Advertisment

स्कैंडल पॉइंट: रेखा ने अमिताभ बच्चन की 60वीं बर्थडे बैश में बिन बुलाएं पहुँच गयी थीं – सुभाष के झा

author-image
By Mayapuri Desk
New Update
स्कैंडल पॉइंट: रेखा ने अमिताभ बच्चन की 60वीं बर्थडे बैश में बिन बुलाएं पहुँच गयी थीं – सुभाष के झा

एनिग्मेटिक रेखा दुनिया को अमिताभ बच्चन के साथ अपनी बीती दोस्ती के बारे में बताने से बिल्कुल नहीं हिचकती हैं। अब यह वास्तव में सच मुच थी भी या नहीं, या इसकी अवधि क्या थी, यह रेखा के लिए मायने नहीं रखता है। उनके दिमाग में वे हमेशा से एक थे और अब भी वैसे ही हैं।स्कैंडल पॉइंट: रेखा ने अमिताभ बच्चन की 60वीं बर्थडे बैश में बिन बुलाएं पहुँच गयी थीं – सुभाष के झा

इसे साबित करने के लिए रेखा ने 11 अक्टूबर 2002 को कुछ ऐसा किया – उस रोज़ मिस्टर बिग बी का 60वां जन्मदिन था – पर शायद उन्होंने इस बात को भी नज़रंदाज़ कर दिया था।

रेखा अमिताभ बच्चन के 60वें जन्मदिन की पार्टी में शामिल हो गयीं।

स्कैंडल पॉइंट: रेखा ने अमिताभ बच्चन की 60वीं बर्थडे बैश में बिन बुलाएं पहुँच गयी थीं – सुभाष के झा

बिन बुलाए वह अपनी वफादार फरज़ाना के साथ मैरियट के कार्यक्रम स्थल पर पहुंच गई। कार्यक्रम स्थल पर मौजूद मेहमान हैरान हो गए। किसी ने उसे होटल की लॉबी में प्रवेश करते देखा। खबर जंगल की आग की तरह फैल गई। और इससे पहले कि वह कुछ समझ पाती, प्रेस फोटोग्राफरों, टीवी कैमरों और प्रशंसकों के एक बड़े समूह रेखा के पीछे लग गए।स्कैंडल पॉइंट: रेखा ने अमिताभ बच्चन की 60वीं बर्थडे बैश में बिन बुलाएं पहुँच गयी थीं – सुभाष के झा

इसी दौरान वह घबरा गई। इस महत्वपूर्ण अवसर पर अमिताभ के बगल में ख़ुद को देखने के लिए उत्सुक, जिनके साथ वह अपने मन में ही एक रिश्ता साझा करती रही, रेखा के पास अभी भी इतनी समझ थी कि अगर हाई-प्रोफाइल सेलिब्रिटी की पार्टी में गेटक्रैशिंग करते पकड़ी गयीं तो उस सेलेब के जन्मदिन पर उसके या उसके परिवार के लिए अच्छा नहीं होगा।

रेखा घबरा गई। वह पास ही के वॉशरूम में चली गई और फोटोग्राफरों और मीडियाकर्मियों के चले जाने तक अंदर ही बंद रही।

कोई नहीं जानता कि वह कब तक छुपी रही। शायद पूरी शाम। जहां दुनिया ने भारत के सबसे बड़े स्टार का 60वां जन्मदिन मनाया, वहीं प्रतिष्ठित रूप से एकांत में रहने वाली रेखा बाथरूम में बंद रही।स्कैंडल पॉइंट: रेखा ने अमिताभ बच्चन की 60वीं बर्थडे बैश में बिन बुलाएं पहुँच गयी थीं – सुभाष के झा

इस प्यार के लिए स्वाभाविक रूप से कुछ दुखद है तो यही कि वो समाप्त तो हो जाता है लेकिन किसी एक के दिल-ओ-दिमाग में हमेशा जिंदा रहता है। उस शाम रेखा को भी शायद इस बात एहसास हो गया होगा।

Advertisment
Latest Stories