सुप्रसिद्ध संगीतकार, पंडित हृदयनाथ मंगेशकर ने अपनी बड़ी बहन, लता दीदी के स्मारक निर्माण पर उठते विवाद को लेकर भावभीनी विचार व्यक्त की

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सुप्रसिद्ध संगीतकार, पंडित हृदयनाथ मंगेशकर ने अपनी बड़ी बहन, लता दीदी के स्मारक निर्माण पर उठते विवाद को लेकर भावभीनी विचार व्यक्त की

-सुलेना मजुमदार अरोरा

संगीतकार पंडित हृदयनाथ मंगेशकर (जन्म 26 अक्टूबर 1937)  ने संगीत जगत में 1955 से 2009 तक मराठी और हिंदी फिल्मों में बहुत सारे खूबसूरत और दिल छूने वाले गीत कमपोज किए जो संगीत इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज़ है, और ऐसा क्यों ना हो, उनके रगों में भी तो दिग्गज संगीतज्ञ पंडित दीनानाथ मंगेशकर और स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर का लहु बह रहा है। वे दीनानाथ मंगेशकर के इकलौते पुत्र तथा लता मंगेशकर के इकलौते छोटे भाई है। लता जी और हृदयनाथ मंगेशकर जी में जो बॉन्ड और प्यार था वो भाई बहन के बीच के मधुर रिश्ते की एक अमर मिसाल है। वे लता जी के छोटे भाई होने के साथ साथ लता जी के लिए पुत्र समान भी रहें, यही कारण है कि लताजी के पार्थिव शरीर को हृदयनाथ जी ने ही मुखाग्नि दी थी। लता जी, जीवन भर अपना हर सुख दुख, हृदयनाथ जी से ही शेयर करती थी और अपने जीवन के अहम फैसलों में अपने  प्यारे, लाडले, छोटे भाई हृदयनाथ की राय लिया करती थी। आज जब लता दीदी इस दुनिया को अलविदा कह कर अमर हो चुकी है तब भी उनका यह छोटा भाई अपनी मां तुल्य लता दीदी के मरणोपरांत लिए जाने वाले हर विधि और कार्य को विधिवत् अंजाम दे रहे हैं हालांकि खुद उनकी उम्र भी चौरासी वर्ष है।

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इन दिनों स्व लता मंगेशकर जी के स्मारक को लेकर जो बातें, चर्चाएं और फैसले लिए जाने की मांग और बात हो रही है, उसपर  हृदयनाथ जी ने अपने मन की बात बहुत भावभीनी अंदाज़ से साझा की। दरअसल मुंबई के प्रसिद्ध शिवाजी पार्क में भारत रत्न गायिका लता मंगेशकर के स्मारक के मुद्दे पर राजनीतिक विवाद छिड़ गया है। कुछ नेताओं ने मांग की है कि शिवाजी पार्क में लता दीदी का स्मारक बनाया जाए जबकि अन्य ने स्मारक का विरोध जताया है। जाने-माने संगीतकार और लता दीदी के इकलौते छोटे भाई, पंडित हृदयनाथ मंगेशकर, जिन्हें सभी बालासाहेब के नाम से भी पुकारते हैं  ने पहली बार इस पर अपने विचार व्यक्त किए और सभी नेताओं से स्मारक में हो रही राजनीति को रोकने का अनुरोध किया है। पंडित हृदयनाथ मंगेशकर ने कहा है, 'हमें शिवाजी पार्क में लता दीदी का स्मारक नहीं चाहिए, हम शिवाजी पार्क में लता मंगेशकर का स्मारक नहीं चाहते हैं, कृपया आप सब लोग राजनीति बंद कीजिए। हम नहीं चाहते कि लता दीदी का स्मारक शिवाजी पार्क में हो। वे पूरी दुनिया की लता दीदी हैं, सभी जगह के लोग उन्हें दिल में बैठाए हुए हैं। उनके जाने से जो शून्य पैदा हुआ है वह आकाश से भी विशाल बल्कि अंतरिक्ष जितना बड़ा है। उस स्थान में यदि गंगा की अनेक नदियां भी प्रभावित हो, तो भी वह शून्य नहीं भरेगा। लता मंगेशकर की समाधि को लेकर विवाद चल रहा है, हमारे लिए लता मंगेशकर परिवार के इस विवाद में शामिल होने का कोई कारण नहीं है, क्योंकि हम नहीं चाहते हैं कि दीदी का स्मारक शिवाजी पार्क में हो।' मुंबई वासियों को सांत्वना देते हुए पंडित मंगेशकर ने आगे कहा कि 'शिवाजी पार्क में दीदी का स्मारक होने के बारे में,  हम कह रहे हैं कि  हम सब, राजनेताओं द्वारा उठाए जा रहे विवादों को रोके, जो शिवाजी पार्क में स्मारक और दीदी के बारे में शुरू हुए थे।

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कृपया राजनीति ना करें। महाराष्ट्र सरकार ने 'लता मंगेशकर संगीत विद्यालय' स्थापित करने का वादा किया है। यह अनुरोध खुद लता दीदी ने किया था। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, मंत्री उदय सामंत और मंत्री आदित्य ठाकरे ने इस मांग को सहर्ष स्वीकार कर लिया था। इसके लिए उन्होंने पूरी तैयारी भी कर ली है। अब दीदी का संगीत महाविद्यालय के रूप में, संगीत में स्मारक होगा। अंतर्राष्ट्रीय संगीत विद्यापीठ कि स्थापना, यही लता दीदी के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है,  इससे बड़ा कोई स्मारक नहीं हो सकता। श्रद्धेय को श्रद्धांजलि देने की कोई जरूरत नहीं। लता मंगेशकर का जाना एक संगीत पर्व का ही नहीं, एक संगीत युग का अंत है।'

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हृदयनाथ मंगेशकर एक दिग्गज़ संगीतकार और गायक भी हैं। उन्होंने कई हिट  मराठी और हिंदी फिल्मों में सुपर हिट गीत कंपोज़ किए, जैसे, संसार, चानी, जैत रे जैत, उम्बरठा, खेल सवल्यांचा, जानकी, सुबह, लेकिन, माया मेमसाब, लाल सलाम, मशाल, धनवान। उन्हें कई प्रेस्टिजियास अवॉर्ड्स से नवाजा गया, जैसे नैशनल अवॉर्ड, लता मंगेशकर अवॉर्ड, पद्म श्री पुरस्कार। महाराष्ट्र के उनके मुरीदों द्वारा उन्हें पंडित का टाइटल भी प्रदान किया गया, दिग्गज़ भीमसेन जोशी के कर कमलों से।  शंकराचार्य द्वारा भाव गंधर्व का टाइटल भी हृदयनाथ मंगेशकर को नवाजा गया।

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