जावेद अख्तर की टिप्पणी उनपर ही भारी पड़ जाती है - शरद राय

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By Mayapuri Desk
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जावेद अख्तर की टिप्पणी उनपर ही भारी पड़ जाती है - शरद राय

कांग्रेस के वरिष्ठ और पढ़े लिखे अभिनेता शशि थुरूर पर लेखक-गीतकार जावेद अख्तर का कमेंट करना उनको खुद ही भारी पड़ रहा है। वैसे भी जावेद साहब आजकल जो भी टिप्पड़ी करते हैं, उनका घेराव हो जाता है। आर एस एस और शिवसेना के लोगो की नाराजगी अभी थमी नहीं थी कि वह अब कांग्रेसियों को गुस्सा दिलने लग गए हैं। एक चुटकी लेना जावेद साहब को कसैला स्वाद दे गया है। हुआ यह कि कांग्रेस के नेता शशि थुरूर ने श्रीनगर डीडी के एक प्रायोजित कार्यक्रम में राजेश खन्ना की एक फ़िल्म का गाना गाया था। मौका था वहां सूचना प्रसारण मंत्रालय के लिए स्टैंडिंग कमेटी के एक कार्यक्रम का, थुरूर साहब जिसके सदस्य हैं। - शरद राय

जावेद अख्तर की टिप्पणी उनपर ही भारी पड़ जाती है - शरद राय

दूरदर्शन कार्यक्रम में दूसरे सदस्यों ने थुरूर से कुछ गाने की फरमाइश कि। उन्होंने राजेश खन्ना-जीनत अमान पर फिल्माए गए 1974 में बनी फिल्म 'अजनबी' का गीत सुना दिया- 'एक अजनबी हसीना से मुलाकात हो गई...'। शशि थुरूर अमेरिका में पढ़े हैं। उनकी अंग्रेजी अलग अंदाज की है जबकि उनकी हिंदी कमज़ोर है। इस घटना का जिक्र उन्होंनेअपने सोशल मीडिया पर किया, इस टिप्पड़ी के साथ कि उन्होंने एक ऐसेही अपरिपक्व व अमेच्योर गाना गा दिया, जिसको एंजॉय किया गया। इस गीत की उन्होंने रेकॉर्डिंग भी डाल दी थी। घंटे भर में लाखों लोगों के व्यूज व लाइक आगये। जावेद साहब ने भी अपने विचार लिख दिए कुछ इसतरह जिसपर लोग अर्थ निकालने लगे हैं।

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हालांकि जावेद अख्तर ने बस यही लिखा था कि ऐसा ही मिलता जुलता एक गाना हमारी हिंदी फिल्म से भी है। देखा जाए तो थुरूर के हिंदी उच्चारण पर यह एक सटायर था या हल्की चुटकी थी। लेकिन, कांग्रेस के लोगों को एक मौका मिल गया बोलने के लिए। कांग्रेस के मुम्बई सर्किल के नेता व हाई कोर्ट के एडवोकेड शीतला पांडेय ने प्रतिक्रिया दे डाली कि जावेद अख्तर समझ ही नही पाए शशि थुरूर के अंग्रेजी एसेंट के हिंदी में गाए गाने को। बस, कांग्रेसियों की टिप्पड़ी आनी शुरू हो गई जावेद अख्तर के लिए। वैसे, बॉलीवुड के लोगों का मानना है कि जावेद साहब एक सुलझे हुए लेखक हैं, ये नेता लोग उनकी टिप्पड़ी की गहराई को समझ नही पाते। उनको तो इशू बनाना है... बीजेपी और सेना के लोग बोलेंगे तो कांग्रेसी क्यों चुप रहेंगे? कुल मिलाकर बात इतनी ही है!

जावेद अख्तर की टिप्पणी उनपर ही भारी पड़ जाती है - शरद राय

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