बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता धर्मेंद्र के बेटे सनी देओल व बाॅबी देओल बतौर अभिनेता बाॅलीवुड में कार्यरत हैं. धर्मेंद के भाई यानी के सनी देओल के चचेरे भाई अभय देओल भी सक्रिय हैं. वहीं सनी देओल की सौतेली बहन ईशा देओल ने भी अभिनय के क्षेत्र में धमाकेदार शुरुआत की थी. पर फिर उन्होने भरत तख्तियानी संग शादी कर अभिनय से दूरी बना ली थी. लेकिन अब वह पुनः अभिनय में वापसी कर चुकी हैं.
सनी देओल ने अपने पिता धर्मेंद्र के पदचिन्हों पर चलते हुए 1982 में राहुल रवेल के निर्देशन में अमृता सिंह के साथ फिल्म "बेताब"से अभिनय कैरियर की शुरुआत की थी,जिसका निर्माण उनके पिता धर्मेंद्र ने ही किया था. लेकिन फिर उन्हें पीछे मुड़कर नही देखना पड़ा. मजेदार बात यह है कि सनी देओल को पहली फिल्म से ही स्टारडम मिल गया था, जो कि आज भी कायम है. नब्बे के दषक में उन्हे सुपर स्टार तक कहा गया. पिछले 39 वर्ष में सनी देओल ने सौ से अधिक फिल्मों में अभिनय करते हुए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के दो राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और दो फिल्मफेयर पुरस्कार जीते.तथा वर्तमान में वह भाजपा के सांसद हैं.
अस्सी और नब्बे के दषक में सनी देओल ने 'मंजिल मंजिल', 'अर्जुन','सवेरे वाली गाड़ी' ,'सल्तनत','डकैत', 'यतीम', 'घायल', 'वीरता', 'इमरान', 'दामिनी', 'सलाखें' और 'फर्ज' जैसी फिल्मों में अभिनय कर जबरदस्त शोहरत बटोरी. इस बीच उन्होने सबसे अधिक लगभग आठ फिल्में निर्देषक राहुल रवेल के साथ की.
फिर 2001 में अनिल शर्मा निर्देषित 'गदर एक प्रेम कथा' में सनी देओल ने एक ट्क ड्राइवर का किरदार निभाया था,जिसे एक मुस्लिम लड़की से प्यार हो जाता है.इस फिल्म ने कमाई के कई रिकार्ड तोड़े थे,जबकि उसी दिन आमीर खान की फिल्म "लगान"भी प्रदर्षित हुई थी. 2001 के बाद 'द हीरो','लव स्टोरी ऑफ ए जासूस','अपने','यमला पगला दीवाना','घायल वंस अगेन'फिल्मों ने बाक्स आफिस पर अच्छी कमायी की.लेकिन 2016 के बाद उनकी किसी भी फिल्म ने सफलता दर्ज नही करायी. पर सनी देओल आज भी लोगों के चहेते हैं,तभी तो वह वर्तमान में गुरूदासपुर,पंजाब से सांसद हैं.
सनी देओल ने 1999 में फिल्म "दिल्लगी" से निर्देशन में भी कदम रखा,जिसमें खुद ही मुख्य किरदार भी निभाया था और फिल्म सफल रही थी.राज कुमार संतोषी ने 1990 में धर्मेंद्र निर्मित फिल्म "घायल" निर्देशित करते हुए निर्देशन में कदम रखा था, मगर इस फिल्म को स्पेशल ज्यूरी का राष्ट्रीय पुरस्कार और फिल्मफेयर का सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार सनी देओल को दिलाया था, मगर जब सनी देओल ने बतौर निर्देशक "घायल"का रीमेक "घायलः वंस अगेन' बनायी,तो फिल्म को सफलता नसीब नही हुई. इसके बाद 2019 में सनी देओल ने अपने बेटे करण देओल को लांच करने के लिए फिल्म"पल पल दिल के पास" निर्देशित की, इसे भी सफलता नसीब नही हुई.
इस तरह सनी देओल एक सफल अभिनेता जरुर हैं,मगर सफल निर्देशक नहीं. पर अपने खानदान का नाम रौशन करने के लिए जो कुछ सनी देओल ने किया, उसे उनके भाई बॉबी देओल या चचेरे भाई अभय देओल या सौतेली बहन ईशा देओल नहीं कर पायी.