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-शरद राय
भूचाल एक छोटा सा शब्द है जिसके अंतः में एक हलचल के छुपे होने का आभास होता है। भूचाल धरती के अंदर के प्रवाह को कहते हैं। भूचाल धर्मिक साम्प्रदायिक स्वरूप लेकर भी सामने आता है। अब एक भूचाल फ़िल्मों की बाढ़ का रूप लेकर सिनेमा घरों पर आने जा रहा है। साल 2022 में आने वाली तैयार फिल्मों की भीड़ देखकर कभी कल्पना नही की सकती थी कि इतनी फिल्में एकसाथ दर्शकों के सामने देखने के लिए आ सकती हैं! रिलीज होने के लिए सैकड़ों फिल्में आज रेस में हैं। सिनेमा घर और थियेटरों के लिए यह रस-ऑवर है। यह अलग बात है कि व्यवसाय की नज़र से रिजल्ट जो भी सामने आए!
पिछले दो साल में कोरोना बंदी के चलते सिनेमा हॉल बंद थे, तैयार होकर रिलीज के लिए फिल्मों की लाइन लग गई है। करीब हज़ार के करीब फिल्में हैं जो अकेले बॉलीवुड में बनकर रिलीज के लिए तैयार पड़ी हैं। करीब इतनी ही फिल्में हैं जो कम्प्लीशन पर हैं। और इतनी ही फिल्में सेंसर बोर्ड में पास कराने के लिए लाइन में लगी हैं। थियएटर में बुकिंग ना हो पाने से निराश तमाम निर्माता हैं जो ओटीटी की राह पकड़ने की फिराक में हैं। ओटीटी की फिल्में परिवार के साथ नही देखी जा पाती। निर्माता जो बाहर के होते हैं, जो ओटीटी प्लेटफॉर्म से पहले से 'अप्रूव' नही होते, उनको यहां सुरक्षित महसूस नही होता।उन्हें कहा जाता है कि वे कमीशन पर अपनी फिल्म को छोड़ जाएं। ऐसी हालत में प्रोडूजर ना घर का हुआ है ना घाट का होकर रह पा रहा है। करोड़ो रूपये लगाकर फिल्म बनाने वाला समझ नही पा रहा है कि अपनी फिल्म दर्शकों तक कैसे पहुंचाए। वह ओटीटी पर जाए जहां वह सुरक्षित महसूस नही करता या थियएटर पर जाए जहां उसे जगह नही मिल पा रही है।
अब आइए ज़रा सिनेमा घरों की हालत पर गौर करें। आज मल्टीप्लेक्स थिएटोरोंका जमाना है। सिंगल टॉकीज मृत प्राय हैं। मल्टीप्लेक्स थियएटर बहुधा बड़े बड़े स्टार की फिल्में ही चुनते हैं क्योंकि उनकी ऑडिएंस स्टारों की होती है। भोजपुरी, गुजराती, मारवाड़ी या छत्तीसगढ़ी सिनेमा का निर्माता मल्टीप्लेक्स में जाने की सोच भी नही पाता।उनकी फिल्म वहां नही लगती।अब आइए देखें, इस साल में कितनी बड़ी फिल्मों में होड़ रही है टाकीज पाने की। पिछले महीनों में रिलीज की गई कई फिल्में लंबे समय तक चलाई जाने लायक थी।दर्शक उनको देख भी रहे थे, लेकिन बुकिंग ना होने से वे फिल्में टाकीज से हटानी पड़ी थी। संजय लीला भंसाली की फिल्म 'गंगु बाई काठियावाडी' ऐसी ही फिल्म रही है जिसे देखने के लिए सही अर्थों में दर्शक टाकीज के रास्ते पर वापस हुए थे।लेकिन कम लोगों को पता होगा कि इसको दो हफ्ते चलाने के लिए 'सूर्यवंशी' को टाकीज से हटाया गया था। 'पुष्पा- द बिगिनिंग पार्ट 1' एक चलने वाली फिल्म थी, खूब कमाई दे रही थी लेकिन उसको टक्कर देने के लिए आगई 'द कश्मीर फाइल्स'। पुष्पा को कश्मीर की लहर के सामने घुटने टेक कर हटना पड़ा।
फिर आगई दूसरे हफ्ते ही 'RRR'- ये तीन की तीनों ही फिल्में बड़ी लम्बी रेस की घोड़ी थी, लेकिन इनको मैदान में दौड़ने के लिए ट्रेक खाली नही था। तभी आगई- 'KGF चैप्टर 2' इसने सभी ताकतवर घोड़ियों को दुलत्ती दे दिया। कमाई के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिया। सबसे अधिक मार पड़ी- शाहिद कपूर की क्लास फिल्म 'जर्सी' को।फिल्मों के भूचाल में यह फिल्म नहीं फंसी होती तो रिवार्ड और अवार्ड दोनो के लिए यह हकदार थी। इस भूचाल में इस हफ्ते की दो और रिलीज पायी फिल्में झकझोर में हैं अजय देवगन की फिल्म 'रनवे 36' और टाइगर श्रॉफ की फिल्म 'हीरोपंती 2'।
इसी तरह आगे के हफ्तों में हर हफ्ते कोई न कोई नई बॉलीवुड फिल्म थियएटर पर रिलीज हो रही है। दिसम्बर 2023 तक की कई फिल्मों का ट्रेलर/सांग /प्रोमोज और रिलीज की तारीखों की पार्टियां की जाचुकी हैं, की जा रही हैं। ऐसे में हम फिल्म निर्माताओं से कहना चाहेंगे कि बामुलायजा होशियार-खबरदार ! 2022 में रुकी हुई फिल्मों के भूचाल से निपटने के लिए! साथ ही हम दर्शकों से भी कहेंगे कि बड़ी शिद्दत से कोई निर्माता पर्दे के लिए एक फिल्म बनाता है। दो साल से जो राह सुनी थी, उसपर सबने एक साथ सवारी शुरू किया है। इसलिए हे दर्शक! आप इत्मीनान से फिल्म देखें, खूब देखें और सिनेमा का लुत्फ उठाएं!