हैप्पी बर्थडे बिंदु देसाई
हिन्दी सिनेमा की मशहूर खलनायिका, डांसर और शानदार व्यक्तित्व की मलिका बिंदु का जन्म 17 अप्रैल 1951 को वलसाड, गुजरात में फिल्म प्रोडूसर नानूभाई देसाई और उनकी पत्नी ज्योतसना के घर हुआ था।इनकी सात बहने और एक भाई है। उन्होंने 16 साल की उम्र में अपने पड़ोसी और बचपन के साथी चंपकलाल झावेरी से शादी की थी। बिंदु के कोई संतान नहीं है। बच्चे की कोशिश में ही उन्हें काफी साल पहले गर्भपात हो गया था और उसके बाद वो कभी माँ नहीं बन पाई ।
बिंदु के पिता बिंदु को डॉक्टर बनाना चाहते थे। लेकिन जब बिंदु ३ साल की थी तो बिनु के पिता का देहांत हो गया और मज़बूरन फिल्मो में काम करना पड़ा। बिंदु ने फिल्मो में अपना डेब्यू (1962)'अनपढ़' फिल्म से मात्र 11 साल की उम्र में एक यंग कॉलेज ग्रेजुएट लड़की के रूप में किया था। बिंदु ने 'वैम्प' की वजह से काफी नाम कमाया ही पर अपने कैबरे डांस के लिए भी वो काफी जानी जाती थीं बिंदु ने कटी पतंग के एक गीत मेरा नाम शबनम के लिए कैबरे किया जिसने उन्हें हिन्दी सिनेमा में पहचान दिलाई ।बिंदु जी ने अबतक लगभग 150 फ़िल्मों में काम किया है उनमे से कुछ फिल्मे हैं :-औरत (1967),आया सावन झूम के (1969), डोली (1969), दो रास्ते (1969), इत्तेफ़ाक़ (1969), नतीजा, (1969), कटी पतंग (1970), अमर प्रेम (1971), प्रीत की डोरी (1971), दुश्मन (1971), हसीनो का देवता (1971), दिल का राजा (1972), एक बेचारा (1972), गरम मसाला (1972), राजा जानी (1972), मेरे जीवन साथी (1972), अभिमान (1973), गाई और गोरी (1973), धर्म (1973), जोशीला (1973),ज़ंजीर (1973), हवस (1974), फ्री लव (1974), इम्तिहान (1974),पगली (1974),प्रेम नगर (1974),चैताली (1975),दफा 302 (1975), जग्गू (1975), सेवक (1975),धोती लोटा और चौपाटी (1975), अर्जुन पंडित (1976), शंकर शंभु (1976), शंकर दादा (1976),शक़ुए (1976 ), दस नम्बरी (1976)'नहले पे दहला (1976)'चक्कर पे चक्कर (1977)' चला मुरारी हीरो बनने (1977),चलता पुर्ज़ा (1977),महा बदमाश (1977), बंदी (1978), चोर हो तो ऐसा (1978), देस परदेस (1978), गंगा की सौगन्द (1978), बेशरम (1978), जलन (1978), तृष्णा (1978), फंदेबाज (1978), राहु केतु (1978), राम कसम (1978), अमर डीप (1979), इंस्पेक्टर ईगल (1979), खानदान (1979), सरकारी मेहमान (1979),एग्रीमेंट (1980),ज्वालामुखी (1980), शान (1980), लावारिस (1981), नसीब (1981), प्रेम रोग (1982), पैसा यह पैसा (1985), कर्मा (1986), हिफाज़त (1987), बीवी हो तो ऐसi(1988), किशन कन्हैया (1990), शोला और शबनम (1992), आँखें (1993), रूप की रानी चोरों का राजा (1993), हम आपके हैं कौन (1994), जुड़वा (1997), एहसास इस तरह (1998), आंटी नम्बर.1 (1998), बनारसी बाबू (1998),जानम समझा करो (1999),सूर्यवंशम (1999), मेरे यार की शादी है (2002), मैं हूँ ना (2004), ॐ शांति ॐ (2007), मेहबूबा (2008) आदि