पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की यह मशहूर कविता 'हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा' आज भी लोगों की जुबान पर रहती है। बीजेपी के नींव रखने वाले सदस्यों में से एक होने के साथ ही अटल बिहारी वाजपेयी एक शानदार कवि भी थे और उनकी कई कविताएं बहुत मशहूर हुईं। वो जितने अच्छे राजनीतिज्ञ थे उतने ही अच्छे कवि भी थे। वे हमेशा अपने भाषणों में अपनी कविताएं सुनाया करते थे। आज भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की 95वीं जयंती है। उनका जन्म ग्वालियर में 25 दिसंबर 1924 को हुआ था। अटल बिहारी वाजपेयी जी का निधन इसी साल 16 अगस्त को हुआ था।
हेमा मालिनी के बहुत बड़े फैन थे
राजनीति और अपनी कविताओं के अलावा अटल जी को फिल्मों से भी बहुत लगाव था। अटल बिहारी वाजपेयी बॉलीवुड अभिनेत्री हेमा मालिनी के बहुत बड़े फैन थे। हेमा मालिनी ने अटल बिहारी वाजपेयी के बारे में बात करते हुए एक बार खुद बताया था कि अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी एक फिल्म इतनी ज्यादा पसंद आयी कि उन्होंने 25 बार देखी थी। यह फिल्म थी 1972 में आई 'सीता और गीता'।
हेमा मालिनी ने खुद किया था ज़िक्र
हेमा ने बताया- मुझे याद है कि एक बार मैंने पदाधिकारियों से कहा कि मैं भाषणों में अटल बिहारी वाजपेयी का जिक्र करती हूं। लेकिन उनसे कभी मिली नहीं, मिलवाइए, तब वे मुझे उनसे मिलाने ले गए। लेकिन मैंने महसूस किया कि अटल बिहारी वाजपेयी बात करने में कुछ हिचकिचा रहे हैं।
25 बार देखी फिल्म 'सीता-गीता'
इस पर मैंने वहां मौजूद एक महिला से पूछा कि क्या बात है। अटल जी, ठीक से बात क्यों नहीं कर रहे। उन्होंने बताया कि असल में ये आपके बहुत बड़े प्रशंसक रहे हैं। इन्होंने 1972 में आई आपकी फिल्म 'सीता और गीता' 25 बार देखी थी। इसलिये वह अचानक आपको सामने पाकर हिचकिचा रहे हैं।
'देवदास' और 'बंदिनी' भी थी पसंद
अटल बिहारी वाजपेयी को अमिताभ और राखी पर फिल्माया गाना 'कभी कभी मेरे दिल में ख्याल आता है' बेहद पसंद था। यह गाना उनके दिल के काफी करीब था। मालूम हो कि ये गाना साल 1976 में आई फिल्म कभी-कभी का है। इसके अलावा अटल जी को देवदास और बंदिनी फिल्म भी बहुत पसंद है।
भारत रत्न से किया गया सम्मानित
आपको बता दें, कि कुछ समय पहले भारत सरकार ने अटल बिहारी वाजपेयी को भारत रत्न से सम्मानित किया था। वे 1991, 1996, 1998, 1999 और 2004 में लखनऊ से लोकसभा सदस्य चुने गए थे। वह बतौर प्रधानमंत्री अपना कार्यकाल पूर्ण करने वाले पहले और अभी तक एकमात्र गैर-कांग्रेसी नेता हैं।