बॉलीवुड फिल्मों में वैसे तो सभी स्टार्स अपने खास अंदाज, अपनी अलग स्टाइल और अपने खास किरदार के लिए पहचाने जाते हैं। दर्शक एक्टर्स को बार-बार जिस किरदार में देखते हैं, वो उसी किरदार के रूप में उसे पहचानने और पसंद करने लगते हैं। आज ऐसे ही एक किरदार के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं। जी हां, हम आपको बताएंगे बॉलीवुड की उन एक्ट्रेसेस के बारे में जिन्होंने फिल्मों में हमेशा मां का बेहतरीन किरदार निभाया।
ललिता पवार
सबसे पहले बात करते हैं एक्ट्रेस ललिता पवार के बारे में। ललिता पवार एक ऐसी एक्ट्रेस थीं जिन्होंने हमेशा एक दुष्ट और षड़यंत्र करने वाली मां का किरदार निभाया, जो फिल्मों में हमेशा एक बुरे स्वभाव वाली सास के तौर पर ही जानी जाती थीं। उनका किरदार अक्सर कहानी में एक नया मोड़ और पड़ाव लाने वाला होता था। उन्होंने कई फिल्मों में काम किया, जिसमें 'सौ दिन सास के', 'हम दोनों' और 'दाग' उनके इस किरदार के लिए जानी जाती हैं।
निरूपा रॉय
निरूपा रॉय को हिंदी फिल्मों में 'दुखों की रानी' के नाम से जाना जाता है। निरूपा रॉय ने फिल्मों में ज्यादातर एक दुखियारी मां किरदार निभाया। उन्होंने 'दीवार' फिल्म में अमिताभ बच्चन और शशि कपूर की मां का रोल निभाया था, जिसे आज भी लोग याद करते हैं। इस फिल्म में उनका एक डायलॉग 'मुझे खरीदने की कोशिश मत करना'...उनके चुनिंदा डायलॉग्स में से एक है।
रीमा लागू
हिंदी और मराठी फिल्मों में एक्ट्रेस रीमा लागू के कई किरदार आज भी लोग याद करते हैं। साल 1988 में आई फिल्म 'कयामत से कयामत' तक में जूही चावला की मां का किरदार और 1989 में आई फिल्म 'मैंने प्यार किया' में सलमान खान की मां का किरदार उनके बेस्ट रोल्स में गिना जाता है। इन दोनों ही फिल्मों में उनके किरदार को दर्शकों ने बुहत सराहा था। इसके अलावा टीवी के कॉमेडी शो 'श्रीमान और श्रीमती' और 'तू-तू मैं-मैं' में भी उनके किरदार को लोगों ने काफी पसंद किया था। 18 मई 2017 को दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया था।
फरीदा जलाल
फरीदा जलाल ने अपनी ज्यादातर फिल्मों में गंभीर, सीधी साधी और मजाकिया मां का किरदार निभाया। 'राजा हिंदुस्तानी', 'कुछ कुछ होता है', 'दिल तो पागल है', 'कहो ना प्यार है', 'कभी खुशी कभी गम' और 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' जैसी फिल्मों के लिए उन्हें बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस के फिल्मफेयर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। इसके अलावा जाने माने टीवी सीरियल 'देख भाई देख' में भी उनके किरदार सुहासिनी को दर्शकों ने बहुत पसंद किया था।
किरण खेर
किरण खेर ने फिल्मों में हमेशा एक बुद्धिमान और समझदार मां की भूमिका निभाई। फिल्म 'हम-तुम', 'रंग दे बसंती', 'दोस्ताना' और 'खूबसूरत' में उनके किरदार की लोगों ने बहुत तारीफ की। कई बार तो उन्होंने अपने मजेदार डायलॉग्स और कॉमिक अंदाज से लोगों का दिल जीता। इसके अलावा वो कई फिल्मों जैसे 'फना' और 'वीर ज़ारा' में एक संजीदा स्वभाव वाली मां के रोल में भी नजर आईं।
दीना पाठक
दीना पाठक को 70 के दशक में आई आर्ट और कॉमर्शियल फिल्मों की फेवरेट एक्ट्रेस के तौर पर जाना जाता है। दीना पाठक को हिंदी फिल्मों की दादी मां के रूप में भी पहचाना जाता है। इससे पहले उन्होंने अमोल पालेकर की फिल्म 'गोलमाल' में एक मध्यायु वर्ग की मां के रोल निभाया। फिल्म 'खूबसूरत' में उन्होंने एक बड़े परिवार की कड़क और परिवार में सबसे बड़े सदस्य के रूप किरदार निभाया, उनके इस किरदार ने लोगों का दिल जीत लिया था। इसके अलावा उन्हें एक बेहतरीन थिएटर आर्टिस्ट के तौर पर भी जाना जाता है।
राखी
बॉलीवुड में राखी एक ऐसी एक्ट्रेस हैं जिन्होंने अपने ही को स्टार्स के साथ उनकी मां का किरदार भी निभाया। जी हां, 1981 में आई फिल्म 'लावारिस' और 1982 में आई फिल्म 'शक्ति' में उन्होंने अमिताभ बच्चन की मां की भूमिका निभाई थी। राखी ने अक्सर फिल्मों में विधवा मां को रोल किया। 80 और 90 के दशक में उन्होंने एक मजबूत और बहुत सी परेशानियों का सामना करके आगे बढ़ने वाली मां का किरदार निभाया। राखी ने फिल्म 'राम-लखन', 'बाजीगर', 'खलनायक', 'करन-अर्जुन' जैसी फिल्मों में एक सिद्धान्तवादी मां का किरदार निभाया।
नूतन
जानी मानी एक्ट्रेस नूतन को बॉलीवुड में मां का किरदार निभाने वाली बेहतरीन एक्ट्रेस माना जाता है। 80 के दशक में नूतन ने फिल्म 'मेरी जंग', 'नाम', 'कर्मा' में मां के शानदार रोल अदा किए। फिल्म 'मेरी जंग' के लिए उन्हें बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिला था।
अंजना मुमताज
अगर हम एक बुरी और चालाक मां के किरदार की बात करें तो इस लिस्ट में एक्ट्रेस अंजना मुमताज का नाम भी आता है। 80 और 90 के दशक की फिल्मों में वो हमेशा एक चालाक मां के रोल में नजर आईं। फिल्म 'मेरा पहला पहला प्यार' में उनके बेटे ने रुस्लान मुमताज ने उनके साथ ही अपना डेब्यू किया था।
नरगिस
बॉलीवुड की जानी मानी अभिनेत्री नरगिस को 1957 में आई फिल्म 'मदर इंडिया' में उनके किरदार के लिए लोग आज भी याद करते हैं। यहां तक कि इस फिल्म के बाद से लोग उनको मदर इंडिया के नाम से ही पहचानने लगे।
अचला सचदेव
वेटरन एक्ट्रेस अचला सचदेव को आज भी 1965 में आई फिल्म 'वक्त' में उनके सबसे यादगार किरदार यानी बलराज साहनी की पत्नी के किरदार को आज भी याद किया जाता है। फिल्म का मशहूर गाना 'ए मेरी जोहरा जबीं' उन्ही के ऊपर फिल्माया गया था। इसके अलावा उन्होंने 1995 में आई फिल्म 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' में काजोल की दादी मां का किरदार निभाया था।
वहीदा रहमान
50 से 70 के दशक तक एक बेहतरीन एक्ट्रेस के तौर पर फिल्में करने वाली वहीदा रहमान ने उसके बाद फिल्मों में मां का किरदार निभाना शुरु किया। फिल्म 'कुली', 'ओम जय जगदीश' और 'रंग दे बसंती' जैसी कई फिल्मों में उन्होंने मां और दादी मां का भी किरदार निभाया।
जया बच्चन
18 साल तक फिल्मों से दूर रहने के बाद बेहतरीन अदाकारा जया बच्चन ने फिल्मों में मां का किरदार निभाना शुरु किया। सबसे पहले उन्होंने गोविंद निहलानी की फिल्म 'हजार चौरासी की मां' का किरदार निभाया। उसके बाद फिल्म 'फिज़ा' के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला। फिर करन जौहर की फैमिली ड्रामा फिल्म 'कभी खुशी कभी गम' में अमिताभ बच्च्न के साथ काम किया। इसके बाद 'कल हो ना हो' में उन्होंने प्रीति जिंटा की मां की भूमिका निभाई जिसके लिए उन्हें दोबारा से बेस्ट सोपर्टिंग एक्ट्रेस का फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला।
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