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क्या अमिताभ बच्चन की "दीवार"  एक महीने मे ढहा दी जाएगी?

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क्या अमिताभ बच्चन की "दीवार"  एक महीने मे ढहा दी जाएगी?
  • शरद राय

पर्दे और जीवन की समानता में इत्तेफाक देखिए। सुपर से भी ऊपर स्टार बन चुके अमिताभ बच्चन के जीवन मे 'दीवार' का क्या महत्व है बताने की ज़रूरत नहीं है। 'दीवार' ही वो फ़िल्म थी जिसने अमिताभ को अमिताभ बनाया है। इस फिल्मका एक संवाद बहुत पॉपुलर हुआ था- जब स्मगलर बन चुके अमिताभ अपने पोलिस इंस्पेक्टर भाई शशि कपूर से पूछते हैं - 'मेरे पास बंगला है, गाड़ी है, धन दौलत- रुपया पैसा है, तुम्हारे पास क्या है?' बड़ी मासूमियत से शशि जवाब देते हैं-'मेरे पास मां है'। फिल्म दीवार का यह संवाद यहां प्रसंगबस है, क्योंकि  मुम्बई में जुहू की जिस लिंक रोड पर अमिताभ का बंगला 'प्रतीक्षा' है, वहां के लोग कहते हैं- उनके बंगले की दीवार इसलिए नहीं टूट पार ही है क्योंकि ''उनके पास बीएमसी (बृहन मुम्बई महानगर पालिका) है।''

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पूरा मामला यह है कि  पिछले चार सालों से बिग बी का बंगला 'प्रतीक्षा' तोड़े जाने की चर्चा में है। अमिताभ के बंगले 'प्रतीक्षा' से इस्कॉन -हरे कृष्णा मंदिर जाने तक कि सड़क को चौड़ा किया जाना है। यहां  ट्रॉफिक जाम हो जाया करता है और बरसात के दिनों में पानी भर जाता है। सन 2017 में सड़क विस्तार करने की प्लानिंग के तहत मुम्बई महानगर पालिका(BMC) की सिविक बॉडी ने अमिताभ सहित उस सड़क के रहवासियों को नोटिस भेजा था कि जितना हिस्सा सड़क विस्तार में आएगा, उनको देना है। यह सड़क (संत ज्ञानेश्वर रोड) जो 40 फिट चौड़ी है उसको 60फिट किए जाने की माप में 'प्रतीक्षा' बंगले की बाउंड्री भी आती है। 2019 में बीएमसी ने अगल बगल के सभी घरों की माप के मुताबिक छंटनी कर दिया लेकिन 'प्रतीक्षा' को हाथ नही लगा सकी।

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आखिर प्रतीक्षा की 'दीवार' अमिताभ की जो थी। स्थानीय लोगों की शिकायतें नेताओं तक पहुंचती हैं क्योंकि लोग खुद सामने आकर शिकायत नही किया करते। स्थानीय नगर सेवक मिरांडा यह मामला बीएमसी (के- वार्ड) में ले गए तो कहा गया मामला सर्वे विभाग को भेजा गया है, वो विभाग मार्किंग करके बताएगा कि एक्चुअल में दीवार का कितना हिस्सा तोड़ा जाना है। 2 साल और बीत गए। कांग्रेस नगर सेवक मिरांडा ने इस इशू को फिर विभाग में उठाया कि देर क्यों किया जा रहा है? जवाब फिर वही कि रिपोर्ट नहीं आरही है। आखिर नगर सेवक ने मामला लोकायुक्त तक पहुचाया कि संबंधित विभाग कारवाही नहीं कर रहा है।

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लोकायुक्त को भेजे जवाब में  मुम्बई म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ने  कहा कि उसने MMC कानून की धारा 299 के अंतर्गतअमिताभ बच्चन को नोटिस भेज रखा है किंतु उनका जवाब अबतक नही आया है। जब सड़क के किनारों के दूसरे प्लाट डिमार्किंग के बाद लिए जा चुके हैं तो 'प्रतीक्षा' को क्यों बचाया जा रहा है ? इस मामले की सुनवाई के दौरान पिछले दिनों लोकायुक्त वी.एम. कनाड़े ने आदेश देते सिर्फ चार हफ्ते का समय दिया है कि सड़क विस्तार के लिये ली जानेवाली ज़मीन से जुड़ी कार्यवाही की सिलसिलेवार रिपोर्ट पेश की जाए। जाहिर है कि कारपोरेशन को रिपोर्ट देने में 'प्रतीक्षा' की दीवार न छूने की रिपोर्ट देनी होगी। लोगों के शब्दों में कहें तो अब शायद फिल्म 'दीवार'' के डायलॉग पलटी हो जाएंगे, अमिताभ कहेंगे- 'मेरे पास मां (बीएमसी) नही है'। यानी- दीवार एक बार फिर अमिताभ बच्चन के जीवन मे चर्चा का विषय बन रही है।

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