‘कैसे हैं आप?’
‘हमेशा पोसिटिव सोचिए’
‘इस्माइलीः (चिन्ह)’
‘इमोजीः (चिन्ह)’
‘सरकार कुछ नहीं कर रही है’
‘हमेशा गरम पानी पीते रहिए,अपनी इम्युनिटी बढ़ाइए, जो गए उनकी मत सोचिए...’
ये कुछ लाइनें हैं जिनसे हम सुबह सोकर उठते ही अपने मोबाइल फोन के स्क्रीन पर रूबरू होते हैं! पूरे साल पेंडेमिक के दिनों में यही होता रहा है।हम दूसरे को पढ़ते रहे हैं और दूसरे को लिखते रहे हैं।यह सिर्फ एक आम व्यक्ति की बात नहीं है, ऐसा ही कुछ सितारों और उनके परिवार के साथ भी रहा है। कमोबेस हर कोई पिछले डेढ़ साल से यही संदेश पढ़ने और भेजने में व्यस्त रहा है। सोशल मीडिया की इस बीमारी से सबसे अधिक दुखी हुए हैं सितारे। अनिल कपूर ने बताया कि वे अपने खास करीबियों के भी डेढ़ हजार नम्बर ब्लॉक कर दिए हैं क्योंकि इन ‘हमदर्दियों‘ से वे पक गए थे! जिन निर्माताओं को सबसे ज्यादा ऐसे संदेशों ने परेशान किया है उनमें करण जौहर, महेश भट्ट और राजू हिरानी हैं! जिन्होंने अपने फोन नम्बर ही बदल लिए हैं।
आमिर, शाहरुख, अक्षय को तो सीधे कोई सम्पर्क कर ही नहीं सकता, सिवाय उनके परिवार के सदस्य के। हां, सितारों की बीवियों की व्यस्तता जरूर बढ़ी रही है। गौरी खान, ट्विंकल खन्ना, माना शेट्टी,सुनीता आहूजा, सीमा कपूर , मलाइका आदि पूरे दिनों में दिनभर घर मे बैठी एक दूसरे का हालचाल लेने में लगी रहती थी। क्योंकि कहीं पार्टी नहीं थी, कोरोना के डर से किसी के घर आना जाना नही था! सो, ये लोग चटकारे लेकर मोबाइल पर टाइम पास करने में जुड़े रहते थे। बच्चे भी घर मे होते थे इसलिए कोई न्यूड वेब सीरीज की तलाश भी नही किया जा सकता था। सितारों की पत्नियां अपने छोटे बच्चों को लेकर बहुत संवेदनशील होती हैं।बेशक वे टीनएज बच्चियों को खुला छोड़ देती हैं-‘जाओ चारो-खाओ‘ यानी- अपनी सर्किल खुद बनाओ।
आओ, सितारों के टीनएज बच्चों को भी देख लेते हैं कि स्कूल/कॉलेज बंद था तो वे कैसे टॉक्सिक संदेशों में खोए रहते थे! बच्चे संदेश कम करते हैं बातें किया करते हैं। शाहरुख के पुत्र आर्यन खान किससे दिन भर बात करते हैं, यह बादशाह खान के लिए भी एक पहेली है। और ऐसा ही कुछ अजय देवगन के पुत्र युग देवगन तथा अक्षय कुमार को अपने पुत्र आरव कुमार को लेकर शिकायत रहती है। सुना है बोनी कपूर छोटी बेटी खुशी (श्रीदेवी की लाडली) को कहकर बड़ी बेटी जाह्नवी को समझाने का प्रयास करते हैं कि वह अपनी मित्र मंडली से दूरी बरते। वह बेटियों को लेकर चिंतित रहते हैं और उनकी सहेली कैम्प में सभी को मना कर चुके हैं कि वे बच्चियां अपना समय फोन पर जाया न करें। युवा- सीढ़ी पर पांव रखने वाली सितारों की बेटियों को ‘रील‘ बनाकर अपनी फ्रेंड्स तक पहुंचाने का नया चस्का लगा हुआ है। वे पहले टिक टाक पर होती थी। शाहरुख की बेटी सुहाना खान कितनी बार सोशल मीडिया के इंस्टा पर अपनी बेफिक्री फोटो डाल चुकी है।पिछले दिनों संजय दत्त की बड़ी बेटी तृषाला (पहली पत्नी स्व. ऋचा शर्मा से) ने अपनी फोटो अमेरिका में किसी बीच पर खींची हुई इंस्टा पर डाली तो सोशल मीडिया पर यह फोटो खूब चर्चित रही है।
ऐसा नहीं है कि सबके सब सोशल मीडिया पर टॉक्सिक अप्रोच के शिकार हों। जया बच्चन, आमिर खान, ऐश्वर्य राय बच्चन,यहां तक कि गोविंदा तक जैसे सितारे सोशल मीडिया से दूरी बरतते हैं। पुराने दौर के सितारों में यह लत नहीं है क्योंकि वे अपने को नई तकनीक से कनेक्ट नही करपाते हैं। बेशक जो दौर गुजरा है इसने सोशल मीडिया के अप्रोच को बहुत स्ट्रांग किया है।लेकिन, यह भी सच है कि इस अप्रोच में अपनापन खत्म हो गया है। कोई दुखी हैं तो हम इमोजी से दुखी होने का सिम्बल डाल देते हैं या खुशी की बात पर कोई इस्माइली चिन्ह भेज देते हैं।होना तो यह चाहिए कि हम एक दूसरे की भावनाओं को सुने और जाने , उसको महसूस कराएं की हम उसके साथ हैं। खैर, सितारे तो वैसे भी इस भावना से परे होते हैं, इतने की अपनो के साथ भी सोशल मीडिया के सहारे बातचीत करते हैं!..