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बेसब्री से जिस सीरीज़ का इंतजार सब कर रहे थे आखिरकार वो स्ट्रीम हो ही गई। कोटा फैक्ट्री सीज़न 2 नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हो चुकी है। सीरीज़ में मयूर मोरे, जितेंद्र कुमार, आलम खान, रंजन राज, अहसास चन्ना, समीर सक्सेना, वैभव ठक्कर महत्वपूर्व रोल में नज़र आए हैं। अगर अबतक नहीं देखा तो देख डालो, मिस करने वाली चीज़ नहीं है।
#कहानी: वहीं से शुरू होती है जहाँ सीज़न वन खत्म हुआ था। वैभव(मयूर मोरे) का एडमिशन महेश्वरी इंस्टिट्यूट में हो चुका है। पहले दिन ओरियनटेशन होता है जहाँ वैभव और शुसरूत उर्फ सुसु दोनों डीन की बात सुनकर हैरान रह जाते हैं क्योंकि उन्होंने महेश्वरी क्लासेस में एक साल लेट एडमिशन लिया था। रोबोट की तरफ अपनी पढ़ाई शुरू कर देते हैं। उधर वैभव के दोस्त अपने इंस्टिट्यूट के मैनेज से बहस कर रहे होते हैं कि जीतू भईया(मयूर मोरे) उनकी फिजिक्स की क्लासेस क्यों नहीं ले रहे हैं। पता चलता है कि जीतू भईया को प्रोडोजी क्लासेस से निकाल दिया गया। लेकिन ये सच नहीं होता बल्कि जीतू भईया अपना खुद का इंस्टिट्यूट खोलते हैं और उसी में व्यस्त हो जाते हैं।
इधर वैभव का दोस्त सुसु परेशान है, उसे समझ नहीं आ रहा है कि वो आईआईटी क्यों कर रहा है। वो वैभव से सवाल पूछता है लेकिन उसके जवाब से संतुष्ट नहीं होता, फिर वैभव उसे एक सीनियर के पास लेकर जाता है, जो खुद डिप्रेस होता है। इसके बाद वैभव कहता है कि चल इसका हल केवल जीतू भईया दे सकते हैं। वो जीतू भईया के कोचिंग के सामने वरतिका(रेवती पिल्ले) को खड़े पाता है और उसके सभी दोस्त मीना और उदय भी वहाँ आए होते हैं, जीतू भईया की क्लास ज्वॉइन करने।
जीतू भईया की बात सुन सुसु मोटिवेट होता है और एक बार फिर से आईआईटी की पढ़ाई में जुट जाता है।
जीतू भईया की ट्यूशन में सभी एडमिशन लेते हैं और मज़े करते करते अपने दूसरे साल यानी 12वीं की पढ़ाई शुरू करते है और लग जाते हैं आईआईटी की तैयारी में। आगे क्या होता है ये आप खुद देखो क्योंकि ये नहीं देखा तो कुछ भी नहीं देखा।
#डायरेक्शन- लंबो समय बाद अच्छा डायरेक्शन देखने को मिला। कुछ एक सीन में आप बिना ‘वाह’ किए या फिर बैक जाकर वापस उस सीन को देखे नहीं रह पाएंगे। डायरेक्टर राघव सुब्बू द्वारा बढ़िया काम किया गया है।
कुछ एक सीन जैसे-
- कलर सीन से लेकर धीरे धीरे स्क्रीन का कलर ब्लैक एंड वाइट में बदलना, ये सीन बिना कहे, बहुत कुछ कह जाता है।
- वहीं एक बातचीत के बीच वैभव की तरफ फ्रेम करने की जगह उसे बाइक के मिरर में दिखाना। ध्यान खीचने वाला सीन है।
#डायलॉग्स- जीतू भईया का मोनोलॉग हो या वन लाइनर सीधे दिल पर वार करता है।
उनके कहे कुछ डायलॉग्स-
- आईआईटी तुम में से किसी का सपना होना भी नहीं चाहिए, एक तो ये वर्ड यूज करना बंद करो- सपना, इसे यूज करने का मतलब तो यही है कि पहले ही मान चुके हो कि कुछ होना जाना तो है नहीं, देखने की चीज है देख ली। ऐम बोलना शुरू करो।
- सबको नहीं सीखता यार, इन जैसो को सीखाता हूँ। डर लगता है इन जैसों सो।
- हम लड़कियों को आगे बैठाते तो हैं लेकिन वो फिर भी आउट ऑफ प्लेस फील करती हैं, जब भी वो आईआईटियंस के बारे में बात करती है तो, आईआईटियेंस ऐसे करते हैं, ऐसे पढ़ते हैं, नेवर लाइक ऐसे करती हैं, ऐसे पढ़ती हैं।
- पीयर प्रेशर अच्छी चीज है, लेकिन ध्यान रहे कि आपका पीयर स्टूपिड न हो।
- सर सेलिब्रेट किजीए कि आपका बच्चा उदास है, उदास है क्योंकि सीरियस था, सीरियस था क्योंकि जिम्मेदार था। अब 18 की उम्र में आपका बच्चा जिम्मेदार हो गया है, बड़ा गोल सेट करके लड़ रहा है, ये तो आपकी पेरेंटिंग सफल हुई।
लिखते लिखते हाथ में दर्द हो जाएगा लेकिन डायलॉग्स खत्म नहीं होंगे। केवल जीतू भईया ही नहीं, बल्कि अन्य कलाकारों की भी वन लाइनर अच्छी है। अभिषेक यादव, सौरभ खन्ना, संदीप जैन द्वारा लिखी गई है सीरीज़ की कहानी।
#एक्टिंग- बेहतरीन, सभी कलाकार को स्क्रीन पर देखना मजेदार है। कोई न किसी से कम न ज्यादा, कंम्पेयर करने की कोई वजह ही नहीं हैं। जीतू भईया तो हैं ही कमाल और बाकि कलाकार ने भी अपना स्क्रीन स्पेस बखूबी निभाया।
#क्लाइमेस- जीतू भईया के मोनोलॉग के साथ खत्म होगा, सीरीज़ में सबसे अधिक उन्होंने ही बोला है, लेकिन अंत में जो होगा, उसके बाद वो भी लाजवाब हो जाएंगे। पूरी सीरीज़ में जिस बात से वो डरते हैं अंत में वहीं होगा।
अक्सर ऐसा होता है कि पहला सीज़न किसी सीरीज़ का बेस्ट होता है लेकिन दूसरे में कुछ कमी रह जाती है। लेकिन कोटा फैक्ट्री के साथ ऐसा नहीं हुआ। पहले सीज़न से भी बेहतर है। जरूर देखें। वक्त निकाल कर देखें।
Rating- 5/5 (कोई वजह ही नहीं है एक भी नंबर कम देने की)
मेरे विचार- टीवीएफ की सीरीज़ है, भरोसे था कि कोई कमी नहीं होगी। लंबो समय बाद कोई सीरीज़ बिना रुके देखी है। ऐसा काम कभी रूकना नहीं चाहिए। और बनते रहना चाहिए। कई महत्वपूर्व मुद्दे पर सीरीज़ में बात कही गई है जो आपको भी जानने की आवश्कता है। मोटीवेट करने के साथ ही बहुत सी चीजें सीखाती है।