समुद्र तल से 17000 फिट की 'Uunchai' पर, अस्सी वर्ष की आयु में किसी वरिष्ठ बॉलीवुड एक्टर द्वारा ट्रैकिंग की शूटिंग करने की कल्पना भी अविश्वसनीय सा लगता है, लेकिन Amitabh Bachchan ने अपनी नवीनतम फिल्म 'Uunchai' में एग्जैक्टली यही भूमिका निभाई है और मजे की बात यह है कि दर्शकों को उनपर पूरा यकीन है. ज़रा सोचिए, बॉलीवुड के इतिहास में पहले कभी ऐसा हुआ है? इस प्रश्न का उत्तर किसी के पास है तो बताएँ? लेकिन अमिताभ है तो मुमकिन है. बॉलीवुड के शहंशाह ने ये बता दिया कि अगर इरादा हो पक्का तो उम्र की बाधा कभी आड़े नहीं आ सकती है. ये सभी को पता है कि बॉलीवुड के नाशुक्रे दुनिया में हमेशा उगते सूरज को प्रणाम किया जाता है, यहां बड़े से बड़े स्टार, जिनकी कभी तूती बोली जाती थी, वे साठ की उम्र पार करते ही बड़ी निर्ममता के साथ साइड लाइन कर दिए जाते रहे हैं.
अशोक कुमार ने 80 की उम्र के आसपास आते आते फ़िल्में करना बहुत कम कर दिया था, देवानंद को तो 58 की उम्र से ही, आउट ऑफ होम प्रोडक्शन कोई काम नहीं मिलता था. उन्हें अच्छे ऑफर्स आने बंद हो गए थे. दिलीप कुमार ने भी पचहत्तर की उम्र पार करते करते फ़िल्मों में काम करना लगभग बंद कर दिया था. इनके अलावा ना जाने और कितने सुपर स्टार्स ऐसे थे और आज भी है, जो बढ़ती उम्र के साथ रिटायर होकर खाट पकड चुके हैं, या दुनिया को अलविदा कह गए हैं. ज्यादातर वरिष्ठ बुजुर्ग एक्टर्स का कहना होता है कि बहुत काम कर चुके हैं , अब आराम करना चाहिए, लेकिन यही आराम उन्हें आगे चलकर अशक्त, बीमार, लाचार और निष्क्रय बनाकर गुमनामी के दोज़ख में धकेल देते हैं. ऐसा नहीं है कि Amitabh Bachchan के शरीर में कोई व्याधि नहीं है, यह सबको पता है कि फिल्म 'कूली' की शूटिंग के दौरान हुए एक्सीडेंट के कारण उन्हें करीब दो सौ डोनर्स से साठ बोतल खून चढ़ाया गया था, जिसमें से हेपटाइटिस बी से संक्रमित खून भी उन्हें चढ़ गया और वे इस कठिन बीमारी से ग्रसित हो गए जिसके चलते बिग बी को मेजर लीवर सर्जरी करानी पड़ी. उन्हें उसी एक्सीडेंट के कारण स्मॉल इंटेस्टाइन में भी तकलीफें होती रही है जिसकी वजह से उन्हें खाने पीने में खूब एहतियात बरतना पड़ता है.
मौसम के जरा से ऊपर नीचे होने से बिग बी को अस्थमा से भी जूझना पड़ता है, ऑटो इम्यून समस्यायों के चलते उन्हें काफी सावधान रहना पड़ता है. बिग बी ने कोरोना और टीबी भी झेली है, कई बार वे बीमार पड़े, उनके शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था, लेकिन वे अपनी इच्छाशक्ति, कर्मठता और ईश्वर तथा सबके आशिर्वाद से ना सिर्फ स्वस्थ हुए बल्कि लगातार काम भी करते रहे और आज भी सतत सक्रियता में जीवन जी रहे हैं. यह कैसे संभव कर पाते हैं बिग बी? कैसे इस उम्र में भी इतने फिट, इतने एनर्जीटिक और समय के इतने पाबंद रह पाते हैं, जिसे देखकर बॉलीवुड के युवा से युवा स्टार भी हैरान रह जाते हैं. दरअसल Amitabh Bachchan अपने खान पान में सादगी रखना पसंद करते है. हमेशा हाइड्रेटेड रहने के लिए सादा पानी खूब पीते हैं, नारियल पानी, नींबू पानी, आंवला, ड्राई फ्रूट्स, तुलसी रस, खजूर वगैरह उनके खान पान में शामिल है.
खबरों के अनुसार अमिताभ हल्का फुल्का और कम खाना खाते हैं. मिर्च मसाला, चाकलेट, मिठाई चाय, कॉफी, पेस्ट्री से परहेज करते हैं, रोज़ सुबह योग और वर्क आउट करते हैं. अमिताभ का स्ट्रॉन्ग विल ही है, जिसने उन्हें 80 वर्ष की उम्र में भी बीस वर्ष की नौजवानी से नवाजा है आज हिंदी सिनेमा का शहंशाह उम्र के जिस दहलीज पर है, उसे निसंदेह रिटायर्मेंट की उम्र कहा जा सकता है, लेकिन काम के प्रति उनका जुनून, जज्बा यह साबित करता है कि जहां चाह है वहाँ राह है. आज अमिताभ अस्सी साल के उम्र में भी, साल में लगभग आठ फ़िल्में कर रहे हैं और बीस वर्ष पहले शुरू किया हुआ केबीसी को पूरे उत्साह से होस्ट करके, हर बार एक नया इतिहास बना रहे हैं.
अमिताभ की खासियत यह है कि वे शिखर पर पहुंच कर भी धरातल से जुड़े हुए हैं. उनके संस्कार उनके माता पिता (स्व डॉक्टर हरिवंशराय बच्चन तथा स्व.तेजी बच्चन) की देन है. बॉलीवुड के सुपर स्टार, बॉलीवुड के शहंशाह, सदी के महानायक होने के बावजूद उनमें ज़रा भी घमंड नहीं है , अपने से बड़ों के पांव छूना वे कभी नहीं भूले. समय के इतने पाबंद की एक मिनट इधर उधर नहीं करते, चाहे घड़ी मिला लीजिए. आज उन्हीं के नक्शे कदम पर उनके बच्चे अभिषेक बच्चन और बेटी श्वेता नन्दा भी चल रहे हैं. हर मामले में उनके डिसिप्लिन ने उन्हें इस उम्र में भी फिट एंड फाइन रखा है और यही वज़ह है कि वे 80 की उम्र में भी इस Uunchai पर विराजमान हैं, जिसकी झलकी दुनिया को उनकी नवीनतम फिल्म 'ऊँचाई' में नजर आएगी. उनके इसी जज़्बे को सलाम करते हुए हम उनके शतायु होने की कामना करते हैं और चाहते हैं कि उन्हें सदा इतनी Uunchai पर सफलता का परचम लहराते हुए दुनिया उन्हें देखती रहे और प्रेरित होती रहे.