अपनी नए शो ’कैंडी’ की तैयारी में ऋचा चड्ढा रियल लाइफ समाज की महत्वपूर्ण नायिकाओं से मिली। वो नायिकाएँ और कोई नहीं बल्कि मुंबई की फ्रंट लाइन वॉरियर्स की महिला पुलिसकर्मी थी। उनसे मिलकर ऋचा ने बहुत कुछ जान लिया कि कैसे एक महिला पुलिस होते हुए वे अपने घरों में एक बेटी, एक गृहिणी, एक बहु, एक माँ, एक पत्नी की भूमिका निभाने के साथ-साथ कानून व्यवस्था का संतुलन बनाये रखने क़े प्रेशर को अपने कंधों पर उठाए रखती है।
ऋचा चड्ढा ’वूट सेलेक्ट’ की ओरिजिनल वेब सीरीज़ ’कैंडी’ में दिखाई देंगी, जहाँ वह पहली बार एक पुलिस ऑफिसर का किरदार निभाएंगी। फिल्म में रोनित रॉय भी मुख्य भूमिका में होंगे और ये शो आशीष शुक्ला द्वारा निर्देशित है। ऋचा को पर्दे पर निडर और दबंग भूमिकाएं निभाने के लिए जाना जाता है और वह हमेशा मजबूत और महत्वपूर्ण किरदारों के माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज कराती हैं। सीरीज में रोमांच और रहस्य का अजब मिश्रण है जहां ऋचा एक छोटे से पहाड़ी शहर के एक स्कूल में हो रहे भयावह हत्याओं की जांच करती नजर आएंगी।
ऋचा का मानना है कि किसी भी अभिनेता के लिए यह आवश्यक है कि वह अपने कम्फर्ट ज़ोन से बाहर निकलकर चुनौतीपूर्ण और जटिल भूमिका निभाते हुए अपने क्षितिज का विस्तार करे जो केवल ब्लैक एंड वाइट न हो। वह साधारण भूमिका के लिए अभिनय करने की तुलना में कठिन भूमिका की तैयारी को ज्यादा महत्व देती है।
ऋचा कहती हैं, ’’पुलिस वाले की भूमिका निभाना आसान नहीं था, इसके लिए बहुत अलग मानसिक संतुलन की जरूरत थी। इसके लिए मैं कुछ महिला पुलिसकर्मियों के साथ वक़्त बिताना चाहती थी ताकि मैं भारतीय सामाजिक व्यवस्था में महिलाओं के लिए परिवार की जरूरतों को प्रबंधित करने और साथ ही साथ कानून लागू करने वाले के रूप में काम करने के दोहरे दबाव को समझ सकूँ और मैं बहुत भाग्यशाली हूँ कि भारत की इन दिलेर और कर्मठ बेटियों ने मुझे यह सब समझने में बहुत मदद की।'
ऋचा बॉलीवुड की वो एक्ट्रेस है जो बिंदास अपने मन की बात कह देती है जबकि अन्य नायिकाएँ खामोशी ओढ़े रहती है। ऋचा के फिल्मों का चुनाव भी विवादास्पद कहानियों पर आधारित होती है, मिसाल के तौर पर, ’शकीला’, ’मसान’, ’गैंग्स ऑफ वासेपुर’, ’पंगा’, ’फुकरे’। ऋचा मानती है कि बॉलीवुड में फेमिनिस्म सही तरह तब नज़र आएगा जब स्त्रियों के लिए और अच्छी फिल्में बनेंगी और वो फिल्में बॉक्स ऑफिस में कमाई करेगी। ऋचा ही वो आज के जेनेरेशन की अभिनेत्री है जो मानती हैं कि फ़िल्म इंडस्ट्री में जेंडर को मद्देमज़र रखकर पेमेंट करना पूरे दुनिया की इंडस्ट्री की बेवकूफी है। ऋचा वो एक्ट्रेस है जिसने इसलिए एक फेयरनेस क्रीम के विज्ञापन को ठुकरा दिया क्योंकि उनके अनुसार जिस देश में गेंहुए रंग के लोग रहते हैं और उन्हें दुनिया भर में इज़्ज़त की दृष्टि से देखा जाता है वहाँ हम गोरे रंग को तरजीह क्यों दें? ऋचा ही वो एक्ट्रेस है जिसने निडरता से कहा था कि इस देश में कई जगह स्त्री के खिलाफ हिंसा तब से शुरू हो जाती है जब से वो मां के गर्भ में होती है।