हिंदी फिल्मों के जाने माने डायरेक्टर मनमोहन देसाई की आज 25वीं पुण्यतिथि है। सभी जानते हैं अमिताभ बच्चन को सदी का महानायक बनाने में फिल्म डायरेक्टर मनमोहन देसाई का बहुत बड़ा योगदान रहा है। निधन के इतने साल बाद भी उनकी फ़िल्मों को फैंस आज भी बेहद पसंद करते हैं और उनकी हर फिल्म की लोग तारीफ करते हैं।
यहां तक कि खुद अमिताभ बच्चन भी कई मौकों पर ऐसा कह चुके हैं। अमिताभ बच्चन को नायक के रूप में लेकर मनमोहन देसाई ने कई यादगार फ़िल्में दी हैं। 'अमर अकबर एंथनी', 'परवरिश', 'सुहाग', 'नसीब', 'देश प्रेमी', 'कुली', 'मर्द', 'गंगा जमुना सरस्वती' और 'तूफ़ान' मनमोहन देसाई की ये सभी फ़िल्में बच्चन की बेस्ट फ़िल्मों में गिनी जाती हैं। ज़ाहिर है अमिताभ बच्चन को सदी का महानायक बनाने में मनमोहन देसाई के इन फ़िल्मों की बड़ी भूमिका है।
मनमोहन देसाई उन चुनिंदा डायरेक्टर्स में से हैं, जिन्होंने राज कपूर, शम्मी कपूर और शशि कपूर तीनों भाइयों के साथ भी अलग-अलग फ़िल्में की हैं। राज कपूर के साथ उन्होंने 'छलिया', शम्मी कपूर के साथ 'राजकुमार', 'बदतमीज' और 'ब्लफमास्टर' जैसी फ़िल्में दीं तो वहीं शशि कपूर के साथ 'आ गले लग जा' और 'सुहाग' जैसी फ़िल्में दी हैं। सुपरस्टार राजेश खन्ना के साथ भी मनमोहन देसाई ने 'सच्चा झूठा' और 'रोटी' जैसी कामयाब फ़िल्में दी हैं।
जीतेंद्र, धर्मेन्द्र, शत्रुघ्न सिन्हा, ऋषि कपूर और रंधीर कपूर जैसे स्टार्स के साथ भी देसाई ने कुछ बेहतरीन और यादगार फ़िल्में दी हैं। बल्कि यह कहना गलत नहीं होगा कि मनमोहन देसाई ने अपने दौर के सभी टॉप के स्टार्स के साथ काम किया और उनकी बनाई गयी फ़िल्में इंडियन सिनेमा में एक मिसाल बनीं। एक मार्च 1994 में मनमोहन देसाई के निधन की खबर ने पूरे बॉलीवुड को हिला दिया था।
ऐसा कहा जाता है कि देसाई की मौत उनके घर की बालकनी से गिरने से हुई। उस वक्त ऐसी भी बातें हो रही थीं कि उन्होंने आत्महत्या किया था। हालांकि उनकी मौत आज भी एक रहस्य है। इसके अलावा क्या आप जानते हैं कि मनमोहन देसाई से फ़िल्म अभिनेत्री नंदा बेहद मोहब्बत करती थीं। देसाई भी उन्हें चाहते थे। लेकिन, बेहद शर्मीली नंदा मनमोहन से कभी अपने प्यार का इज़हार न कर सकीं और फिर मनमोहन देसाई की शादी हो गयी।
मनमोहन की शादी के बाद नंदा भी अपनी ज़िंदगी में सिमट कर रह गयीं। लेकिन, कुछ समय बाद ही देसाई की पत्नी का निधन हो गया। इसके बाद मनमोहन ने फिर से नंदा के नाम मोहब्बत का पैगाम पहुंचाया। नंदा ने उसे स्वीकार भी कर लिया। 1992 में 53 साल की उम्र में नंदा ने उनसे सगाई कर ली। लेकिन, होनी को शायद कुछ और ही मंजूर था। सगाई के दो साल बाद ही मनमोहन देसाई की मौत हो गई।
देसाई और नंदा दोनों कभी एक नहीं हो पाए और इस तरह नंदा ताउम्र अविवाहित ही रह गईं। नंदा का निधन 75 साल की उम्र में साल 2014 में हुआ।