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अमृतसर-पूर्व (पंजाब) से कांग्रेस प्रत्यासी नवज्योत सिंह सिद्धू घिरे हैं  चौतरफा लड़ाई में ! बहन ने बेधा रिश्तों का पहला तीर!

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अमृतसर-पूर्व (पंजाब) से कांग्रेस प्रत्यासी नवज्योत सिंह सिद्धू घिरे हैं  चौतरफा लड़ाई में ! बहन ने बेधा रिश्तों का पहला तीर!

'गुरु हो जाओ शुरू!'

-शरद राय

कुछ लोग सदैव दूसरों के लिए मोटिवेशनल होते हैं लेकिन जब खुद पर आती है तो चौतरफा हमले के शिकार होते हैं। क्रिकेट, फिल्म, रियल्टी शो और राजनीति के इस चर्चित 'गुरु' को कौन नहीं जानता। इनदिनों वह पंजाब में अमृतसर- पूर्व की विधानसभा- कांस्टिटुएंसी न.18  से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार हैं। पिछले कुछ महीनों से वह  पंजाब की राजनीति में खुले सांड की तरह खेलते देखे गए हैं। अब वहां की चुनावी रणभूमि पर उनका अंदाज़ क्रिकेट की पिच और कपिल शर्मा के स्टैंड अप कॉमेडी के रियल्टी शो से बिल्कुल अलग है जहाँ वह हर आनेवाले मेहमान को चिल्लाया करते थे- 'गुरु होजा शुरू!' अब चुनाव के इस दौर में गुरु पर चारों ओर से हमले हैं। अपनी जुमलेबाजी और फड़कती शेरो शायरी से वह हमेशा की तरह बाहर निकल पाएंगे, वक्त बताएगा।

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नवज्योत सिंह सिद्धू के चुनावी रंग की चर्चा करने से पहले हम उनके होम फ्रंट पर चलते हैं जहां उनकी एक बहन सुमन तूर ने उनपर हमला बोला हुआ है।एक ऐसा हमला जिससे सिद्धू के अतीत से कुछ परतें खिसकती दिखाई देरही हैं। सुमन खुद को सिद्धू की बहन बताती हैं जो 70 साल की हैं, यूएस में रहती हैं। उनका आरोप सुनें तो सिद्धू  ने अपनी बहन और मां का को दर किनार किए रखा है और उनको अपनी ज़िंदगी मे शामिल नही रखा है। नवज्योत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू ने एक प्रेस वार्ता करके इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है। उनका कहना है कि सिद्धूजी जब दो साल के थे तभी उनकी मां और बाप का अलगाव हो गया था।उनकी माँ अपनी पहले पूर्ववर्ती पति से दो बेटीयों के साथ अलग रहने चली गयी थी। सुमन की कहानी में वे और सिद्धू एक ही मां-निर्मल भगवंत की संतान हैं।अगर बहनजी के आरोप सच माने जाएं तो सिद्धू ने मां- बहन का पारिवारिक हक मार रखा है। अब आप कहेंगे कि चुनाव के समय इन झगड़ों का क्या मतलब? दरअसल आजकल के चुनाव में ऐसे ही मशलों से दाव प्रतिदाव चला जाता है। सिद्धू की उस बहना ने एक पारिवारिक तीर मारा है जो विपक्ष को एक हथियार की तरह मिल गया है।

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दूसरी तरफ चुनावी फ्रंट पर अपनी बेवाक जुबानी (विरोधियों के लिए बदजुबानी) के लिए मशहूर सिद्धू के कई सशक्त विरोधी हैं।पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से उनका विरोध जग जाहिर है।यह सिद्धू थे जिसने कैप्टन को पिछले पूरे विधायिकी काल मे संतुलित नही रहने दिया। सिद्धू को उप मुख्यमंत्री और पंजाब प्रदेश का मुखिया बनाने की कवायद में कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी और राहुल गांधी भी कुछ सोच पाने की स्थिति में बने नही रह पा रहे थे।और, अभी भी मुख्यमंत्री का चेहरा किसे बनाकर चुनाव प्रचार में पेश किया जाए, यह कवायद कांग्रेस आलाकमान के लिए एक सवाल है जो शायद अगली सरकार के गठन तक बना भी रहेगा। निवर्तमान मुख्य मंत्री चरनजीत तानना कैसे सिद्धू से तालमेल बिठा पाते हैं, सहज सोचने का विषय है। पाकिस्तानी प्रधान मंत्री इमरान खान से सिद्धू की दोस्ती भी चुनाव प्रचार में उनके खिलाफ मंतव्य पेश करने वाली खबर बनी रहती है।

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पंजाब में विरोध की बड़ी धुरी आम आदमी पार्टी है। 'आप' के मुख्यमंत्री और मुखिया अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के भावी मुख्यमंत्री के रूप में भगवंत सिंह मान का चेहरा पहले ही पेश कर दिया है। भगवंत मान की राजनैतिक स्टाइल भी सिद्धू जैसी ही है। वह भी स्टैण्डअप कॉमेडियन हैं। वह भी कॉमेडी लाफ्टर चैलेंज का चेहरा राह चुके हैं। अगर सिद्धू 'गुरु' के रूप में मशहूर हैं तो भगवंत मान भी 'जुगुनू' नाम से मशहूर हैं। भले ही दोनो की कांस्टीट्यूएंसी अलग अलग है लेकिन अगर कांग्रेस मुख्यमंत्री की रेस में सिद्धू को पेश करती है तो वहां भी मुकाबलेदार मामला है।सिद्धू के पक्ष में अगर कुछ है तो साथ हैं उनकी राजनयिक पत्नी नवजोत कौर और उनकी बेवाक पाक छवि और स्पष्टवादिता।

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नो डाउट उनके फैन तो हैं ही! पंजाब में 20 फरवरी को चुनाव है।अगर वहां से उससे पूर्व इलेक्शन कमीशन प्रचार से प्रतिबंध हटाता है और स्टार प्रचारकों को अनुमति मिलती है कि वे अपने चाहने वालों के लिए प्रचार में जा सकें, तो देखने वाली बात होगी कि बॉलीवुड से कितने कपिल शर्मा जैसे सितारे सिद्धूप्रा जी का साथ देने अमृतसर पहुंचते हैं !

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