अमिताभ बच्चन ने ओमिक्रोन के खिलाफ लड़ने की फिर से हिम्मत और प्रेरणा दी By Mayapuri Desk 06 Jan 2022 in गपशप New Update Follow Us शेयर -सुलेना मजुमदार अरोरा देने कोरोना वायरस चाहे वो डेल्टा जैसा घातक वैरिएंट हो या ओमिक्रोन जैसा इंफेकशिएस, वो खतरनाक तो होता ही है जो न जात देखता है ना पात, धर्म देखता है, ना भाषा, अमीर देखता है न गरीब, लोकप्रियता देखता है ना गुमनामी, यही वजह है कि बॉलीवुड स्टार्स भी इसकी चपेट से नहीं बच पाए। पहली लहर में ही, सर्वप्रथम सुपर स्टार, बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन को जब कोरोना हुआ तो उनकी उम्र और उनके कई प्रि एग्जिस्टिंग हेल्थ इशूज को देखते हुए उनके चाहने वालों और बॉलीवुड के बीच तहलका मच गया था। ये वो वक्त था जब कोरोना के इलाज का कोई पुख्ता इंतजाम और जानकारी नहीं थी। लेकिन हर बार की तरह इस बार भी अमिताभ इस घातक, जानलेवा बीमारी से जूझके, लड़ के, एक महीने बाद जब वापस घर लौटे तो उन्होंने ना केवल सबको निश्चिंत किया बल्कि कोरोना से डरी, घबराई, पैनिक में डूबे लोगों को विश्वास और ढांढस दिया कि इच्छा शक्ति है तो सब मुमकिन है। वे एक महीने तक हॉस्पिटल के आइसोलेशन वार्ड में रहे, पूरी तरह अकेले, कभी कभार डॉक्टर, नर्स देखभाल करने आते थे पीपीई किट पहनकर जिससे वे किसी का चेहरा ही नहीं देख पाते थे और उनकी तन्हाई को कोई रिहाई नहीं मिलती थी। उन दिनों वे चुपचाप सिर्फ अपना ब्लॉग लिखा करते थे। उन्होंने लिखा था, 'वो मानसिक स्थिति इस कटु वास्तविकता से निकलती है कि कोविड रोगी को अस्पताल में आइसोलेशन में रखा जाता है, हफ्तों तक के लिए और उस दौरान उसे कभी भी दूसरा मानव देखने को नहीं मिलता है। नर्स और डॉक्टर विज़िट पर आतें हैं दवा और देखभाल के लिए लेकिन वे सभी पीपीई किट्स में दिखाई देते हैं। आप.कभी नहीं समझ पाते कि वे कौन हैं, उनकी विशेषताएं, भाव क्या हैं, क्योंकि वे हमेशा के लिए सुरक्षा की यूनिट्स में रहते हैं, सब सफेद वस्त्रों के प्राणी दिखतें है। उनकी उपस्थिति लगभग रोबोटिक जैसी होती है। वे आतें हैं, वही देते हैं जो प्रेसक्राइब्ड होता है और चले जाते हैं क्योंकि लंबे समय तक रहने से संदूषण का डर होता है।' आज एक बार फिर जब ये खबर आई कि अमिताभ का बंगला फिर से कोविड की चपेट में आ गया है तो दोबारा अफरा तफरी का आलम हो जाना लाजमी है। अमिताभ बच्चन ने फ़िलहाल सिर्फ यही कहा कि वे कुछ डॉमेस्टिक कोविड सिचुएशन से गुज़र रहे हैं। दरअसल उनके कई स्टाफ मेम्बर्स कोविड पॉजिटिव हो गए हैं। और खबरों की माने तो वो उनका माली है जो कि असिम्प्टोमिक हैं। इस बार जब कोविड एक नए रूप ओमिक्रोन का रूप धरकर दुनिया को डराने धमकाने आ गयी है तो अमिताभ बच्चन ने फिर कलम उठा लिया कोविड के विरुद्ध और लिखा एक सुंदर प्रेरणादायक कविता, 'लड़ो यह लड़ाई, और सबकी दुआओं के साथ... आगे और नहीं सोचना, और विवरण नहीं, बस शो चलता रहे। सर्वशक्तिमान की शांति में रहो, जो हमें अनुग्रह और सुरक्षा के साथ देखता है, मनुष्य कई अपमान करते है... फिर भी वह हमें क्षमा करता है और हमें धर्म के मार्ग पर ले चलता है। हम फ़ॉलो करते हैं उस अज्ञात शक्ति को... यह अभी तक खोजा नहीं गया है, और सोचता हूँ कि क्या यह होगा... लेकिन फिर भी, सुरक्षा के अपने आच्छादित बुलबुले में रहिए... तब तक।' पिछले दिनों अमिताभ बच्चन ने अपने पॉपुलर शो 'कौन बनेगा करोड़पति' में मस्ती मज़ाक करते हुए कोविड की पैनिक को थोड़ा कम करने की तब कोशिश की थी जब एक पार्टिसिपेंट ने उनसे कहा कि कोविड काल में उनके परिवार वाले उन्हें बाहर नहीं निकलने देते थे, फिर भी वो अपने बच्चों को चुपके से घूमाने निकल पड़ती थी, तो इस पर अमिताभ बच्चन ने भी मज़ाक करते हुए कहा था, 'मेरे घर पर भी यही होता है, मैं बोलता रह जाता हूँ कि अभी कोरोना काल में कहीं बाहर मत निकलो, घर पर रहो, फिर भी सब चुपचाप बाहर निकल जाते हैं।' अमिताभ बच्चन की नवीनतम फिल्में 'द इंटर्न', 'ब्रह्मास्त्र', 'में डे', 'नाग अश्विन की अगली पेशकश',का लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं और प्रार्थना कर रहें हैं कि उसपर ओमिक्रोन कि साया ना पड़े। आगे पड़े: कॉर्पोरेट में प्रोफेशनल लाइफ की बेहतरी के अलावा भी दिए जाने चाहिए कुछ संस्कार प्रीतमलाल दुआ सभागृह में गणमान्य प्रसिद्ध शिक्षा विभाग के शासकीय अधिकारीयों की उपस्थिति में विशेष आयोजन रहा चर्चा का विषय #Amitabh Bachchan #Amitabh Bachchan Omicron हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article