असमय हुई सिद्धार्थ शुक्ला की मौत से फिल्मी दुनिया मे एक सन्नाटा पसरा हुआ है। किसी के पास कहने के लिए शब्द नहीं हैं। कुछ ऐसी ही शॉक देनेवाली खबर थी साल भर पहले सुशांत सिंह राजपूत के जाने की! सोशल मीडिया के इंस्टा पर सिद्धार्थ के 3.7 मिलियन फॉलोवर्स स्तब्ध हैं। ’खतरों के खिलाड़ी 7’ और ’बिगबॉस 13’ के विनर को पसंद करने वाले करोड़ो के दिल मे सदमा पैठ गया है। 2008 में धारावाहिक ’बाबुल का आंगन छूटे ना’ से एक्टर के रूप में कैरियर शुरू करने वाले सिद्धार्थ के जीवन के कई पड़ाव हैं। टीवी के बहुत शोज किए, ’इंडिया गॉट टेलेंट’ होस्ट किया। बड़े पर्दे पर ’हम्प्टी शर्मा की दुल्हनिया’( वरुण धवन, आलिया भट्ट) से शुरुआत की और इतने ही छोटे जीवन मे व्ज्ज् के एक वेब सीरीज ’ब्रोकन बट ब्यूटीफुल 3’ भी कर ली। शायद इसीलिए कि उनको जल्दी जाना था। अब चाहे प्रतिक्रिया में रश्मि देसाई से बात की जाए, चाहे शहनाज गिल से या ’बिगबॉस 13’ के उनके कट्टर प्रतिद्वंदी असीम मर्चेंट से या फ़िल्म स्टार्स से। अब तो बस, सबकी जुबान पर एक ही शब्द है-ये क्या हो गया! क्यों हो रही है बॉलीवुड में जवान-जवान मौतें? इसका जवाब कहीं नही है, किसी के पास नहीं है।
सिद्धार्थ 40 में गए हैं ! सुशांत 34 में गए थे और प्रत्युषा 24 में ही चली गई थी। यह क्या कोई जाने की उम्र थी! उम्र तो इरफान खान (54) और ऋषि कपूर की भी नही थी जाने की...पर चले गए। चले गए संगीतकार वाजिद (साजिद-वाजिद फेम)भी जो सिर्फ 42 के थे। 28 की उम्र वाली सौंदर्या (सूर्य ’वंशम’ तथा साउथ की फिल्में) और 30 की कुलजीत रंधावा (टीवी एक्ट्रेस) का असमय जाना एक पीड़ा दे गया था। टीवी एक्टर संजीत बेदी (’संजीवनी’ फेम) 40 में, गगन कांग (छोटे पर्दे के इंद्र) 28 में और अबीर गोस्वामी 32 में असमय दुनिया छोड़कर चल दिए। जिनके नाम के साथ हम सिर्फ संख्या लिख रहे हैं- ’उम्र’ शब्द जोड़ने की हिम्मत नही कर पा रहे हैं, सोचिए, उनके परिवार पर क्या गुजर रही होगी...जो इस तरह चले गए हैं कि कहने- सुनने का कोई मौका भी देकर नहीं गए। सिद्धार्थ ने जब ’बालिका बधू’ की साथिन प्रत्युषा बनर्जी ने आत्महत्या की थी, तब कहा था- “अपनी उम्र का तो ख्याल किया होता मेरी दोस्त !“ और, वही सिद्धार्थ खुद अपनी उम्र का ख्याल क्यों नहीं रख पाए? हार्ट अटैक आये या आत्म हत्या से मौत हो जाए, बात तो एक ही है ना!... दोनो हालात में सुई मानसिक तनाव पर आकर ठहर जाती है। मानसिक तनाव- काम का, खर्च और लिविंग स्टैण्डर्ड का तथा प्यार का यही ले डूबता है सितारों को। भरी जवानी की मौत असहज होती है...यह जानकर भी सितारे संयमित जीवन नहीं जी पाते। यही त्रासदी है शो-बिजनेस की। काश कि लोग संभल कर ज़िंदगी जी पाएं!
अलविदा सिद्धार्थ!