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एक भारतीय एम नाईटश्यामलन कि ये पाँच अनोखी फ़िल्में ज़रूर देखें

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By Mayapuri Desk
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एक भारतीय एम नाईटश्यामलन कि ये पाँच अनोखी फ़िल्में ज़रूर देखें

हमारे देश में भले ही एम नाईटश्यामलन का नाम हर सिनेमा प्रेमी न जानता हो पर हॉलीवुड में वह कल्ट क्लासिक फिल्मों के लिए ख़ासे मशहूर हैं। उनकी फिल्मों में एक ऐसी अनोखी बात होती है जो आपको अमूमन किसी बॉलीवुड तो क्या हॉलीवुड फिल्म में भी नहीं दिखती। आइए उनकी कुछ अनोखी फिल्मों के बारे में बात करते है –

माहे (पुंडुचेरी) में जन्में एम नाईटश्यामलन बचपन में ही पेन वैली पेन्सिल्वेनिया पहुँच गये थे। इस समय उनकी उम्र मात्र 6 साल थी। यहीं पर एक कैथोलिक स्कूल में उन्होंने पढ़ाई शुरू की और यहीं उनको बहुत सी नस्लभेदी टिप्पणियां झेलनी पड़ी थीं। बच्चे तो बच्चे, इस स्कूल के टीचर्स तक श्याम से कहा करते थे कि तुम अगर बैप्टिस्ट नहीं हुए तो देखना नर्क में जाओगे।

एक भारतीय एम नाईटश्यामलन कि ये पाँच अनोखी फ़िल्में ज़रूर देखें

लेकिन श्याम इसके उलट पढ़ने में बहुत तेज़ थे। एक दफ़ा हद हो गयी। श्याम पूरी क्लास में टॉप ग्रेड स्टूडेंट थे लेकिन उनके टीचर उदास थे कि कोई नॉन-कैथोलिक सबसे आगे क्यों निकल गया।

श्यामलन को न्यू यॉर्क यूनिवर्सिटी की ओर से मेरिट भी मिली और वह नेशनल मेरिट स्कॉलर बने। उन्होंने अपनी ग्रेजुएशन न्यू यॉर्क यूनिवर्सिटी से ही की। बचपन से ही फिल्ममेकिंग का शौक रखने वाले 45 होममेड फिल्म्स बना चुके थे। कॉलेज के दौरान ही उन्होंने अपने नाम के साथ ‘नाईट’ जोड़ लिया। ग्रेजुएशन करते-करते ही उन्होंने दोस्तों यारों से पैसे लेकर अपनी पहली फिल्म बनाई ‘प्लेयिंग विद एंगर’(1992) जो ऑलमोस्ट उनकी ख़ुद की कहानी थी। लेकिन इस फिल्म में कोई ख़ास बात नहीं थी। इसके बाद उन्होंने अपने पेरेंट्स के प्रोडक्शन से वाइड अवेक बनाई। यह कहानी एक स्कूल स्टूडेंट की थी जो कैथोलिक था और एक समय भगवान की खोज में निकला था। यह फिल्म उसी स्कूल में रिलीज़ की गयी जहाँ वो कभी पढ़ते थे।

एम नाईट श्यामलन की बेस्ट पाँच फ़िल्में -

1। श्यामलन ने 1999 में अपनी पहली सुपरनेचुरल और बड़ी फिल्म रिलीज़ की। इस फिल्म का नाम था ‘द सिक्स्थ सेन्स’ इस फिल्म में लीडिंग कास्ट ब्रूस विलिस थे। उनका साथ देने के लिए चाइल्ड आर्टिस्ट हेली जोएल भी थे। इस फिल्म में एक ऐसे बच्चे की कहानी दिखाई है जो आत्माएं देख सकता है और ब्रूस विलिस उसकी मदद से एक केस सोल्व करना चाहता है क्योंकि ब्रूस ख़ुद एक चाइल्ड साइकलोगिस्ट है। इस ड्रामा फिल्म का अंत बहुत हिला देने वाला है।

2। इनकी दूसरी नामी फिल्म फिर ब्रूस विलिस के साथ ही थी, उसका नाम था ‘अनब्रेकेबल’। यह एक ऐसे शख्स की कहानी थी जिसे अपनी ज़िन्दगी के चालीस साल निकलने के बाद पता चला है कि उसके पास सुपर पॉवर है। एक भयंकर ट्रेन एक्सीडेंट में सिर्फ वह ज़िन्दा बचता है बाकी पूरी ट्रेन ख़त्म हो जाती है।

इस फिल्म ब्रूस विलिस के साथ सपोर्ट में ‘समुएल एल जैक्सन’ भी थे जिन्हें फिल्म का मुख्य आकर्षण केंद्र भी कहा जा सकता है। इस फिल्म ने नाईट श्यामलन को यूएस सिनेमा की एक अनोखी हाईट पर पहुँचा दिया था।

3। तीसरी फिल्म 2002 में उनकी फिल्म ‘साइन’ एक साइकोलोजिकल थ्रिलर थी और कमाई के मामले में रिकॉर्ड तोड़ रही थी। इस फिल्म में लीडिंग कास्ट मेल गिब्सन थे। इसकी कहानी एक स्पेशल साइन से जुड़ी है जिसमें मेल गिब्सन के फार्म्स में कुछ ऐसे निशान बने होते हैं जो ये दर्शाते हैं कि हम इस दुनिया में अकेले नहीं हैं।

4। चौथी फिल्म है 2017 में आई ‘स्प्लिट’। इस फिल्म में जेम्स मकॉय लीडिंग हीरो है और उनकी लीडिंग लेडी अन्या टेलर हैं। यह फिल्म श्यामलन की सन 2000 में आई अनब्रेकेबल का सीक्वल है। इसमें जेम्स मकॉय एक या दो नहीं बल्कि 24 करैक्टर प्ले कर रहे हैं। नहीं नही, ये मत सोचिए कि ये 24 रोल हैं बल्कि उन्होंने एक ही बॉडी में 24 स्प्लिट पर्सनालिटीज़ हैं। इस फिल्म को आप एक बार देखेंगे तो कभी भुला नहीं पायेंगे। ख़ासकर इसमें जेम्स मकॉय ने ऐसी एक्टिंग की है कि देखने वाले को मज़ा आ जाता है।

5। पांचवीं फिल्म स्प्लिट का ही अगला पार्ट और अनब्रेकेबल सीरीज़ का फिनाले ‘ग्लास’ है। जहाँ पहली फिल्म ब्रूस विलिस पर बेस थी वहीं दूसरे पार्ट में जेम्स मकॉय पर फोकस किया है, इसलिए आखिरी पार्ट पूरी तरह समुएल एल जैकसन पर किया है।

हमेशा कुछ अनोखा, कुछ नया और ज़रा ड्रामेटिक लेकिन डेप्थ युक्त सिनेमा दिखाने के लिए एम नाईट श्यामलन का दूसरा नाम एम नाईट श्यामलन है।

आज उनके जन्मदिन पर उनकी यह फ़िल्में ज़रूर देखें

सिद्धार्थ अरोड़ा ‘सहर’

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