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विकी कौशल के पास इन दिनों एक से बढ़कर एक प्रोजेक्ट्स हैं, जहाँ वो एक तरफ मेघना गुलज़ार जैसी डायरेक्टर के साथ भारत के पहले चीफ मार्शल और 1971 वॉर के हीरो ‘सैम मानेकशॉ’ का किरदार निभाने की तैयारी कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर शूजित सरकार की आने वाली फिल्म ‘सरदार उधम’ में सरदार उधम सिंह का किरदार निभा रहे हैं।
सबसे पहले देखिए ‘सरदार उधम’ का ट्रेलर –
जैसा आपने ट्रेलर में देखा, फिल्म सिर्फ विकी कौशल के इर्द-गिर्द बुनी हुई ही नज़र आती है। पहले ट्रेलर में शहीद-ए-आज़म सरदार उधम सिंह के सिख वाले हिस्से को नहीं दिखाया गया है, हालाँकि मोशन पोस्टर में विकी कौशल पूरी दाढ़ी और पगड़ी में नज़र आए थे।
इस ट्रेलर में सबसे अच्छी बात ये है कि शूजित सरकार की सिनेमेटोग्राफी बहुत प्रभावित कर रही है वहीं सबसे बड़ी कमी ये है कि ट्रेलर ठीक से एडिट नहीं हुआ है। जो ट्रेलर का आख़िरी सीन है वो पहला सीन होता तो दर्शकों पर बेहतर प्रभाव पड़ सकता था। दूसरी कमी है कि विकी कौशल के सिवा किसी भी अन्य अच्छे एक्टर पर फोकस नहीं किया गया है। तीसरी दिक्कत इस ट्रेलर का बैकग्राउंड म्यूजिक है जिसमें बिल्कुल भी दम नज़र नहीं आ रहा है जबकि शांतनु मोइत्रा (इस फिल्म के म्यूजिक डायरेक्टर) 3 इडियट्स, राजनीति आदि में अच्छा म्यूजिक कम्पोज़ कर चुके हैं। इसके साथ ही मैं ये भी मेंशन करना चाहूँगा कि ट्रेलर बहुत डार्क है जो शायद 1930-40 का इफ़ेक्ट दिखाने के लिए डेलिबरेटली किया गया है।
फिल्म का नाम भी सरदार उधम सिंह से बदलकर सरदार उधम कर दिया गया है। जबकि पंजाब के हर अजायबघर में सरदार उधम सिंह के नाम से पहले शहीद ज़रूर लिखा जाता है। इस ट्रेलर में 1919 जलियांवाला बाग़ में हुए नरसंहार के ऑर्डर्स देने वाले जनरल डायर का नाम तक नहीं लिया गया है, जो बहुत हैरान करता है। फिर सबसे बड़ी कमी मुझे लगी वो पंजाबियत का आभाव है. एक सिख, एक पंजाबी बाल कटा भर देने या पासपोर्ट पर नाम बदल लेने से नॉन-पंजाबी नहीं हो जाता. उसकी टोन, उसकी हरकतें, उसकी बॉडी लैंग्वेज में पंजाब में बसा रहता है. इस ट्रेलर के डायलॉग्स में पंजाबी टोन बहुत खली
कुलमिलाकर बेसब्री से इंतज़ार करते सरदार उधम सिंह के फैन्स को ये ट्रेलर निराश कर सकता है। लेकिन इसका ये मतलब बिल्कुल नहीं है कि यह फिल्म भी निराश ही करेगी। शूजित सरकार जैसे काबिल डायरेक्टर पर आप शक नहीं कर सकते। हाँ, ट्रेलर ऐसा अप्रभावशाली होने की वजह 16 अक्टूबर की विंडो में रिलीज़ करने का अचानक हुआ फैसला हो सकती है। हालांकि शूजित सरकार की पिछली फिल्म ‘गुलाबो-सिताबो’ दर्शकों को बिल्कुल पसंद नहीं आई थी। पर विकी डोनर, मद्रास कैफे, पिकू, पिंक और अक्टूबर जैसी नायाब फिल्में बनाने वाले शूजित सरकार को आप एक ख़राब फिल्म की वजह से नकार नहीं सकते।
इस ट्रेलर रिएक्शन के बाद बहुत उम्मीद है कि अगले सोम-मंगल में हमें फिल्म का एक और ट्रेलर देखने को मिले।
सरदार उधम 16 अक्टूबर से ‘अमेज़न प्राइम वीडियो’ ओटीटी प्लेटफोर्म पर स्ट्रीम होगी