दलेर मेहंदी ने लोहड़ी के दिन याद किया अपना बचपन, जानें कैसे मनाते थे अपना त्यौहार

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दलेर मेहंदी ने लोहड़ी के दिन याद किया अपना बचपन, जानें कैसे मनाते थे अपना त्यौहार

हमारे देश में कई प्रसिद्ध त्यौहार हैं। उन्हीं त्यौहारों में से एक है लोहड़ी का त्यौहार। हरियाणा और पंजाब के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के कई बड़े-बड़े क्षेत्रों में बड़ी धूमधाम से इस त्यौहार को मनाया जाता है। जानें-माने सितारे भी लोहड़ी के त्यौहार को बड़ी धूमधाम से मनाते हैं। दिलेर मेहंदी ने भी इस त्यौहार से जुड़ीं कई यादों को साझा किया। वे कहते हैं कि बचपन से ही हमने इस त्यौहार को बड़ी धूमधाम से लोगों को मनाते हुए देखा है और खुद भी इस जश्न का हिस्सा बने हैं।

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हमेशा से हमने लोहड़ी से जुड़े रीति रिवाजों को न केवल बड़ी शिद्दत से निभाया है बल्कि लोहड़ी की अग्नि जलाकर इस त्यौहार को और रोशन भी किया है। हमारे यहां परंपरा है कि इस अग्नि में मूंगफली, तिल, रेवड़ी, मूंगफली, गुड़ आदि चीजें अर्पण की जाती है। हालांकि इस दिन के बाद ठंड थोड़ी कम होनी शुरू हो जाती है।

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आगे दलेर मेहंदी कहते हैं कि बचपन में लोहड़ी वाले दिन हम लोग दूसरों के घरों में लोहड़ी मांगने जाते थे और जब उन घरों से हमें 10-15 पैसे मिलते थे या हम गुड़ की मिठाइयां इकट्ठा करते थे तो हमारे लिए ये किसी जन्नत से कम नहीं था। उसके बाद खूब गाना बजाना हुआ करता था।

लोहड़ी के बाद बसंत की फुहारें शुरू हो जाती है। चारों तरफ खुशियाली हरे पेड़-पौधे, पक्षियां चहकते हैं। यह सब मन को मोह लेती हैं। आज भी हम उसी उत्साह के साथ इस पर्व को मनाते हैं और अपने अंदर एक नई ताजगी को पैदा करते हैं। दलेर मेहंदी ने सुरक्षा को लेकर कहा कि देश में फैली महामारी को देखते हुए लोग अपने घरों में लोहड़ी का त्यौहार सुरक्षा और परिवार वालों की सेहत को ध्यान में रखते हुए मनाएं।

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