Tabbar Review: परिवार के लिए हर हद तक गुज़रती है पवन मल्होत्रा की ये वेब सीरीज़

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Tabbar Review: परिवार के लिए हर हद तक गुज़रती है पवन मल्होत्रा की ये वेब सीरीज़

पंजाबी में टब्बर का मतलब ही परिवार होता है, परिवार जो एक दूसरे का हर अच्छे बुरे में साथ देता है, सपोर्ट करता है। कुछ ऐसा ही पंजाबी फिल्म राइटर/क्रियेटर हर्मन वडाला और डायरेक्टर अमरजीत सिंह की नई वेब सीरीज़ Tabbar में भी देखने को मिल सकता है।

इसकी कहानी एक ऐसे इंसिडेंट से शुरु होती है जो बिल्कुल इत्तेफ़ाक जैसा लगता है। ओमवीर सिंह (पवन मल्होत्रा) अपने बड़े बेटे हैप्पी (गगन अरोड़ा) के दिल्ली से आने का इंतज़ार कर रहा है। उसकी पत्नी सरगुन (सुप्रिया पाठक) बीमार रहती हैं इसलिए उन्होंने अपनी पुलिस की नौकरी छोड़ घर पर रहना चुना। इन दोनों ने अपने बेटे हैप्पी के लिए केक मंगवाया है। वहीं छोटा बेटा तेगी (साहिल मेहता) अपने भाई से फोन मंगवा चुका है। लेकिन यहाँ एक ऐसा हादसा हो जाता है कि इस फैमिली के एक मेम्बर से, जालंधर शहर के सबसे बड़े डॉन और बिजनेसमैन और होने वाले एमएलए अजीत सोढ़ी (रणवीर शौरी) के भाई महीप का क़त्ल हो जाता है।

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फैमिली को बचाने के लिए ओमकार सिंह बड़ी मशक्कत से उसकी लाश ठिकाने लगा देता है, यहाँ से झूठ का सिलसिला शुरु होता है और तकरीबन हर एपिसोड में एक मर्डर होता है। सीरीज के हर एपिसोड की शुरुआत में बाबा फरीद की लोकोत्तियां हैं जो एपिसोड में क्या होने वाला है, इसका हिंट देती हैं।

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डायरेक्टर अमरजीत सिंह ने जितनी अच्छी और थ्रिलिंग शुरुआत की है, अंत उतना ही इमोशनल और डार्क किया है। अंत से ज़रा पहले होने वाले कुछ फाइनल सीक्वेंस लॉजिक से परे जाते नज़र आते हैं। फिर भी टब्बर का अंत, उसका आख़िरी सीन दिन में एक कसक, एक दर्द छोड़ने में कामयाब होता है।

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पंजाबी फिल्मों में अपना नाम सुनहरे अक्षरों में लिखवाने वाले पवन मल्होत्रा इस वेब सीरीज़ में भी बहुत अच्छी एक्टिंग करते नज़र आ रहे हैं। उनके साथ ही सुप्रिया पाठक भी अपना बेस्ट परफॉरमेंस दे रही हैं। पवन मल्होत्रा का दारु पीने के बाद बिना म्यूजिक के डांस करना बहुत नेचुरल, बहुत रॉ नज़र आया है। रणवीर शौरी की जितनी अच्छी शुरुआत है, उतना इम्पैक्ट वो अंत में नहीं डाल पाते हैं।

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परमवीर सिंह चीमा की शुरुआत और अंत, बिल्कुल अलग-अलग सिरे पर शुरु और खत्म होता है।

गगन अरोड़ा अपने रोल में जमे हैं, लेकिन साहिल मेहता ने ज़बरदस्त काम किया है।

छोटे से रोल में कंवलजीत सिंह इतने अरसे बाद नज़र आते अच्छे लगते हैं।

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सीरीज़ का बैकग्राउंड म्यूजिक भी अच्छा है, हाँ एडिटिंग पर ज़रा बहुत और काम हो सकता था।

लेकिन बहुत समय बाद कोई ऐसी सीरीज़ आई है जो एक अच्छे क्राइम थ्रिलर नॉवेल की याद दिला सके। डार्क और कुछ जगह पर लॉजिक से परे होने के बावजूद, सीरीज़ एक बार देखने योग्य है।

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यह वेब सीरीज़ 8 एपिसोड्स में बटी हुई है। सोनी लिव पर सब्सक्रिप्शन के साथ आप यह सीरीज़ देख सकते हैं।

रेटिंग – 7/10*

  • सिद्धार्थ अरोड़ा ‘सहर’
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