गणतंत्र दिवस के अवसर पर हर वर्ष दिल्ली के राजपथ पर ऐतिहासिक परेड होती है और विभिन्न झांकियों को पेश किया जाता है। इस बार कोरोना की तीसरी लहर की वजह से दिल्ली और मुम्बई जैसे बड़े शहर बहुत तरह की पाबंदियों में जी रहे हैं लेकिन फिर भी 26 जनवरी 2022 तो उसी शान से मनाई जाएगी हां, इस बार कलाकार कुछ कम होंगे। ऐसे में 130 करोड़ से अधिक की आबादी में से कुछ गिने चुने कलाकार ही इस बार की झांकी में नजर आएंगे और उन सीमित फ़नकारों में एक नाम है हीरो राजन कुमार का, जो बिहार के मुंगेर जिला के टेटिया बम्बर प्रखंड के हैं। यह मुंगेरवासियो, बिहार वासियों और पूरे देश वासियों के लिए खुशी और प्रेरणा का विषय है कि एक छोटे से शहर का युवा इस ऐतिहासिक दिन पर अपनी कला के प्रदर्शन के लिए चयनित किया गया है। जब पहली बार राजन कुमार को इस ऐतिहासिक परेड के लिए दिल्ली से बुलावा आया तो वह तो बड़े खुश, उत्साहित थे मगर घरवालों के चेहरे पर थोड़ी सी चिंता की लकीरें भी आ गईं थीं। मगर राजन कुमार तो रियल हीरो हैं, उन्होंने मां को और सभी घरवालों को आश्वासन दिलाया कि उन्हें कुछ नहीं होगा। वह तमाम सावधानियों को बरतते हुए, देशभक्ति का जज़्बा भरे हुए दिल्ली की झांकी पेश करने के लिए जा रहे हैं, अपने देश, अपने राष्ट्र के लिए कुछ करने जा रहे हैं, उनके पास सभी देशवासियों की दुआएं हैं। और वह चल दिए, तिरंगा उनके सीने में लहरा रहा था और आंखों में एक जोश, एक उत्साह झिलमिला रहा था।
गौरतलब है कि भारत सरकार देश की कला संस्कृति और शक्ति प्रदर्शन में कोई कसर नही छोड़ती है। 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजपथ दिल्ली में हर साल ऐतिहासिक रिपब्लिक डे मनाया जाता है। जिसपर पूरी दुनिया की नज़र होती है। इसकी तैयारी कई महीने पहले से शुरू हो जाती है। इस बार रिपब्लिक डे परेड कोरोना प्रोटोकॉल को देखते और फॉलो करते हुए बहुत ही सीमित और सटीक तरीके से मनाया जाना है। ऐसे में कलाकारों का चुनाव, उनके फिटनेस का ख्याल, यह सब बहुत ही टफ प्रोसेस था लेकिन भारत सरकार ने एकबार दोबारा अपने देशवासियों पर भरोसा किया है और उसी विश्वास को कायम रखने के लिए राजन कुमार दिल्ली पहुंच गए हैं और रात दिन लगातार राजपथ पर प्रैक्टिस करके 26 जनवरी परेड की तैयारी में जुटे हुए हैं। 1 अरब 30 करोड़ की जनता में टेटिया बम्बर जिला मुंगेर बिहार के एक किसान परिवार के युवा का राजपथ पर होने वाली झांकी में कलाकार के तौर पर चुनाव होना अपने आप मे एक बड़ा अचीवमेंट है। देशभक्ति का गहरा जज़्बा राजन कुमार को एक अलग मुकाम पे खडा करता है।
बता दें कि शुरू से ही राजन कुमार को कला संस्कृति से बेहद लगाव रहा है। यही वजह है कि 1998 में भारत सरकार ने उन्हें छाव डांस के लिए नेशनल अवार्ड दिया था। 2004 में लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में उनका नाम शामिल हुआ। 2005 मे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ने उन्हें सर्टिफिकेट दिया। और फिर उनका नाम चार्ली चैपलिन द्वितीय के रूप में पूरी दुनिया में जाना जाता है। कई खास मौके पर राजन कुमार ने भारत की कला संस्कृति को उजागर किया है भारत का नेतृत्व किया है पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय कलाकार राजन कुमार के कद्रदान हैं उनके चाहने वाले हैं। इस बार मिनिस्ट्री ऑफ टेक्सटाइल (वस्त्र मन्त्रालय) की झांकी पर राजन कुमार एक गुजराती अटायर में नजर आएंगे। ड्रेस पहनते ही वह किरदार में आ जाते हैं। बहुत बड़ी पगड़ी कलरफुल ड्रेस एकदम से वस्त्र मंत्रालय की झांकी को जीवंत करते हुए राजन कुमार राजपथ पर मन मोहेंगे।गणतंत्र दिवस के अवसर पर हर वर्ष दिल्ली के राजपथ पर ऐतिहासिक परेड होती है और विभिन्न झांकियों को पेश किया जाता है। इस बार कोरोना की तीसरी लहर की वजह से दिल्ली और मुम्बई जैसे बड़े शहर बहुत तरह की पाबंदियों में जी रहे हैं लेकिन फिर भी 26 जनवरी 2022 तो उसी शान से मनाई जाएगी हां, इस बार कलाकार कुछ कम होंगे। ऐसे में 130 करोड़ से अधिक की आबादी में से कुछ गिने चुने कलाकार ही इस बार की झांकी में नजर आएंगे और उन सीमित फ़नकारों में एक नाम है हीरो राजन कुमार का, जो बिहार के मुंगेर जिला के टेटिया बम्बर प्रखंड के हैं। यह मुंगेरवासियो, बिहार वासियों और पूरे देश वासियों के लिए खुशी और प्रेरणा का विषय है कि एक छोटे से शहर का युवा इस ऐतिहासिक दिन पर अपनी कला के प्रदर्शन के लिए चयनित किया गया है। जब पहली बार राजन कुमार को इस ऐतिहासिक परेड के लिए दिल्ली से बुलावा आया तो वह तो बड़े खुश, उत्साहित थे मगर घरवालों के चेहरे पर थोड़ी सी चिंता की लकीरें भी आ गईं थीं। मगर राजन कुमार तो रियल हीरो हैं, उन्होंने मां को और सभी घरवालों को आश्वासन दिलाया कि उन्हें कुछ नहीं होगा। वह तमाम सावधानियों को बरतते हुए, देशभक्ति का जज़्बा भरे हुए दिल्ली की झांकी पेश करने के लिए जा रहे हैं, अपने देश, अपने राष्ट्र के लिए कुछ करने जा रहे हैं, उनके पास सभी देशवासियों की दुआएं हैं। और वह चल दिए, तिरंगा उनके सीने में लहरा रहा था और आंखों में एक जोश, एक उत्साह झिलमिला रहा था।
गौरतलब है कि भारत सरकार देश की कला संस्कृति और शक्ति प्रदर्शन में कोई कसर नही छोड़ती है। 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजपथ दिल्ली में हर साल ऐतिहासिक रिपब्लिक डे मनाया जाता है। जिसपर पूरी दुनिया की नज़र होती है। इसकी तैयारी कई महीने पहले से शुरू हो जाती है। इस बार रिपब्लिक डे परेड कोरोना प्रोटोकॉल को देखते और फॉलो करते हुए बहुत ही सीमित और सटीक तरीके से मनाया जाना है। ऐसे में कलाकारों का चुनाव, उनके फिटनेस का ख्याल, यह सब बहुत ही टफ प्रोसेस था लेकिन भारत सरकार ने एकबार दोबारा अपने देशवासियों पर भरोसा किया है और उसी विश्वास को कायम रखने के लिए राजन कुमार दिल्ली पहुंच गए हैं और रात दिन लगातार राजपथ पर प्रैक्टिस करके 26 जनवरी परेड की तैयारी में जुटे हुए हैं। 1 अरब 30 करोड़ की जनता में टेटिया बम्बर जिला मुंगेर बिहार के एक किसान परिवार के युवा का राजपथ पर होने वाली झांकी में कलाकार के तौर पर चुनाव होना अपने आप मे एक बड़ा अचीवमेंट है। देशभक्ति का गहरा जज़्बा राजन कुमार को एक अलग मुकाम पे खडा करता है।
बता दें कि शुरू से ही राजन कुमार को कला संस्कृति से बेहद लगाव रहा है। यही वजह है कि 1998 में भारत सरकार ने उन्हें छाव डांस के लिए नेशनल अवार्ड दिया था। 2004 में लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में उनका नाम शामिल हुआ। 2005 मे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ने उन्हें सर्टिफिकेट दिया। और फिर उनका नाम चार्ली चैपलिन द्वितीय के रूप में पूरी दुनिया में जाना जाता है। कई खास मौके पर राजन कुमार ने भारत की कला संस्कृति को उजागर किया है भारत का नेतृत्व किया है पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय कलाकार राजन कुमार के कद्रदान हैं उनके चाहने वाले हैं। इस बार मिनिस्ट्री ऑफ टेक्सटाइल (वस्त्र मन्त्रालय) की झांकी पर राजन कुमार एक गुजराती अटायर में नजर आएंगे। ड्रेस पहनते ही वह किरदार में आ जाते हैं। बहुत बड़ी पगड़ी कलरफुल ड्रेस एकदम से वस्त्र मंत्रालय की झांकी को जीवंत करते हुए राजन कुमार राजपथ पर मन मोहेंगे।