मशहूर अभिनेता स्वर्गीय संजीव कुमार अपने पीछे कोई बड़ी लिगेसी नहीं छोड़ गए थे. उनके नाम की एक सड़क, स्मृति स्वरूप डॉक टिकट, एक ऑडिटोरियम और उनकी फिल्मों के सिवाय कुछ ऐसा नही है जिसके द्वारा इस महान अभिनेता को याद रखा जाए.अब उनके जीवन वृतांत को एक पुस्तक में सिमटने की कोशिश हुई है उनपर लिखी गयी एक पुस्तक के माध्यम से. किताब का नाम है "संजीव कुमार- द एक्टर वी आल लव्ड" (Sanjiv kumar-the actor we all loved) इस किताब के सह लेखक हैं उदय जरीवाला और रीता राम मूर्ति गुप्ता.
फरवरी 2014 में अपने चुनावी कार्यक्रम की व्यस्तता के बीच प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने संजीव कुमार के नाम पर बनाए गए एक भव्य हाल (ऑडिटोरियम) का उदघाटन किया था जो आज संजीव कुमार ऑडिटोरियम के नाम से जाना जाता है.यह एक विशाल ऑडिटोरियम है जो भरतीय सिनेमा के एक प्रतीक का रूप ले चुका है.इसमें संजीव कुमार से जुड़ी हर छोटी बफी चीजों का संग्रह किया गया है. संजीव कुमार (हरि भाई जरीवाला) के भतीजे उदय जरीवाला ही एक्टर के उत्तराधिकारी हैं और वही ऑडिटोरियम की देखभाल भी करते हैं.
वह बताते हैं - "स्वर्गीय अभिनेता से जुड़ी हुई हर छोटी बड़ी चीजों को इस ऑडिटोरियम में रखवाने की कोशिश किए हैं. उनके सारे अवार्ड्स और यादों को यहां हमने वैसे ही रखा है जैसे महान एक्टर अपनी फिल्मों से जुड़ाव रखते थे." इसी क्रम में 'संजीव कुमार- द एक्टर वी आल लव्ड' को भी ऑडिटोरियम में एक विशेष स्थान देकर रखा गया है.पुस्तक की दूसरी सह लेखिका रीता राम मूर्ति गुप्ता की यह तीसरी किताब है.
वह बताती हैं- "हरि भाई शून्य से शिखर तक पहुचने वाले ऐसे स्टार थे जो सदैव याद किये जाते रहेंगे. 'नो बडी टू इंडियाज बिगेस्ट स्टार' बनने वाले संजीव कुमार पर लिखी गईं किताब को सही अर्थों में सही जगह पर अब रखने के लिए स्थान मिल स्का है."