-के.रवि (दादा)
हाल ही में 1983 विश्व कप पर बनी हिंदी फिल्म 83 ने तो बॉक्स ऑफिस पर कमाल कर ही लिया है। पर इससे कई नए किरदारों के साथ साथ मराठी फिल्म इंडस्ट्री के अभिनेता . आदिनाथ कोठारी भी दिलीप वेंगसरकर की भूमिका में छा गए हैं। दिसंबर आखरी सप्ताह में प्रदर्शित हो चुकी इस फिल्म को फैंस काफी पसंद कर चुके हैं। फिल्म देखने वाले फैंस का कहना है कि इस फिल्म को देखते हुए मानो वह साल 1983 में पहुंच गए। जहां, भारत ने क्रिकेट के दुनियां में इतिहास रचते हुए कपिल देव की कप्तानी में पहला विश्व कप जीता था। इस फिल्म में सभी किरदारों ने अपनी भूमिका को अच्छी तरह निभाया है। भारत के क्रिकेट विरो पर बनी अभिनेता. रणवीर सिंह और दीपिक पादुकोण स्टारर फिल्म ’83’ ने फैंस का दिल जीत लिया है। इंग्लैंड की धरती पर भारत के उस ऐतिहासिक विश्व कप की पूरी कहानी को निर्देशक कबीर खान ने बहुत ही अच्छी तरह परदे पर उतारा है। भले ही फैंस को हर मैच का रिजल्ट पता हो, लेकिन कहानी ने दर्शकों को खुद से जोड़े रखा और फैंस ने हर गेंद का लुफ्त मानो इंग्लैंड के स्टेडियम में लाईव बैठकर उठाया हों।
फिल्म के विकासको ने फिल्म के किरदारों को मानो चुन-चुन कर कास्ट किया गया। जिसका असर आप खुद को इस फिल्म में देख सकते हैं। अभिनेता रणवीर सिंह की फिल्म 83 का बॉक्स ऑफिस पर कमाल – पहले दिन 15 करोड़ से अब तक 126 करोड का कारोबार किया है। वैसे इस फिल्म के प्रदर्शन का इंतजार फैंस काफी समय से था। पहले ये फिल्म पिछले साल रिलीज होने वाली थी, लेकिन कोविड की वजह से फिल्म की रिलीज को आगे ले जाना पड़ा। फिर भी फिल्म के पहले दिन की बॉक्स ऑफिस पर करोड़ का बिजनेस कर लिया है।इस फिल्म के बारे में बात करें तो इसमें रणवीर सिंह, कपिल देव का किरदार निभा रहे हैं। तो दीपिका पादुकोण फिल्म में कपिल देव की पत्नी रोमी देव का किरदार निभा रही हैं। वैसे तो फिल्म में दीपिका पादुकोण का रोल छोटा है। इसके साथ ही फिल्म में इन दोनों के अलावा पंकज त्रिपाठी, ताहिर राज भासिन, जीवा, साकिब सलीम, जतिन सरना, चिराग पाटिल, दिनकर शर्मा, निशांत दहिया, हार्डी संधू, साहिल खट्टर, एमी विर्क , धैर्या कार्वा और आर बद्री एवम कपिल देव की मां के रूप में नीना गुप्ता जी साथ ही मराठी अभिनेता . आदिनाथ कोठारी भी हैं।
भारत में क्रिकेट पर जब भी कोई फिल्म बनी है लोगों ने उस पर अपना भरपूर प्यार लुटाया है। यही जुनून 83 में भी देखने को मिला है। कबीर खान की फिल्म 83 भारत द्वारा साल 1983 में पहली बार वर्ल्ड कप जीतने पर आधारित है। इसमें कपिल देव की कप्तानी से देश को गौरवान्वित होने का मौक़ा मिला था। रणवीर सिंह ने फिल्म में कपिल देव की भूमिका में जान फूंक दी है। हर बार की तरह अपने प्रभावशाली अभिनय से वे हर किसी का दिल जीत लेते हैं। कपिल देव की पत्नी रोमी बनी दीपिका पादुकोण ने अपनी छोटी-सी भूमिका में भी अपनी मौजूदगी का एहसास कराया। पंकज त्रिपाठी तो हमेशा की तरह ही एक बार भी देखने पर लगता ही नहीं कि यह फिल्म में कलाकार हैं सभी ने 83 में वर्ल्ड कप की जीत के टीम के क्रिकेटर की भूमिका में इस कदर रच-बस गए हैं कि ऐसे लगता है की असल में यही सुनील गावस्कर, मोहिंदर अमरनाथ, श्रीकांत, संदीप पाटिल, मदनलाल, रोजर बिन्नी हैं|
फिल्म के निर्देशक कबीर खान के निर्देशन का जादू इस कदर चलता है कि यूं लगता ही नहीं कि हम थिएटर में फिल्म देख रहे हैं। ऐसा लगता हम इंग्लैंड के स्टेडियम में बैठे हैं और भारत के पहली बार वर्ल्ड कप जीतने के उन पलों को जी रहे हैं। हर जगह उमंग-उत्साह से लबरेज हैं लोग, तालियों की गड़गड़ाहट और क्रिकेट का जोश-जुनून लोगों को दीवाना कर रहा है। यह एक निर्देशक की काबिलियत का सफल नमूना है और इसमें कबीर खान सभी का दिल जीत लेते हैं। उन्होंने चाहे रणवीर सिंह हो या सभी क्रिकेटर की भूमिका में कलाकार, उनसे यादगार अभिनय करवाया है। साथ ही यह शिद्दत से महसूस कराया कि हम वर्ल्ड कप जीतने के उन लम्हों को आज भी इतने सालो बाद भी ताजा ताजा जी रहे हैं। इसीलिए निर्देशक . कबीर खान बधाई के पात्र हैं। साथ ही रणवीर सिंह की मेहनत इस कदर निखर कर दिखती है कि पूरी फिल्म में वे छाए रहते हैं। उनके अभिनय से ऐसे लगता है कि रणवीर नहीं बल्कि कपिल देव ही साक्षात में हैं। इस तरह के अभिनय की तारीफ़ अभिनेता . सुनील शेट्टी के साथ साथ सभी ने फिल्म देखने के बाद की हैं। कई मौजूदा लोग कह चुके है की हमें लगा ही नहीं की हम कोई फिल्म देख रहे, यूं लगा कि हम किसी स्टेडियम में मैच हि देख रहे हैं। हम अपने विश्व विजेता बनने के उन पलों को जी रहे हैं और गर्व महसूस कर रहे हैं।
विदेशी क्रिकेटर्स विवयन रिचर्ड्स, क्लाइव लॉयड, ग्रेग चैपल की भूमिका निभानेवाले एक्टर्स ने भी बेहतरीन काम किया है। एडिटर नितिन वैद ने अच्छी एडिटिंग की है, जिससे फिल्म रोमांच से भरपूर और कसी हुई लगती है। पूरी फिल्म के सीन अच्छे और लाजवाब हैं, लेकिन ख़ासकर कपिल देव का जिंबाब्वे के सामने 175 रन की पारी खेलना, विवयन रिचर्ड्स का विकेट लेनेवाले कपिल देव का कैच और भारत का पहला मैच वेस्टइंडीज के साथ सीन्स बेहद उम्दा हैं। 1983 के वर्ल्ड कप के समय भारतीय क्रिकेट टीम के जो भी सदस्य थे, एक बार फिर उनकी तारीफ़ करनी होगी, क्योंकि उनकी सिलेक्शन लाजवाब हुई है इसमें कोई दो राय नहीं। फिर चाहे वह फारुख इंजीनियर के क़िरदार में बोमन ईरानी, सुनील गावस्कर बने ताहिर भसीन, के साथ बचपन से ही हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में अपने चाइल्ड वुड एक्टिंग की छाप छोड़ने वाले मशहूर अभिनेता महेश कोठारे के बेटे आदिनाथ कोठारे ने फिल्म 83 में पूर्व क्रिकेटर दिलीप वेंगसरकर किरदार बखूबी निभाया है।
अभिनेता आदिनाथ कोठारे के 83 फिल्म से जुड़े खास किस्सो के अनुसार भारतीय क्रिकेट टीम विश्व कप में 25 जून 1983 को लॉर्ड्स में खेलेगी। इस सफलता की कहानी पर आधारित '83' खेल जगत की फिल्म में दस्तक दी। कबीर खान के निर्देशन में बनी इस फिल्म में आदिनाथ कोठारे यह एक मराठमोला कलाकारों में से एक हैं। खास बात यह है कि वह इस फिल्म से बॉलीवुड में डेब्यू कर चुके हैं। तीन साल के अंतराल के बाद वह इस फिल्म के जरिए बड़े पर्दे पर नजर आ गए हैं। बॉलीवुड में डेब्यू, करते हुए इसकी कामयाबीसे आदिनाथ निश्चित रूप से एक उत्साहित है। आदिनाथ के अनुसार जब उन्होंने फिल्म देखी थी ,तब ही उन्हें यकीन हो गया था की यह एक बेहतरीन फिल्म है। इस फिल्म का हिस्सा बनने पर आदिनाथ को गर्व है। जिससे वे बहुत उत्साहित हैं।
फिल्म 83 के लिए आदीनाथ का चयन तब हुवा जब वे उनकी मराठी फिल्म पानी' की शूटिंग के बाद मुंबई लौटे थे। आदि ने अपने निर्देशन की शुरुआत 'पानी' फिल्म से ही की है। फिल्म 'पानी' में अपने किरदार के लिए आदिनाथ को दस किलो वजन कम करना पड़ा था। वास्तव में, एक अभिनेता के रूप में, वैसे आदिनाथ बहुत ऑडिशन देते है । कई बार उन्हें अच्छा रिस्पॉन्स मिलता है, लेकिन कई बार उनका सिलेक्शन नहीं हो पाता। लेकिन इस ऑडिशन के बाद घर जाने के बाद मुकेश छाबड़ा के ऑफिस से उन्हें वैभव का फोन आया और वहां से पूछा गया की क्या मैं कल आपसे मिल पाऊंगा? उस समय, आदिनाथ को लगा कि उन्हें एक और विज्ञापन फिल्म के लिए बुलाया गया है। लेकिन वैभव ने कहा कि मशहूर फिल्म निर्देशक कबीर खान आपसे मिलना चाहते हैं। और जब आदिनाथ ने वैभव जी से पूछा कि क्या मुझे फिल्म के लिए चुना गया तो उन्होंने हां कह दिया। फिर क्या अगले दिन आदिनाथ कबीर खान से मिलने गये । और हकीकत में एक दोस्त की तरह कबीर खान ने आदिनाथ से मुलाकात कर आदिनाथ से कबीर खान ने काफी देर तक बातचीत कर चरित्र वर्णन, के साथ हाथ मिलाते हुए आदिनाथ से कबीर खान ने कहा के बोर्ड में आपका स्वागत है। और वही से 83 की प्रक्रिया शुरू हुई।और आदिनाथ को क्रिकेटर दिलीप वेंगसरकर की भूमिका निभाने का मौका मिला। इस पात्र को निभाने के लिए आदिनाथ को खास तैयारी करनी पड़ी। बल्की बहुत ही तैयारी करनी पड़ी थी। उन्होंने साल भर प्रशिक्षण लिया। कबीर खान ने 83 के सभी कलाकारों पर बहुत मेहनत की। पात्र के अनुसार आदिनाथ असली दिलीप वेंगसरकर से मिलते थे । वह उनके साथ समय बिताते थे , चैट करते थे। यही प्रक्रिया फिल्म के सभी कलाकारों ने की थी। शूटिंग शुरू होने से पहले साल भर में काफी तैयारी करनी पड़ी थी।
वैसे हकीकत में भी आदिनाथन कोठारे भी अपनी निजी जिंदगी में क्रिकेट के दीवाने है। आदिनाथ ने बचपन से ही क्रिकेट का लुत्फ उठाया है। वह स्ट्रीट क्रिकेट खेलकर बड़ा हुए हैं । आदिनाथ के अनुसार क्रिकेट हमारे देश का धर्म है। आपको ऐसा कोई लड़का नहीं मिलेगा जिसे क्रिकेट पसंद न हो। आदिनाथ ने कभी भी पेशेवर स्तर पर क्रिकेट नहीं खेला है। पर 83 फिल्म ने उन्हें एक क्रिकेटर की जिंदगी जीने का मौका दिया। एक अभिनेता के तौर पर कलाकार पर्दे पर अलग-अलग भूमिकाएं निभाते हैं। उसी तर्ज पर आदिनाथ को फिल्म के भांति एक क्रिकेटर की जिंदगी जीने में बहुत मजा आया। 83 फिल्म का क्लाइमेक्स कबीर खान ने लॉर्ड्स ग्राउंड में शूट किया था, वही मैदान जहां भारतीय क्रिकेट टीम ने 1983 में विश्व कप जीता था। कबीर खान ने सीन को वैसे ही फिल्माया है। जंहा सभी कलाकर बिल्कुल अपनी भारतीय क्रिकेट टीम की तरह लग रहे थे। उनका गेटअप बिल्कुल वैसा ही था। रोमांचित कर देने वाला नजारा था। वे सब शॉट के लिए तैयार थे। उसी समय कबीर खान हाथ में कपड़े से ढँकी एक वस्तु ले आए और उसे कैमरे के सामने रख दिया। अगर उन्होंने उसमें से कपड़ा निकाल लिया, तो पत्रों के सामने 1983 विश्व कप की असली ट्रॉफी थी। कबीर खान संग्रहालय से कपिल देव और उनकी टीम द्वारा उन दिनों उठाई गई ट्रॉफी ही लेकर आए थे। जिसे देखते ही मौजुदा कलाकारों की आंखों में आंसू और शरीर में कांटे थे। वो पल उन सभी कलाकारो के लिए काफी भाऊक था। आदिनाथ को आज भी याद है,की वहा का शॉट ठीक था और उसके बाद वे सब वहीं रो पड़े। वे सब उस दौर से गुजरे और उन्होंने उस आदमी की जिंदगी जी। आदिनाथ उस पल को कभी नहीं भूल पाएंगे।
गौरतलब हो की आदिनाथ बुर्ज खलीफा में अभिनय करने वाले पहले मराठी अभिनेता है। आदिनाथ के अनुसार हमारे रचयिता बहुत अच्छे हैं। फिल्म मनोरंजन के साथ-साथ जानकारी देने का भी प्रबंधन करती है। प्रतीकात्मक रूप से फिल्म का ट्रेलर बुर्ज खलीफा पर दिखाई दिया। यह हम भारतवासियों के लिए बड़े गर्व का क्षण था। जब 'पानी' के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार की घोषणा की गई थी, तब आप '83' की टीम के साथ तब आदिनाथ शूटिंग कर रहे थे । और उस दिन उनके कॉल का समय दोपहर का था। जब वे सेट पर गया तो कबीर खान ने उन्हें गले से लगा लिया। 13 मई 1984 को जन्मे एक भारतीय अभिनेता, निर्माता और निर्देशक आदिनाथ कोठारे , जो मुख्य रूप से मराठी फिल्मों में काम करते हैं। उनके निर्देशन में बनी पहली फिल्म ' पानी ' ने 66वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में ' पर्यावरण संरक्षण/संरक्षण पर सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार ' के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार जीता और उन्हें न्यूयॉर्क भारतीय फिल्म समारोह में 'सर्वश्रेष्ठ अभिनेता' का पुरस्कार भी मिला । उनके पिता महेश कोठारे मराठी फिल्म उद्योग के प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक हैं। जिन्होंने हिंदी फिल्मों में भी बचपन से अभिनय किया है। पेशे से अभिनेता निर्माता निर्देशक के रूप में मशहूर आदिनाथ कोठारे ने शुरुवात में 1994 की हिट फिल्म 'माझा छकुला' में एक बाल कलाकार के रूप में अपने अभिनय की शुरुआत की, जिसने उन्हें 'सर्वश्रेष्ठ बाल अभिनेता' के लिए महाराष्ट्र राज्य फिल्म पुरस्कार सहित कई प्रशंसाएँ दिलाईं। आदिनाथ की अगली फिल्म 'वेड लागी जीवा' का निर्देशन उनके पिता महेश कोठारे ने वर्ष 2010 में किया था, जिसने उन्हें ' ज़ी गौरव पुरस्कार ' में 'सर्वश्रेष्ठ अभिनेता' श्रेणी में नामांकित किया था।
बाद में उन्होंने ' झपाटलेला 2 ' (2013) और ' अवतारची गोष्ट 1994 मे दिखाई दिए। उसके बाद, वह आदित्य सरपोतदार की संगीत ड्रामा फिल्म सतरंगी रे प्लेइंग में दिखाई दिए। रेगो (गोरक्ष महापुसेकर), जो 3 फरवरी 2012 को रिलीज़ हुई, में अभिनेत्री . अमृता खानविलकर , सिद्धार्थ चंडेकर , पूजा सावंत , भूषण प्रधान , सौमिल श्रृंगारपुरे, उदय टिकेकर , विद्याधर जोशी, सुप्रिया मटकरी और माधव अभ्यंकर ने भी अभिनय किया था । आदिनाथ ने अपने पिता की महत्वाकांक्षी परियोजना में पहली मराठी सच्ची 3 डी फिल्म झपाटलेला 2 में अभिनय किया है, जो 7 जून 2014 को रिलीज़ हुई थी। यह फिल्म 1993 की मशहूर मराठी फिल्म झपाटलेला की अगली कड़ी है । 2014 में, उन्होंने मृणाल ठाकुर के साथ हैलो नंदन में मुख्य भूमिका निभाई और फिल्म अंवत में उनकी पत्नी उर्मिला कोठारे के साथ भी अभिनय किया । आदिनाथ कोठारे ने अगली बार सुलगना पाणिग्रही के साथ इश्क वाला लव में अभिनय किया , जो 10 अक्टूबर 2014 को रिलीज़ हुई थी।
उनकी अगली फिल्म, 26 दिसंबर 2014 को रिलीज़ हुई, अवताराची गोष्ट ने 51 वें महाराष्ट्र राज्य मराठी फिल्म समारोह 2014, ज़ी गौरव 2014 फिल्म अवार्ड्स और सह्याद्री सिने फिल्म अवार्ड्स 2014 में कई पुरस्कार जीते। आदिनाथ कोठारे ने फिल्म झपाटलेला 2 का निर्माण अपने दम पर किया। जिसका प्रोडक्शन बैनर कोठारे विजन प्राइवेट लिमिटेड का था। उन्होंने ज़ी मराठी के 100 दिनों के धारावाहिक से टेलीविजन पर शुरुआत की । उन्होंने मराठी फिल्म पानी से निर्देशन की शुरुआत की । और अब वह 1983 क्रिकेट विश्व कप पर आधारित एक स्पोर्ट्स फिल्म 83 में क्रिकेटर दिलीप वेंगसरकर की भूमिका में डेब्यू कर नज़र आए भी और छा भी गए। अभिनेता आदिनाथ कोठारे अपनी प्रतिभा, आकर्षण और त्रुटिहीन फैशन सेंस के लिए लोकप्रिय है। 9 साल की छोटी उम्र में सिनेमा में कदम उन्होंने कोठारे प्रोडक्शन हाउस के बैनर तले जय मल्हार जैसे सफल शो का निर्माण भी किया है।आदिनाथ ने अपनी शिक्षा मुम्बई के राममनोहर रुइया कॉलेज से पूरी की।
गौरतलब हो की 34 साल बाद इस फिल्म 83 का प्रीमियर 15 दिसंबर को रेड सी इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में किया गया था और 24 दिसंबर 2021 क्रिसमस की पूर्व संध्या पर दुनिया भर के 5,000 सिनेमाघरों में पारंपरिक 2डी और 3डी प्रारूपों में रिलीज कि गई थी। जिसे रिलायंस एंटरटेनमेंट और पीवीआर पिक्चर्स के जरिए वितरित किया गया था। इस फिल्म को तमिल , तेलुगु में डब और प्रदर्शित किया गया था ,मूल संस्करण के अलावा कन्नड़ और मलयालम भाषाएं में भी। फिल्म को आलोचकों और दर्शकों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली, कलाकारों के प्रदर्शन, पटकथा, निर्देशन और तकनीकी पहलुओं की प्रशंसा की। 24 दिसंबर 2021 को सिनेमाघरों में प्रदर्शित हो चुकी इस फिल्म को लेकर मेकर्स ने बड़ा ऐलान किया था। मेक्रस ने बताया था कि फिल्म 83 को दिल्ली में देखने वालों के लिए टैक्स फ्री कर दिया गया है। ये कदम दिल्ली सरकार की तरफ से उठाया गया है। यानी ऑडियंस श्रोत्ता इस फिल्म को काफी कम पैसो में देख पाएंगे , जिससे श्रोताओं की संख्या भी बढ़ेगी| मराठी के 8 फिल्मों में खासा अभिनय कर चुके अभिनेता आदिनाथ महेश कोठारे ने दिलीप वेंगसरकर का किरदार निभाकर अपने किरदार को असरदार बनाकर बॉलिऊड के एक सफल ऊंचाई को छुवा है|