रामानंद सागर के चर्चित धारावाहिक रामायण में मंथरा के रोल से फेमस हुईं 40 के दशक की अभिनेत्री ललिता पवार का आज (18 अप्रैल) को जन्मदिन है. ललिता पंवार हिंदी सिनेमा की उन अभिनेत्रियों में से थीं, जिन्होंने फिल्मों के साथ साथ टीवी पर भी खूब नाम कमाया. ललिता पवार 18 अप्रैल 1916 को नासिक में पैदा हुई थीं, वहीं 24 फरवरी 1998 को पुणे में उनका निधन हो गया था.
12 साल की उम्र में शुरु किया काम
हिंदी सिनेमा जगत में उन्हें ललिता के नाम से ही जाना गया लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि उनका असली नाम अंबा लक्ष्मण राव था. ललिता ने फिल्मों में शुरुआत बाल कलाकार के रूप में की थी. पहली बार वह बिना बोलती यानी एक मूक फिल्म में नजर आई थीं जिसके लिए उन्हें 18 रुपए फीस मिली थी. 12 साल की उम्र में 1928 में उन्होंने फिल्म राजा हरिश्चंद्र में काम किया था.
गाना भी गाती थीं ललिता पवार
ललिता पवार अपनी जवानी के दिनों में काफी ग्लैमरस और खूबसूरत थीं. वह जितनी अच्छी एक्टिंग करती थीं, उससे बेहतर वह गाती थीं. वो 1935 की फिल्म ‘हिम्मते मर्दां’ में उनका गाया ‘नील आभा में प्यारा गुलाब रहे, मेरे दिल में प्यारा गुलाब रहे’ उस वक्त काफी लोकप्रिय हुआ था. वह लगातार कामयाब होती जा रही थीं और इसी दौरान उनके साथ एक हादसा हुआ जिससे उनका चेहरा खराब हो गया.
1942 में फिल्म जंग-ए-आजादी की शूटिंग के दौरान एक्टर भगवान दादा ने ललिता को तमाचा मारा था. इस तमाचे के बाद वह जमीन पर गिर गईं और उनके कान से खून आ गया था. इसके बाद डॉक्टर ने उन्हें कोई गलत दवा दे दी जिससे उनके शरीर के दाहिने हिस्से को लकवा मार गया.
लकवा मारने की वजह से ललिता पवार के करियर पर ब्रेक लग गया था. उनकी दाहिनी आंख सिकुड़ गई थी और उनका चेहरा खराब हो गया था. अब इस चेहरे के साथ कोई भी उन्हें काम नहीं देता था. लंबे इंतजार के बाद 1948 में निर्देशक एसएम यूसुफ की फिल्म गृहस्थी में उन्हें रोल मिला.
ललिता पवार ने दो शादियां की थीं. पहली शादी उन्होंने गनपत राव पवार से की और बाद में उन्होंने प्रोड्यूसर राजप्रकाश गुप्ता से शादी की. 1990 में ललिता पवार को जबड़े का कैंसर हुआ. कैंसर की वजह से न सिर्फ उनका वजन कम हो गया, बल्कि उनकी याददाश्त भी कमजोर होने लगी जिसके कारण ललिता पवार का निधन हो गया.