलिये है, क्योंकि सोहार पोर्ट एंड फ्रीज़ोन एक कार्यरत कंपनी की स्थापना और परिचालन के लिये सभी जरूरतों पर सीधे ओमान सरकार से समन्वय करेगा।
सोहार पोर्ट एंड फ्रीज़ोन ने गल्फ क्षेत्र को भारत से जोड़ने में प्रभावी भूमिका निभाई है। फ्रीज़ोन में कुल कंपनियों की लगभग 35% कंपनियाँ भारतीय निवेशकों की हैं। इनमें अब तक 680 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश हो चुका है। इसके अलावा, फ्रीज़ोन की कुल भूमि का एक चौथाई भारतीय निवेशकों ने लीज पर लिया है। भारतीय शेयरधारकों के पास जनरल ट्रेडिंग लाइसेंसों (जीटीएल) का सबसे ज्यादा प्रतिशत भी है। जीटीएल के मुख्य सेक्टर हैं मेटल, पॉलीमर और टेक्सटाइल। सोहार के प्रमुख भारतीय निवेशकों में जिंदल शादीद, लार्सन एंड टूब्रो (एल एंड टी), और मून आयरन एंड स्टील कंपनी (एमआईएससीओ) शामिल हैं। पोर्ट के भारतीय निवेशकों की योजना सोहार की स्थायित्व वाली पहलों के इर्द-गिर्द मौजूद विभिन्न सुविधाओं का इस्तेमाल बढ़ाने की है।
पाँच भागों वाली यह वेबिनार सीरीज आने वाले महीनों में विभिन्न सेक्टरों, जैसे फूड, ऑटोमोटिव, प्लास्टिक्स और मेटल्स में अवसरों पर विस्तार से जानकारी देगी।
इस वेबिनार सीरीज में हिस्सा लेने के लिये, 12 जुलाई, 2021 से पहले ऑनलाइन रजिस्टर करें।
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सोहार पोर्ट एंड फ्रीज़ोन के विषय में
सोहार पोर्ट एंड फ्रीज़ोन विश्व में सबसे तेजी से बढ़ रहे पोर्ट्स में से एक है। वह लगातार अपनी रणनीतिक स्थिति का फायदा उठा रहा है और अपनी सेवाओं का विस्तार कर रहा है। इस प्रकार उसने खुद को अपने क्षेत्र और विश्व का एक महत्वपूर्ण लॉजिस्टिक्स हब बना लिया है। यह पोर्ट ऑफ रोटरडम और ओमान सल्तनत सरकार की विशेषज्ञता का शक्तिशाली मेल है, जिसका प्रतिनिधित्व एएसवायएडी करता है। यह सल्तनत की सबसे बड़ी परियोजनाओं में से एक है। यह लॉजिस्टिक्स, पेट्रोकेमिकल्स और मेटल क्लस्टर्स का गढ़ है और साथ ही अपने क्षेत्र का पहला समर्पित एग्रो-टर्मिनल भी है। अपने परिचालन की शुरूआत के 17 वर्षों के बाद, आज यह ओमान में आयात और निर्यात का प्रमुख द्वार है। ओमान की जीडीपी में इसका योगदान 2.8% है और इसने लगभग 26,000 प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार दिये हैं। यह स्थायी विकास और अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी पर केन्द्रित है। यह सल्तनत में लॉजिस्टिक्स के बुनियादी ढांचे के विकास और आधुनिकीकरण का नेतृत्व कर रहा है और ओमान के 2040 विजन के आर्थिक विविधता से जुड़े उद्देश्यों में सहयोग दे रहा है।