प्यार पाने के लिए, प्यार के काबिल होना पड़ता है! शाहरुख खान By Mayapuri Desk 25 Nov 2020 | एडिट 25 Nov 2020 23:00 IST in एंटरटेनमेंट New Update Follow Us शेयर शाहरूख खान की फिल्मों के साथ साथ उनके पूरे वजूद से लोगों को मुहब्बत है। फिल् म इंडस्ट्री की नायिकायें ही नहीं बल्कि शाहरूख के प्रशंसक हर हसीना की तमन्ना यही है कि शाहरूख जैसे इंसान उनके जीवन में भी आयें जिसके हृदय में अपने परिवार पत्नी के लिए इतना कन्सर्न हो। यह कितनी प्यारी बात है कि पुरूष अपनी जीवन संगिनी को इतना प्यार , इज्जत और साथ दे , अपनी भावनाओं का इकरार करे ! यही तो जिन्दगी का श्रृंगार है जिसे शाहरूख भरपूर जी रहा है ! वसन्त महीने के आगमन पर इस प्रेम दीवाने शख्स से पूछती हूं मैं , “क्या वसन्त महीने की खुश्बू से आप मतवालापन महसूस कर रहे हैं? हां यही तो वह महीना है जब आशिक मस्ताने अपने प्यार को बड़ी नजाकत से सजा पिरो कर निहारते हैं , और आपसी गिले शिकवे दूर कर लेते हैं , नए जोड़े भी इसी मौसम में इजहार इकरार करते हैं ! पर यह विदेशी दस्तूर नहीं. क्या?” है! बिल्कुल नहीं वसन्त मास को आदिकाल से मधुमास कहा जाता है , सारे रास रंग इसी वसन्त ऋतु में होते हैं , तभी तो फूल इसी मौसम में खिलते हैं , कोयल इसी महीने कूकती है। वैसे हम पूरब पश्चिम की बात क् यों करे , हमें किसी भी देश और संस्कृति की खूबसूरती और अच्छाई बटोरने में कंजूसी नहीं करनी चाहिए ! “आजकल स्कूल कालेज में लड़के-लड़कियां बिना किसी गहराई के प्रेम पर्वो का गलत उपयोग करते हैं न? हां , इसी बात का खतरा बढ़ गया है। ऐसे लोगों को - मेरा मश्वरा है कि पहले प्रेम प्यार की गहराई को समझें , प्रेम सिर्फ शारीरिक आकर्षण नहीं हैं हालांकि सभी इतने नादान नहीं होते हैं , आज के जागृत नौजवानों को पता है कि यह कोई खेल नहीं है , जज्बातु और रूहानी एहसास भी कोई चीज है बल्कि वहीं सब से महत्वपूर्ण है ! “आपने भी तो प्यार किया और शादी भी की?” जी हां , हम दोनों ने अपना प्यार निभाया भी , हमारा प्यार महज आकर्षण नहीं था , पता है कितनी मुसीबतों , तकलीफों का सामना करके मैंने और गौरी ने आखिर शादी कर ही ली ! कैसी मुसीबतें? हम दोनों अलग अलग मजहब के थे , गौरी हिन्दू थी और मैं मुस्लिम इसलिए कुछ सामाजिक रूकावटें तो थी ही , अन्त तक हमें यह लग रहा था , कि यह शादी संभव जान नहीं पड़ती , काफी प्रेशर और तनाव से गुजर कर हमने अपनी मंजिल हासिल की , इतनी निष्ठा और एकाग्रता होनी चाहिए किसी रिश्ते को निभाने में ! स्प्रिंग के इस खूबसूरत मौसम में अपने जीवन की कोंई प्यारी सी बात बताइये? “ क्या आपने कभी किसी - दूल्हे को अपनी ही शादी में बारातियों के साथ कभी नाचते गाते झूमते देखा है ? मैंने ऐसा किया था , एक तरफ सेहरा बांध कर हाथी पर सवार दूल्हा बना था और कुछ मिनटों बाद हाथी से उतर कर अपने मन की खुशी और उल्लास जाहिर करता हुआ ऐसा नाचा कि लोग देखते रह गए। है न यह एक प्यार भरी आश्चर्यजनक बात ! आपकी नजर में मुहब्बत, प्यार, इश्क क्या है? यह सारे शब्द एक ही भावना के नाम है ! वह भावना है किसी के प्रति निस्वार्थ प्रेम की भावना , जब कोई किसी से निस्वार्थ प्यार करता है , तो उसके दामन खुशियों से भरने की कोशिश करता है और बदले में कुछ नहीं चाहता ! क्या आज के इस जमाने में ऐसा प्रेम संभव है?” क्यों नही , प्रेम की भावना से जमाने को क्या लेना देना , अगर हमारा हृदय साफ है तो निस्वार्थ भावना से हम दूर नहीं रह सकंते ! “कहते हैं शादी के बाद प्रेम व्रेम सब खिड़की के रास्ते फुर्र हो जाता है? “ तब तो वह प्यार था ही नहीं , यह प्रेम की भावना कायम की भावना है , यह कोई चिड़िया तो नहीं कि खिड़की के रास्ते फुर्र हो जाए , मेरे साथ तो ऐसा नहीं हुआ , बल्कि साथ रहने से वह भावना बढ़ जाती है ! और हम एक - दूसरे का ज्यादा ख्याल रखते हैं ! गौरी जी की कौन सी खूबी आपको सब से ज्यादा पसन्द है? “ उसकी ईमानदारी , स्पष्ट लहजा और तन - मन की खूबसूरती हर दृष्टि में वह बला की मोहक है ! “अगर कभी आपसे कोई गलती हो जाये तो आप अपनी पत्नी के सामने कुबूल करते हैं?” पहले तो मैं कोशिश करता हूं , कि किसी भी तरह मुझसे कोई गलती हो ही नहीं , पर अगर हो भी जाए तो मुझे अपनी गलती कुबूल करने में कुछ बुरा नहीं लगता ! क्या अक्सर आप अपनी पत्नी की बात पर राजी होते हैं? “ बात अगर घर की हो तो उसे मान लेने में ही हमारी समझदारी है , क् योंकि पत्नी घर की रानी होती है , उसे घर के मामले में हर चीज का पता होता है , वह जो कहती है , ठीक ही कहती है ! “क्या आप विवाह सालगिरह-दिन मनाते है? हां , अगर शूटिंग रहे तब भी हम बड़ी खूबसूरती से वह शाम बिताते हैं ! कई बार एकान्त में कैंडल लाइट डिनर पर जाते हैं तो कई बार किसी डिस्कोथेक में ! गौरी को डांस करने का बेहद शौक है ! अगर उस मधुर दिन में हम कहीं बाहर नहीं जा रहे हों तो घर पर ही इक्ट्ठे बैठ कर वीडियो पर फिल्में देखते हैं ! सुना है आप गौरी जी के साथ कोई छुट्टी मनाने विदेश जा रहे हैं? “ देखते हैं , अभी थोड़ा काम निपटा लूं। क्या घर के काम में आप उनकी कभी कोई मदद करते हैं ? मैं मदद करने की कोशिश तो करता हूं लेकिन अक्सर काम बनने के बदले गड़बड़ हो जाती है , कभी किचन में कुछ बनाने की कोशिश की तो वह कुछ का कुछ बन गया इसलिए गौरी न तो मुझे किचन में घुसने देती है न किसी काम में हाथ लगाने देती है ! “ इस खूबसूरत महीने के अवसर पर कोई सुन्दर सा गाना आपके होठों पर है ? “ वह गाना मुझे बहुत अच्छा लगता है , तुझे देखा तो यह जाना सनम प्यार होता है , दीवाना सनम!,, अब यहां से कहां जाएं हम मेरी बाहों मे मर जाए हम !! अपने प्रशंसकों से वसन्त आगमन पर आप क्या फरमाना पसंद करेंगे? प्यार बांटते चलो , प्यार बांटते चलो , अगर आप प्यार पाना चाहते हैं तो प्यार के काबिल बनो .... #शाहरुख खान हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article