चौदहवीं का चाँद, प्यासा, काला बाज़ार, राम और श्याम, पत्थर के सनम, नीलकमल, तीसरी कसम,गाइड जैसी फिल्मों में अभिनय करने वालीं गोल्डन एरा की सबसे बड़ी सुपरस्टार वहीदा रहमान का आज जन्मदिन है। उनका जन्म 3 फरवरी 1938 को हुआ था। बॉलीवुड की कई बेहतरीन फ़िल्में करने वालीं अभिनेत्री एक भरतनाट्यम् डांसर हैं। एक परफॉरमेंस के बाद किसी ने उनकी तस्वीर देखी तो उन्हें फिल्मों में एक्टिंग करने के लिए ऑफर आने लगें।
उस समय वहीदा रहमान 13 साल की थी। उन्होंने एक तेलुगु फिल्म में डांस किया जो बहुत मशहूर हुआ। इसके बाद एक तेलुगु फिल्म में उन्होंने लीड रोल किया। फिर उनकी बॉलीवुड में एंट्री हुई और एक सक्सेसफुल अभिनेत्री बनी।
वहीदा रहमान के गुरु जिन्होंने उन्हें भरतनाट्यम् सिखाया था उन्होंने पहले उन्हें डांस सिखाने से मना कर दिया लेकिन बाद में वो उनकी बेस्ट स्टूडेंट बनी। दरअसल जिस गुरु से वो डांस सीखना चाहती थीं वो उन्हें इसलिए डांस नहीं सीखना चाहते थे क्योंकि वो मुस्लिम थी लेकिन वहीदा ने ज़िद नहीं छोड़ी।
इसके बाद उनके गुरु ने वहीदा की कुंडली बनाई और जब उन्होंने कुंडली देखी तो उन्हें यकीन नहीं हुआ। कुंडली के अनुसार वहीदा उनकी लास्ट और सबसे अच्छी स्टूडेंट होंगी। इसके बाद वहीदा के गुरु ने उन्हें डांस सिखाने का फैसला किया।
वहीदा रहमान और देव आनंद 7 फिल्मों में एक साथ अभिनय कर चुके हैं
वहीदा रहमान और देव आनंद 60 के दशक में हिट जोड़ियों में से एक थे। दोनों 7 फिल्मों (प्रेम पुजारी, काला बाजार, सीआईडी, सोलवा साल, बात एक रात की, रूप की रानी चोरो का राजा और गाइड) में एक साथ अभिनय कर चुके हैं । उनकी सर्वश्रेष्ठ फिल्मों में से एक गाइड है।
गाइड फिल्म के गानें यहां सुनें
आज फिर जीने की तमन्ना है
दिल ढल जाए
तेरे मेरे सपने
कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित, वहीदा रहमान एक पद्म श्री और पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित अभिनेत्री हैं।
जब वहीदा रहमान ने अमिताभ बच्चन को मारा था थप्पड़
कपिल शर्मा शो पर वहीदा रहमान ने बताया था कि फ़िल्म 'रेशमा' और 'शेरा' की शूटिंग के दौरान एक सीन में अमिताभ बच्चन को उन्हें जोड़दार थप्पड़ मारना था लेकिन वो यह सीन नहीं कर पा रहीं थीं क्योंकि शूटिंग के वक़्त सेट पर अमिताभ की माँ बैठी हुईं थीं। फिर उन्हें बाहर भेजा गया तब जाकर वहीदा रहमान ने सीन पूरा किया।
वहीदा रहमान और अभिनेत्री नंदा ने विजय आनंद की फिल्म काला बाजार में एक साथ काम किया था जिसके बाद से दोनों बहुत अच्छे दोस्त बन गए और उनकी दोस्ती 55 साल तक बरक़रार रही जबतक नंदा का निधन नहीं हुआ था। नंदा ने 25 मार्च 2014 को आखरी साँस ली थी।