फिल्म इंडस्ट्री के सच्चे मोती थे मोतीलाल राजवंश By Mayapuri Desk 16 Jun 2021 | एडिट 16 Jun 2021 22:00 IST in बीते लम्हें New Update Follow Us शेयर मोतीलाल राजवंश जी का जन्म 4 दिसम्बर 1910 को शिमला में हुआ था। मोतीलाल हेमशा से यूँ तो नेवी में भर्ती होना चाहते थे पर किस्मत ने ऐसी करवट ली कि जिस रोज़ वो अपने टेस्ट के लिए मुंबई में थे, उसी रोज़ उनकी तबियत ख़राब हो गयी और वो टेस्ट पास न कर सके। लेकिन किस्मत को कुछ और मंज़ूर था। एक रोज़ वह सागर स्टूडियो में एक फिल्म की शूटिंग देख रहे थे, उस फिल्म के निर्माता केपी घोष की नज़र उनपर पड़ी। पर्सनालिटी में वो किसी राजा से कम कहाँ लगते थे, उन्हें देखने के बाद, बात करने के बाद केपी घोष ने उन्हें शहर का जादू नामक फिल्म के लिए हीरो का रोल ऑफर कर दिया। फिर क्या था, 24 साल की उम्र में मोतीलाल के रूप में फिल्म इंडस्ट्री को एक नायाब एक्टर मिल गया। इसके बाद उन्होंने कई फिल्में की जो अच्छी हिट भी हुईं, जिनमें मुख्यतः डॉक्टर मधुलिका, कुलवधु, जागीरदार, ‘हम तुम और वो’ शामिल रहीं। उन्होंने महबूब खान के साथ तक़दीर भी की और केदार शर्मा की फिल्म अरमान में भी अच्छा काम किया। कोई पचास से अधिक फिल्में करने वाले मोतीलाल ऐसे कलाकार रहे जिन्होंने अनोखें नाम वाली फिल्में भी की और लोगों ने उन्हें ख़ूब पसंद भी किया। 1940 में उनकी फिल्म दीवाली रिलीज़ हुई और उसी साल उन्होंने फिल्म होली भी रिलीज़ की। ख़ुशमिजाज़ शक्सियत के मालिक मोतीलाल जी ने राज कपूर के साथ फिल्म ‘जागते रहो’ में भी काम किया था। उनकी कॉमिक टाइमिंग के लोग दीवाने हुआ करते थे। हँसी मजाक सिर्फ उनकी फिल्मों में ही नहीं बल्कि उनके जीवन में भी रहता था। साथ ही प्यार मुहब्बत से भी वह नहीं चूके थे। एक्ट्रेस नादिरा के साथ उनका लम्बा अफेयर चला था जिसकी चर्चा उन दिनों आम होती थी। मगर उनकी पहचान 1952 में आई फिल्म मिस्टर संपत से बेहतर हो सकती है। इस फिल्म में उनका करैक्टर इतना मज़ेदार था कि उनके फैन तो फैन, फिल्म इंडस्ट्री ने भी उनके रोल की बहुत तारीफ की थी। शहंशाह अमिताभ बच्चन ने एक बार कहा था कि मोतीलाल जी ऐसे एक्टर थे जो आज अगर होते तो पूरी इंडस्ट्री पर भारी रहते। उनकी वेर्सिटेलिटी हम सबसे बेहतर थी। बिमल रॉय की फिल्म देवदास सन 1955 में आई थी। इस फिल्म में दिलीप कुमार, वैजंतीमाला और सुचित्रा सेन के अलावा जो चौथा करैक्टर हाईलाईट हुआ था वह मोतीलाल जी थे। इनको चुन्नी बाबू के उस रोल के लिए बेस्ट सपोर्टिंग रोल का फिल्मफेयर अवार्ड भी मिला था। उसी करैक्टर को देखकर जैकी श्रॉफ ने संजय लीला भंसाली की देवदास में अपना करैक्टर खड़ा किया था। वह जैसे अमूमन अपने करैक्टर्स में हमेशा जेंटलमैन बने मिलते थे, वह असल ज़िन्दगी में भी वैसे ही थे। उन्हें रेस खेलने का, गम्ब्लिंग आदि का बहुत शौक था। कहते तो ये भी हैं कि एक्ट्रेस शोभा समर्थ के अपने पति से अलग होने के बाद काफी लम्बे समय तक मोतीलाल जी की उनसे आशनाई रही थी। एक फिल्म ‘हमारी बेटी’ में वह शोभा की बेटी नूतन के बाप का करैक्टर भी कर चुके थे। ग्रेट एक्टर नसीरुद्दीन शाह से जब आल टाइम टॉप एक्टर्स का नाम पूछो तो वह बलराज सहनी, याकूब और मोतीलाल जी का नाम लेते हैं। यश चोपड़ा की सुपरहिट फिल्म वक़्त (1965) में वह बलराज साहनी के साथ भी काम कर चुके हैं। वह उस फिल्म में प्रोसिक्यूटर बने थे। उनकी हमेशा से ख्वाहिश थी कि वह अपनी फिल्म भी बनाएं। उन्होंने सन 45 में खुद को कास्ट कर फिल्म पहली नज़र बनाई भी लेकिन उसका इम्पेक्ट ज़ीरो रहा था। सन 1965 में ही उन्होंने छोटी-छोटी बातें बनाई थी ‘छोटी-छोटी बातें’ इसमें नादिरा ही उनकी लीडिंग एक्ट्रेस थीं लेकिन ये फिल्म बिल्कुल भी न चल सकी और मोतीलाल ये सदमा बर्दाश्त नहीं कर सके थे और इस दुनिया को छोड़ चले गए थे। ज़िन्दगी भर राजाओं की तरह जिए मोतीलाल ने अपना सबकुछ इस फिल्म पर लगा दिया था। जब उनकी मृत्यु हुई तब उनके पास एक नया पैसा नहीं था। वह जाते-जाते भी अपनी बेहतरीन अदाकारी से सजी फिल्में, अपनी मुस्कान और जिंदादिली की मिसाल छोड़ गए। उनका एक गाना बहुत मशहूर हुआ था, ‘ज़िन्दगी ख़्वाब है, ख्वाब में झूठ क्या भला सच है क्या.... ज़िन्दगी ख़्वाब है। आज उनकी पुण्यतिथि पर मायापुरी ग्रुप कि ओर से हम उन्हें श्रद्धांजली देते हैं सिद्धार्थ अरोड़ा ‘सहर’ नारंगी को नारंगी कहे, बने दूध को खोया चलती को गाड़ी कहे, देख कबीरा रोया ज़िन्दगी ख्वाब है, ख्वाब में झूठ क्या, भला सच है क्या सब सच है दिल से हमसे जो कहा, हमने वैसा ही किया फिर कभी फुरसत से सोचेंगे, बुरा था या भला एक कतरा मय का जब पत्थर के होंठों पर पड़ा उसके सीने में भी दिल धड़का, ये उसने भी कहा एक प्याली भर के मैंने ग़म के मारे दिल को दी ज़हर ने मारा ज़हर को मुर्दे में फिर जान आ गयी ज़िन्दगी ख्वाब है, ख्वाब में झूठ क्या, भला सच है क्या सब सच है..... फिल्म – जागते रहो गायक – मुकेश संगीतकार – सलिल चौधरी गीतकार – शैलेन्द्र हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article