बारिश के इस उदास मौसम को भेदकर, रात के गहरे अंधेरे में, बॉलीवुड और टॉलीवुड के आसमान से एक और सितारा ऐसे टूटा कि फिर जुड़ ना पाया और टूट के बिखर गया। पीछे पसरा रहा एक भयावह सन्नाटा चारों ओर। करोड़ों फैंस को सकते में छोड़कर जवान जहान सिद्धार्थ का यूं चले जाना किसी को पच नहीं रहा है। फिर तेरी कहानी याद आयी, फिर तेरा फसाना याद आया, सुशांत सिंह की तरह एक और उभरते अभिनेता के रातों-रात मौत पर फिर गहराया सन्दिग्धता का संदेह! दोपहर को एक मीटिंग अटेंड करके लौटा और देर शाम माँ के साथ अपने ओशिवारा अंधेरी के बिल्डिंग के कम्पाउंड में वॉक लेते हुए माँ को हलके फुल्के ढंग से बताया भी था कि, तबियत कुछ ठीक नहीं लग रही है! रात को कौन सी दवा खाकर लेटा ये मुद्दे की बात है! रात तीन बजे फिर तबियत ज्यादा खराब लगने पर उसने मां को बताया और दोस्त शहनाज को भी फोन किया ऐसी खबर हैं! शहनाज ने सिद्धार्थ के मां से भी बात की, मां ने पानी और जूस पिलाया, जिसे पीकर वो जो चादर ओढ़कर सोया तो अनन्त निद्रा में चिरलीन हो गया। हालांकि परिवार और डॉक्टर सबका कहना है कि सिद्धार्थ की मौत स्वभाविक हार्टअटैक है लेकिन उनके फैंस को यकीन नहीं है और अब सोशल मीडिया में सिद्धार्थ की मौत को लेकर हंगामा मचा हुआ है। एक बार फिर कोई लूप होल ना रह जाए इस बात पर प्रेशर बनाया जा रहा है! यही वजह है कि उनके पोस्ट मॉर्टम का वीडियो रिकॉर्डिंग किया जा रहा है।
उनकी पॉपुलैरिटी का आलम ये है कि, जिसके घर में टीवी है वही उसका फैन है! लेकिन सिद्धार्थ शुरू से ही एक प्राइवेट पर्सन रहा है, अपने बारे में बोलना, इंटरव्यू देना उसे बिल्कुल पसंद नहीं था! वो अक्सर अलूफ ही रहना चाहता था, जिस वजह से ‘बिग बॉस 13’ में उनके विजयी होने के साथ-साथ उनके बारे में लोग बहुत जिज्ञासु हो गए थे। कोई उनके बारे में ठीक-ठीक अनुमान ही नहीं लगा पाते थे! मिसाल के तौर पर, उनके चाहने वोलों को लगता था कि, सिद्धार्थ का सबसे चहेता सीरियल ‘बालिका बधू’ या ‘बिग बॉस 13’ होगा लेकिन हकीकत में सिद्धार्थ का सबसे दिल के करीब था वेब सीरीज ‘ब्रोकन बट ब्यूटीफुल’ जिसमें सिद्धार्थ ने अगस्त्य राव की भूमिका निभाई थी जो साउथ मुंबई की एक लड़की के प्रेम में पड़ जाता है। इस सीरीज को लेकर उनके मन में एक सॉफ्ट कॉर्नर इसलिए भी था क्योंकि उसने अपना बचपन भी मुंबई सेंट्रल में बिताया था जो मराठा मंदिर के नजदीक था। पढ़ाई भी उसने सेंट जेवियर्स फोर्ट में की थी। सिद्धार्थ ने बताया था कि वह कभी भी हीरो नहीं बनना चाहता था, वजह ये थी कि वो खालिस कला के प्रति रुझान रखता था और उसके अनुसार फिल्मों में खालिस कला नहीं होती है। उसके इस शुद्ध कलात्मक दिमाग ने उसे ‘रचना संसद इंस्टिट्यूट प्रभादेवी’ में इंटीरियर डेकोरेशन की डिग्री लेने पर उत्साहित किया था! डिग्री लेने के बाद 2 वर्षों के लिए वह अपने एक दोस्त के फर्म में भी काम करने लगा था लेकिन मां को हमेशा यह लगता था कि, उसका लाल इतना हैंडसम और इतना टैलेंटेड है तो क्यों ना मॉडलिंग में किस्मत आजमाएं? खुद सिद्धार्थ को भी लगता था कि वह 9:00 से 5:00 वाली नौकरी के लिए नहीं बना है और एक दिन बिना किसी गॉडफादर, बिना किसी पहचान और, बिना अपना पोर्टफोलियो बनाएं, वह सीधा एक मॉडलिंग के दफ्तर में पहुंच गए और वहां के लोगों ने उनका लहीम शहीम कद काठी और खूबसूरत चेहरा देखकर मिनटों में ही बिना किसी फोटो, इंटरव्यू या टेस्ट के उसे विज्ञापन के लिए साइन कर लिया था। तब पहली बार सिद्धार्थ ने मुट्ठी में छोटे-छोटे सपने भरे थे। एक बार बचपन की बात उठने पर सिद्धार्थ ने कहा था कि, उसके स्कूल और कॉलेज के सहपाठी उसे अक्सर ‘चिकना’ और ‘छावा’ ‘मस्त’ कहकर पुकारते थे। दरअसल मुंबई में अच्छी शक्ल सूरत वालों को उनके दोस्त सहपाठी, चलते फिरते इसी नाम से छेड़ा करते है। आईना भी सिद्धार्थ से यही कहता था कि वो बेहद हैंडसम है! उन दिनों मिलिंद सोमन, अर्जुन रामपाल और जॉन अब्राहम लाइम लाइट में थे और उन्हें फैशन शोज में रैम्प वॉक करते देख किशोर सिद्धार्थ को भी उन हीरोज की तरह बॉडी बनाने का धुन सवार हुआ था और वो जमकर वर्जिश करने लगे थे। अपने इन रोल मॉडल्स से आखिर मिलने का सपना उनका तब पूरा हुआ जब सिद्धार्थ ने युवा होने के बाद एक फैशन पेजेंट जीता और अपने इन मनपसंद हीरोज के साथ खुद रैम्प वाक किया। अभी सिद्धार्थ के सपनों ने ठीक से पंख भी नहीं पसारे थे कि इंजीनियर पिता अशोक शुक्ला का निधन किसी फेफड़े की बीमारी से हो गई। सिद्धार्थ ने डबडबाई आंखों से कहा था,’पापा चले गए तो लगा सर से छतरी हट गई लेकिन मेरी माँ ने जिस तरह परिवार का हाल थाम लिया और अकेली हम तीनों बच्चों का लालन पालन किया और पैसों की बहुत तंगी के बावजूद जिस तरह से हमारी सारी जरूरतों को पूरा किया उसका एहसास बड़े होने के बाद हुआ और तब से मैनें ठान लिया कि, मेरे लिए मेरे जीवन की सबसे पहली प्राथमिकता होगी मेरी माँ की आँखों में खुशी भरना। और आखिर जब मै टीवी और बॉलीवुड में नाम कमाने लगा तो जब जब मां ने कहा, ‘हमें नाज है तुझपर’ तब-तब मुझे लगा कि मैं इस दुनिया का सबसे खुश इंसान हूँ। मां आज भी मेरी एंकर है और रोज मुझे कोई न कोई सीख देती है! ‘जिस माँ की आंखों में खुशी देखने के लिए सिद्धार्थ जमीन आसमान एक करता रहा उसी माँ की आंखों में जीवन भर का दुख और आँसू देकर चला गया माँ का लाडला ‘सिड’ रह गई उनकी यादें, उनकी कहानी, एक फ्लैशबैक की तरह!
ग्लैडरैग्स कांटेस्ट में रनर अप होने के बाद सिद्धार्थ ने जब भोजपुरी और हिंदी फिल्म तथा टीवी एक्ट्रेस मोनालिसा के साथ ‘रेशम का रुमाल’ सॉन्ग के वीडियो में नाम कमाया तो बस जैसे ग्लैमर जगत का दरवाजा उनके लिए ‘खुल जा सिमसिम’ की तरह बाहें फैलाए खुल गया। उसपर आइसिंग ऑन द केक बनकर आया बैंक का एक विज्ञापन जिसकी शूटिंग के दौरान वो पहली बार विदेश गए और पहली बार सेवन वंडर्स ऑफ द वर्ल्ड घूमा।
देखते-देखते ये हैंडसम मॉडल, टीवी सीरीज का चहेता स्टार बन गया और ‘बाबुल का आंगन छुटे ना’ से शुरू करके ‘बालिका वधू’, ‘झलक दिखला जा’, ‘दिल से दिल तक’, ‘फियर फैक्टर’, ‘खतरों के खिलाड़ी’, ‘जाने पहचाने से’ ‘आहट’, ‘लव यू जिंदगी’, ‘सी आई डी’, ‘ सावधान इंडिया’, ‘इंडियास गॉट टैलेंट’, ‘दिल से दिल तक’ के साथ टीवी का सबसे फेवरेट स्टार बन के उभरा।
सिद्धार्थ ने कहा था कि सन् 2014 में उनके जीवन में एक बड़ा बदलाव आया था जब उसने फिल्म ‘हम्प्टी शर्मा की दुल्हनिया’ में पहली बार बिग पर्दे के लिए एक्ट किया, उसके बाद तो उसे बॉलीवुड में काम की कमी नहीं रही। लाइन लग गयी टीवी तथा फिल्मों की। लेकिन असली सूर्य का उदय तो 2019 में हुआ जो उनके जीवन का एक सुनहरा दौर बनकर आया जब उसने ‘बिग बॉस 13’ में कदम रखा और विनर बनकर धमाल मचा दिया। ओरमैक्स मीडिया ने सिद्धार्थ शुक्ला को सबसे पॉपुलर कंटेस्टेंट घोषित किया था! इस पॉपुलैरिटी के साथ ही एक के बाद एक म्यूजिक वीडियो ‘भुला दूँगा’, ‘दिल को करार आया’, ‘शोना शोना’ ने सिद्धार्थ के मुकुट में कई हीरे और जड़ दिए। शुक्ला बिग बॉस सीरीज में इतना पॉपुलर हुआ कि, वो जनवरी में बिग बॉस 14 का सोलह सप्ताहिन वाले ‘वीकेंड का वार’ का होस्ट बना जब सलमान कुछ समय के लिए दूसरे कमिटमेंट में बिजी हो गए थे।
कमाल की बात तो ये है कि किसी को सिद्धार्थ के दिल के हेल्थ कंडीशन की खबर ही नहीं लगी कि, कब एक फिट एंड फाइन एक्टर के दिल में किसी बीमारी ने दस्तक दे दी है! गजब की बात ये है कि एक स्वस्थ और फिट एक्टिव टीवी स्टार के रूप में सिद्धार्थ को सबसे ज्यादा प्रेस्टीजियस अवाॅर्ड्स मिली थी, जिसमें गोल्ड अवाॅर्ड्स,, मोस्ट फिट एक्टर’, ‘वेलनेस आइकॉन ऑफ द ईयर (आठवां जॉस्पा असिअस्पाइंडिया अवार्ड) ‘सिंथ ग्लोबल्सपा फिट एंड फैब अवार्ड’ मुख्य था। किसे पता था वो अंदर ही अंदर दरक रहा है, टूट रहा है। वो हमेशा हैंडसम और मजबूत रहने की छलना में डूबे रहे। खुद को बेहतरीन रखना और अपने घर को सुंदर बनाना उनका जुनून बन गया।
एक एक्टर होने के साथ-साथ एक डिग्री धारी इंटीरियर डिजाइनर होने के कारण सिद्धार्थ ने अपने घर का इंटीरियर इतना सुंदर और क्लासिक बनाया था कि लोग उनका घर देखते रह जाते है।
बॉलीवुड के उनके करीबियों का कहना है कि सिद्धार्थ जितना हाजिर जवाब था, जितना मस्ती करता था, जितना खुशमिजाज था, जितना टेंशन फ्री इंसान था, उतना ही शांत और प्राइवेसी पसंद, अंतर्मुखी भी था। जब उसे गुस्सा आ जाता था तो वो कसकर सामने वाले को डांट भी देता था और मन का गुबार झाड़ भी देता था पर था वो बहुत दिल का नेक और भोला इंसान। कई बार जिससे झगड़ा हो जाता, बाद में उससे माफी मांग लेने में वो कभी हिचकता नहीं था। अक्सर वो अपने दोस्तों से कहता था कि वो लाइफ को एन्जॉय करना चाहता है। वो जो है सामने है,पीछे बुराई करना, किसी का मजाक उड़ाना या किसी का नुकसान करना उसे नहीं आता था।
सिद्धार्थ एक उगता हुआ सितारा था, कोरोना काल के बावजूद उसके पास फिल्मो, वेब सीरीज, टीवी शोज के ऑफर्स की कमी नहीं थी। वो डिप्रेशन में तो कतई नहीं था और ना ही घर बंद था, ये अलग बात है कि शक्ति कपूर के अनुसार, आज के युवा कोरोना काल के चलते काम काज को लेकर तनाव में जरूर होते हैं, क्योंकि आज हर घर , बिग बॉस का ‘‘कैद घर ‘‘हो गया है जिससे लोग परेशान रहते हैं जिसका दिल पर बहुत बुरा असर होता है।
चाहे सिद्धार्थ कितना भी व्यस्त रहा था, कितना भी करियर की जिम्मेदारी से गुजर रहा था, लेकिन वो हर तनाव को झेलने में माहिर था क्योंकि भले ही वो रिलिजियस ना था लेकिन स्पिरिचुएल जरूर था। वो ब्रह्माकुमारी ऑर्गनाइजेशन के फॉलोअर भी थे क्योंकि उनकी माँ भी फॉलोअर हैं। लेकिन इतना सब होने के बावजूद ये जवान, खूबसूरत, टॉल एंड हैंडसम एक्टर दूर तक क्यों नहीं चल पाएं। अपनी माँ, बहनों से इतना प्यार करने वाले और अपने मन की मीत शहनाज को आँखों पर बिठाए रखने वाले सिद्धार्थ ने सारे बंधन इस तरह, इतनी जल्दी क्यों तोड़ दिए और सबको बेसहारा क्यो छोड़ दिया। उसने कभी किसी भावुक क्षण में एक गीत गुनगुनाया था, ‘‘मरकर भी ना वादा अपना तोड़ेंगे।’’ अब सिर्फ उनका परिवार ही नहीं बल्कि उनके सारे चाहने वाले पूछ रहे हैं, ‘‘सिड, क्यों भूल गए अपना वादा?’’