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3 साल बाद फिर से त्योहारों को जीने का समय आया है! दिल खोलकर खेलो होली... होली है!!- तृप्ति अगरवाल

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3 साल बाद फिर से त्योहारों को जीने का समय आया है! दिल खोलकर खेलो होली... होली है!!- तृप्ति अगरवाल

-शरद राय

छोटे और बड़े पर्दे पर अपने अभिनय की विविधता के लिए  पहचानी जानेवाली अभिनेत्री तृप्ति अगरवाल के बारे में कमलोग ही जानते हैं कि वह एक अच्छी कवियत्री भी हैं। गत दिनों एक मुलाकात में वह कोरोना की त्रासदी के बाद की  होली के लिए अपनी लिखी हुई एक ताजी कविता सुनाती हैं-

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'लमहा लमहा वक्त गुजरता रहा

कोई आता तो कोई जाता रहा

मास्क पहनो, दूर रहो, लापरवाही करो ना,

बोलते बोलते लगभग बीत ही गया कोरोना

नया था ऊसूल, नई थी यह रीति निराली

बेरंग थी होली, सुनी सुनी सी दीवाली

सुनी थी सड़कें, सुनी सुनी रेल की पटरी

सुनी थी जवान रातों को जगाती मुम्बई नगरी

कई मंजर आए और कई चले गए

कुछ लोग मीले तो कई बिछड़ते चले गए

सीखा गयी ज़िंदगी की-

सुकून ही गहना है!

मुझे आज तुमसे बस यही कहना है

आगई है फिर आज रंगोवाली वो होली

फिर वही हसीन सी शमां और यारों की टोली

आओ करले फिर आज कुछ हंसी ठिठोली

आओ खेले होली, आओ खेले होलीआओ खेले होली... !'

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तृप्ति अगरवाल अमिताभ बच्चन की बड़ी फैन रही हैं। कहती हैं- ' मैं बच्चन साहब के होली गीत हर साल होली के मौके पर गाया करती थी।उनके साथ काम करने का सपना था मेरा, जो पूरा हो गया। उनके साथ मैंने दो विज्ञापन फिल्में किया है- अपोलो स्टील चौखट और जुपिटर TVS स्कूटी का। वैसे, तृप्ति साउथ के सुपर स्टार अल्लू अर्जुन और सुदीप के साथ भी जॉय अ लुकास जेवेलरी का विज्ञापन कर चुकी हैं लेकिन सपना देखती थी वह अमिताभ के साथ काम करने का ही। 'बस, बिग बी के साथ एक फिल्म में  काम करना है !'

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तृप्ति अगरवाल की बड़े पर्दे पर आनेवाली फिल्म है- 'फ्रेडी' (कार्तिक आर्यन, अलाया फर्नीचरवाला) जिसमे वह फिल्म की हीरोइन अलाया (पूजा बेदी की बेटी) की मां की भूमिका में हैं। टीवी पर्दे पर sony टीवी के शो 'किस्मत'  (निर्देशक अभिषेक भंडारे) में बिना मेकअप वाली उनकी भूमिका को खूब पसंद किया गया। color चैनल पर 'छोटी सरदारनी' में उनका चुलबुला रूप दिखाई पड़ा था। 'इस सीरीज की बिल्लो के लिए मेरा चुनाव यसर अराफात और कृपा पांडे ने शायद इसलिए किया था कि मेरी बिल्लोरी आँखें शूट कर गई थी।' वह कहकर हंसती हैं। 'star bharat पर 'तेरा मेरा साथ रहे' में रूपल पटेल के साथ काम करने का अनुभव अच्छा रहा। और, सबसे ज्यादा खुश हुई थी मैं star plus के शो -'लाखों में एक' करके क्योंकि इसमें सीमा पाहवा जी काम कर रही थी। मैं सीमा पाहवा जी से इंस्पायर रही हूं और उनके अभिनय शैली को बहुत पसंद करती हूं।इसका मतलब यह नहीं कि मैं औरों को पसंद नही करती।मैं अपने दिल की बात कहने में संकोच नहीं करती। जैसे मदर टेरेसा मेरी आदर्श हैं तो मैं चाहूंगी कि उनके जैसा बनूं।पर हर आदमी हर काम नही कर सकता न ! सो, जब भी मौका मिलता है मैं  कुछ हटकर  समाज से जुड़ा काम करने की इच्छा रखती हूं।' तृप्ति क्रिसमस, दीवाली जैसे मौकों पर बच्चों के लिए कार्यक्रम आयोजित करती हैं। सिगनल पर खड़े भीख मांगते ट्रांस जेंडर्स के लिए कुछ करने की सोच रखती हैं।

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'इस साल की होली की क्या प्लानिंग है?'

'यह बहुत सुखद टाइम आया हुआ लग रहा है।पिछले लगभग 3 साल से इस शहर, देश और सारी दुनिया ने जैसे कोविड के संकट में सबकुछ भूला दिया था। हम हंसना भूल गए थे, त्योहार मनाया जाना बंद था...ऐसेमें यह होली का पर्व खुशियां देनेवाला अवसर लेकर आया है। मैं कहूंगी होली को खूब एंजॉय करो। दिल खोलकर खेलो होली ! मैं हमेशा बढ़ चढ़ कर होली में हिस्सा लेती हूं।मैं अपनी बिल्डिंग में, सोसायटी में त्योहारों को सेलिब्रेट करती हूं।रंग, गुलाल खेलती हूं।खाने पीने की चीजें अपने हाथ से पकाती हूं। अन्तमे यही कहूंगी कि सन्नाटा खतम हो चुका है।दिल खोलकर होली  खेलो...आओ खेलें होली, आओ खेलें होली !!' वह अपनी नई होली कविता गुनगुनाती हैं।

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