जब शाहरुख खान अपनी माता जी से आई सी यू में कुछ इस तरह बोलते रहें By Mayapuri Desk 24 Nov 2020 | एडिट 24 Nov 2020 23:00 IST in एंटरटेनमेंट New Update Follow Us शेयर सुलेना मजुमदार अरोरा शाहरुख खान ने कम उम्र में ही अपनी माता जी को भी खो दिया था, जिन्हें वे दिलों जान से प्यार करते थे! माता जी के बारे में बातें करते हुए, अपनी पॉपुलर शो में अनुपम खेर ने शाहरुख से पूछा था, ‘आपके पिता जी के निधन के कितने समय बाद आपकी माता जी का निधन हुआ? शाहरुख खान ने भावुक होते हुए बताया था, ‘पिता जी का निधन 1981 में हुआ, उस दर्द और दुःख से हमारा पूरा परिवार उबर भी नहीं पाया था, कि 1991 में माता जी का भी निधन हो गया, मेरे पिता जी और माता जी दोनों चाहते थे, कि हम बच्चे उच्च शिक्षा हासिल करें, पापा के निधन के बाद कैसी-कैसी मुसीबतों से गुजरते हुए, मेरी माँ ने अकेले दम हम दोनों भाई बहन को पढ़ाया लिखाया, उस अकेली औरत ने ना जाने कितना काम करके हमारे कॉलेज की फीस के लिए पैसे कमाएँ, कहाँ कहाँ से कर्ज लिया और मेरी बहन को एम ए एलएलबी कराया, मुझे भी मास कम्युनिकेशन में मास्टर्स की पढाई करवाई, पापा के गुजरने का सदमा और हम बच्चों की फिक्र से वे मन ही मन जूझ रही थी, पापा के निधन के सदमे से मेरी बहन की तबियत भी खराब रहने लगी थी, माँ हम सबको सम्भाल रही थी, हमें मालूम ही नहीं था, कि बाहर से स्वस्थ नज़र आ रही मेरी माँ अचानक चली जायेंगी, वे डाइबिटीज की मरीज थी, एक दिन उनके पाँव में अचानक दर्द उठा और देखते-देखते डेढ़ महीने में उनकी भी डेथ हो गई’, बताया जाता है कि जब शाहरुख की माता जी बत्रा अस्पताल के आईसीयू में एडमिट थी, तब शाहरुख बाहर पार्किंग लॉट के पास लगातार प्रार्थना करते जा रहे थे, लेकिन माँ को देखने आई सी यू में इसलिए नहीं जा रहे थे, क्योंकि उन्हें विश्वास था, कि वे जब तक प्रार्थना करते रहेंगे उनकी मां जिंदा रहेगी?, जब इस बारे में अनुपम खेर ने उनसे पूछा तो शाहरुख ने बताया कि उनके दिल में यह विश्वास था, कि अगर वे लगातार अल्लाह मियां से प्रार्थना करते रहेंगे तो अल्लाह मियां उनकी प्रार्थना सुनने में व्यस्त हो जाएंगे और वे मम्मी को इस दुनिया से उठा नहीं पाएंगे। इसी विश्वास के कारण वे लगातार प्रार्थना किए जा रहे थे, वे अल्लाह मियां से दुआ माँगते जा रहे थे, कि अल्लाह मियंा मुझे हर सिचुएशन को फेस करने की हिम्मत और ताकत दीजिये, लेकिन तभी डॉक्टर ने पूरे परिवार को आई सी यू के अंदर बुलाया, शाहरुख ने बताया कि वे जानते थे, कि डॉक्टर तभी परिवार को आईसीयू में बुलाते हैं, जब पेशेंट का अंतिम समय आ चुका होता है, इसी डर से शाहरुख अंदर नहीं जा रहे थे, लेकिन जब बहन ने उन्हें बुलाया तो उन्हें अंदर जाना पड़ा। शाहरुख ने बताया कि उन्होंने कहीं से सुना था कि इंसान तब ही ये दुनिया छोड़ता है जब उसके सब अरमान पूरे हो जाते है, और वो ये सोचकर निश्चिंत हो जाता है, कि उनके बाद भी पूरे परिवार को संभालने वाला कोई है, इसलिए वो माँ को निश्चिंत नहीं होने देना चाहता था, ताकि माँ उन सबको छोड़कर ना जा पाए। यही सोचकर वे माताजी के पास बैठकर कुछ ऐसी बातें करने लगे जो सुनने में बहुत बुरे लगते थे, शाहरुख बेहोश मां के कान के पास बोलने लगे,‘माँ आप हम सबको छोड़कर नहीं जा सकती, मैं बहन का बिल्कुल ख्याल नहीं रखूँगा, मैं कोई काम नहीं करूँगा, पढ़ाई नहीं करूँगा, शाहरुख बोले, ‘मैं जान बूझकर उन्हें ऐसी बातें सुना रहा था, ताकि वे निश्चिंत ना हो पाए और उन्हें हमारी फिक्र हो तो वे हमें छोड़कर जाएँगी नहीं। लेकिन माँ आखिर चली गईं। शायद उन्हें यकीन था, कि मैं सब कुछ सम्भाल लूँगा। हाँ, शायद वे जानती थी, कि उनका लाडला बेटा शाहरुख उनके जाने के बाद भी पूरे परिवार को अच्छी तरह, राजा बेटा की तरह सम्भाल लेगा, इसलिए शायद वे पूरी तरह निश्चिंत होने की वजह से अल्लाह को प्यारी हो गई, और तब से आज तक शाहरुख सचमुच पूरी मुस्तैदी के साथ पूरे परिवार को संभाल रहे है, आज भी वे अल्लाह से यही प्रार्थना करतें हैं, कि उन्हें हर परिस्थिति का सामना करने की हिम्मत और ताकत देतें रहें! #शाहरुख खान हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article