अपने जमाने की मशहूर ऐक्ट्रेसेस में से एक परवीन बॉबी का आज जन्मदिन है। परवीन बॉबी की रील लाइफ जितनी अच्छी थी उनकी रियल लाइफ उतनी है विवादों से भरी थी। चाहे उनके कपड़ों का स्टाइल हो या फिर खुलेआम सिगरेट पीना। वे अपनी लाइफ बेहद बोल्ड और बिंदास तरीके से जीने में विश्वास रखती थीं। उनका जन्म 4 अप्रैल, 1949 को गुजरात के जूनागढ़ में हुआ था। आइए उनसे जुड़े कुछ दिलचस्प बातों पर नजर डालते हैं।
अमिताभ के साथ कई फिल्मों में किया काम
- परवीन ने अपने करियर की शुरुआत चरित्र फिल्म से की थी। यह फिल्म 1973 में रिलीज हुई थी। इसमें वह क्रिकेटर सलीम दुर्रानी के अपोजिट नजर आई थी। लेकिन उन्हें खास पहचान मजबूर फिल्म से मिली थी। इसमें उन्होंने अमिताभ बच्चन के साथ काम किया था।
- परवीन बॉबी का पूरा नाम परवीन वली मोहम्मद अली ख़ान बॉबी था। परवीन अपने माता-पिता की शादी के 14 साल बाद पैदा हुई थीं। परवीन बाबी की खूबसूरती का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि 1976 में टाइम मैगजीन ने अपने कवर पेज पर जगह दी थी।
इंडस्ट्री की बोल्ड ऐक्ट्रेसेस में से एक
- अपने करियर के दौरान परवीन बाबी ने कई फिल्मों में किया। बताया जाता है कि फिल्मों में ग्लैमसर कपड़े पहनने का ट्रेंड उन्होंने शुरू किया था। इंडस्ट्री में उनकी छवि एक बोल्ड एक्ट्रेस की थी।
- एक बार जब प्रसिद्ध निर्माता निर्देशक बीआर इशारा की नजर परवीन पर तब पड़ी जब वे सिगरेट पी रही थीं। इस दौरान वे मिनी स्कर्ट पहने हुए थी। इशारा उनसे इतने प्रभावित हो गए कि उन्होंने तुरंत अपनी फिल्म के लिए साइन कर लिया।
कई शादीशुदा पुरुषों से थे संबंध
- 1970 से 1980 के बीच परवीन ने 'दीवार', 'नमक हलाल', 'अमर अकबर एंथनी' और 'शान' जैसी ब्लॉकबस्टर फ़िल्में दीं। 1976 से 1980 के बीच रीना रॉय के बाद परवीन बॉबी दूसरी सबसे ज्यादा फीस लेने वाली एक्ट्रेस थीं।
- परवीन के कई विवाहित पुरुषों के साथ संबंध थे। इनमें महेश भट्ट, कबीर बेदी और डैनी डेनजोगपा भी शामिल हैं। अमिताभ बच्चन के साथ भी उनके संबंध होने की अफवाहें उड़ी थीं।
दो दिन बाद पता चली मौत की खबर
- महेश भट्ट ने बाद में बॉबी और उनके बीच के रिश्ते पर आधारित एक आत्मकथात्मक फ़िल्म ‘अर्थ’ (1982) बनाई, जिसके लेखक और निर्देशक भी वही थे। उनके और परवीन बॉबी के बीच के रिश्ते के तथ्यों पर आधारित एक और फ़िल्म 'वह लम्हे' (2006) आई, जिसके निर्देशक मोहित सूरी थे।
-परवीन बाबी की मौत 20 जनवरी, 2005 को जुहू स्थित उनके बंगले में हो गई थी लेकिन लोगों को उनकी मौत का पता 2 दिन बाद चला। परवीन ने अपनी प्रॉपर्टी की 80 फीसदी हिस्सा गरीबों के नाम कर दिया था। इसका खुलासा 11 साल बाद हुआ जब उनकी वसीयत को खंगाला गया।